पटना: पुलिस मुख्यालय में सीआईडी के एडीजी विनय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राज्य में अपराध नियंत्रण में है. क्राइम रेट थमा हुआ है. अपराध की जो दर 2017 में दर्ज की गई थी, वही दर 2018 में रही है. एडीजी ने राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के हवाले से जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में दुष्कर्म और यौन शोषण के मामलों में कमी आयी है.
संज्ञेय अपराध के साथ-साथ महिला अपराध के मामले में भी उन्होंने कहा कि राज्य में 2017 की तुलना में महिला अपराध की संख्या भी घटी है. साथ ही बलात्कार और महिलाओं से दुर्व्यवहार के मामले भी घटे हैं. हत्या, डकैती या लूट का मामला हो. सभी में एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार सुधार परिलक्षित हुआ है.
शराबबंदी को दिया श्रेय
विनय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो अपराध के आंकड़े जनसंख्या के आधार पर गणना कर जारी करती है. 2017 से अगर हम तुलना करें, तो सभी तरह के अपराध दर में कमी हुई है. उन्होंने कहा कि जहां तक बलात्कार और दंगा के साथ-साथ सेक्सुअल हरासमेंट की बात है. उसमें भी काफी कