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Adipurush Review: पटना के दर्शकों को नहीं भाया आदिपुरुष, कहा - 'आस्था का बनाया गया है मजाक'

पटनावासियों को फिल्म आदिपुरुष बकवास और पैसे की बर्बादी लगी. फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखकर सिनेमाघरों से निकले दर्शकों ने कहा कि धर्म के नाम पर लूटा गया और आस्था से जुड़ी भावनाओं का मजाक बनाया गया है. फिल्म में टपोरी भाषा का इस्तेमाल किया गया है. यहां के दर्शकों ने फिल्म को काफी खराब रिव्यू दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 16, 2023, 11:07 PM IST

पटना के दर्शकों ने फिल्म आदिपुरुष का दिया खराब रिव्यू

पटना: बिहार की राजधानी पटना में दर्शकों को फिल्म आदिपुरुष अच्छी नहीं लगी. रामायण की महागाथा पर बनी बहुचर्चित फिल्म आदिपुरुष रिलीज हो चुकी है. बाहुबली फिल्म स्टार प्रभास ने इस फिल्म में राम का किरदार निभाया है. इस वजह से लोगों को फिल्म से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन पटना में फिल्म देख कर निकल रहे लोगों ने बताया कि फिल्म उन्हें बहुत खराब लगी. पहले दिन की शो के लिए कई दिनों पूर्व से एडवांस बुकिंग करा कर लोगों ने सिनेमा हॉल में सीटें बुक की और जब फिल्म देख कर निकले तो कहा कि पूरी तरह से यह पैसे और समय की बर्बादी रही.

ये भी पढ़ें: Adipurush Film: 'हनुमान जी देखने पहुंचे फिल्म आदिपुरुष'.. भागलपुर के दीप प्रभा सिनेमा हॉल में सीट बुक

'धर्म के नाम पर लूटा गया': लोगों ने बताया कि फिल्म के मेकर्स ने धर्म के नाम पर लूटने की कोशिश की है और लोगों की आस्था से जुड़ी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. युवा वर्ग ने कहा कि फिल्म में छपरी भाषा यानी टपोरी छाप भाषा का इस्तेमाल किया गया है. रावण के रूप में सैफ अली खान रावण नहीं लग कर बल्कि ओमकारा के लंगड़ा त्यागी ही लगे हैं. हालांकि फिल्म में एनिमेशन होने की वजह से बच्चों ने इसे सराहा है.

'वीएफएक्स और डबिंग बकवास': फिल्म रिलीज होने के बाद फर्स्ट डे का शो देखकर सिनेमा हॉल रीजेंट से निकलते हुए गौरव ने बताया कि कहानी को काफी संक्षेप में दिखाया गया है इससे जो फीलिंग है वह कम हुई है. वीएफएक्स का इस्तेमाल उन्हें ठीक लगा है और वह इसे 5 में 3 रेटिंग देंगे. फिल्म देखकर निकलते हुए एक दर्शक ने बताया कि यह फिल्म रामायण नहीं लग रही बल्कि किसी सल्तनत पीरियड का वॉर सीन लग रहा है. सैफ अली खान फिल्म में रावण कहीं से नहीं लग रहे हैं. वीएफएक्स उन्हें बकवास लगा है और पूरी फिल्म उन्हें बकवास लगी है.

"लोगों की आस्था से जुड़ी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. रावण के रूप में सैफ अली खान रावण नहीं लग कर बल्कि ओमकारा के लंगड़ा त्यागी ही लगे हैं. फिल्म में छपरी भाषा यानी टपोरी छाप भाषा का इस्तेमाल किया गया है. कहानी को काफी संक्षेप में दिखाया गया है इससे जो फीलिंग है वह कम हुई है. वीएफएक्स का इस्तेमाल उन्हें ठीक लगा है और वह इसे 5 में 3 रेटिंग देंगे" - गौरव, दर्शक

'रामायण की कहानी को बर्बाद कर दिया': फिल्म देखकर निकलती महिलाओं ने बताया कि फिल्म में रामायण की वास्तविक कहानी को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है. फिल्म उन्हें बकवास लगी है. फिल्म फ्लॉप हो जाएगी. वहीं अभिषेक ने बताया कि धर्म के नाम पर लूटने की कोशिश की गई है. आस्था से जुड़ी भावनाओं का मजाक बनाया गया है. फिल्म की डबिंग और वीएफएक्स उन्हें बहुत खराब लगी और डबिंग इससे अच्छी साउथ की फिल्मों की हिंदी में होती है.

'सनातन का बना दिया है मजाक': फिल्म देखकर निकलने वाली युवाओं की एक मंडली ने बताया कि पूरी तरह से समय की बर्बादी रही. सनातन का मजाक बनाया गया है. राम सीता रावण सभी को कार्टून बना दिया गया है. ऐसा लग रहा है कि यह कोई एनीमेटेड कार्टून फिल्म है. रावण के हेयर स्टाइल में ब्लेड का दो कट लगा दिया गया है, भाषा बहुत खराब है और रामायण का मजाक बना दिया गया है. वहीं 9 साल के आदित्य ने बताया कि उसे फिल्म बहुत पसंद आई, फिल्म में एनिमेशन बहुत अच्छा लगा और जिस प्रकार फिल्म का वीएफएक्स है. वह 10 में 10 अंक फिल्म को देंगे.

बच्चों को अच्छी लगी फिल्म: 8 वर्षीय बच्ची आराध्या ने बताया कि उसे फिल्म बहुत अच्छी लगी, फिल्म में उसे रामजी अच्छे लगे और फिल्म देखकर काफी मजा आया. आराध्या के अभिभावकों ने बताया कि फिल्म में जो डायलॉग हैं वह त्रेता युग के कल्चर को सूट नहीं करता है. फिल्म में भाषा आज की जेनरेशन में जो लोकल बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल की जाती है वही है. फिल्म के संवाद को छोड़ दे तो ठीक-ठाक फिल्म है.

पटना के दर्शकों ने फिल्म आदिपुरुष का दिया खराब रिव्यू

पटना: बिहार की राजधानी पटना में दर्शकों को फिल्म आदिपुरुष अच्छी नहीं लगी. रामायण की महागाथा पर बनी बहुचर्चित फिल्म आदिपुरुष रिलीज हो चुकी है. बाहुबली फिल्म स्टार प्रभास ने इस फिल्म में राम का किरदार निभाया है. इस वजह से लोगों को फिल्म से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन पटना में फिल्म देख कर निकल रहे लोगों ने बताया कि फिल्म उन्हें बहुत खराब लगी. पहले दिन की शो के लिए कई दिनों पूर्व से एडवांस बुकिंग करा कर लोगों ने सिनेमा हॉल में सीटें बुक की और जब फिल्म देख कर निकले तो कहा कि पूरी तरह से यह पैसे और समय की बर्बादी रही.

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'धर्म के नाम पर लूटा गया': लोगों ने बताया कि फिल्म के मेकर्स ने धर्म के नाम पर लूटने की कोशिश की है और लोगों की आस्था से जुड़ी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. युवा वर्ग ने कहा कि फिल्म में छपरी भाषा यानी टपोरी छाप भाषा का इस्तेमाल किया गया है. रावण के रूप में सैफ अली खान रावण नहीं लग कर बल्कि ओमकारा के लंगड़ा त्यागी ही लगे हैं. हालांकि फिल्म में एनिमेशन होने की वजह से बच्चों ने इसे सराहा है.

'वीएफएक्स और डबिंग बकवास': फिल्म रिलीज होने के बाद फर्स्ट डे का शो देखकर सिनेमा हॉल रीजेंट से निकलते हुए गौरव ने बताया कि कहानी को काफी संक्षेप में दिखाया गया है इससे जो फीलिंग है वह कम हुई है. वीएफएक्स का इस्तेमाल उन्हें ठीक लगा है और वह इसे 5 में 3 रेटिंग देंगे. फिल्म देखकर निकलते हुए एक दर्शक ने बताया कि यह फिल्म रामायण नहीं लग रही बल्कि किसी सल्तनत पीरियड का वॉर सीन लग रहा है. सैफ अली खान फिल्म में रावण कहीं से नहीं लग रहे हैं. वीएफएक्स उन्हें बकवास लगा है और पूरी फिल्म उन्हें बकवास लगी है.

"लोगों की आस्था से जुड़ी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. रावण के रूप में सैफ अली खान रावण नहीं लग कर बल्कि ओमकारा के लंगड़ा त्यागी ही लगे हैं. फिल्म में छपरी भाषा यानी टपोरी छाप भाषा का इस्तेमाल किया गया है. कहानी को काफी संक्षेप में दिखाया गया है इससे जो फीलिंग है वह कम हुई है. वीएफएक्स का इस्तेमाल उन्हें ठीक लगा है और वह इसे 5 में 3 रेटिंग देंगे" - गौरव, दर्शक

'रामायण की कहानी को बर्बाद कर दिया': फिल्म देखकर निकलती महिलाओं ने बताया कि फिल्म में रामायण की वास्तविक कहानी को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है. फिल्म उन्हें बकवास लगी है. फिल्म फ्लॉप हो जाएगी. वहीं अभिषेक ने बताया कि धर्म के नाम पर लूटने की कोशिश की गई है. आस्था से जुड़ी भावनाओं का मजाक बनाया गया है. फिल्म की डबिंग और वीएफएक्स उन्हें बहुत खराब लगी और डबिंग इससे अच्छी साउथ की फिल्मों की हिंदी में होती है.

'सनातन का बना दिया है मजाक': फिल्म देखकर निकलने वाली युवाओं की एक मंडली ने बताया कि पूरी तरह से समय की बर्बादी रही. सनातन का मजाक बनाया गया है. राम सीता रावण सभी को कार्टून बना दिया गया है. ऐसा लग रहा है कि यह कोई एनीमेटेड कार्टून फिल्म है. रावण के हेयर स्टाइल में ब्लेड का दो कट लगा दिया गया है, भाषा बहुत खराब है और रामायण का मजाक बना दिया गया है. वहीं 9 साल के आदित्य ने बताया कि उसे फिल्म बहुत पसंद आई, फिल्म में एनिमेशन बहुत अच्छा लगा और जिस प्रकार फिल्म का वीएफएक्स है. वह 10 में 10 अंक फिल्म को देंगे.

बच्चों को अच्छी लगी फिल्म: 8 वर्षीय बच्ची आराध्या ने बताया कि उसे फिल्म बहुत अच्छी लगी, फिल्म में उसे रामजी अच्छे लगे और फिल्म देखकर काफी मजा आया. आराध्या के अभिभावकों ने बताया कि फिल्म में जो डायलॉग हैं वह त्रेता युग के कल्चर को सूट नहीं करता है. फिल्म में भाषा आज की जेनरेशन में जो लोकल बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल की जाती है वही है. फिल्म के संवाद को छोड़ दे तो ठीक-ठाक फिल्म है.

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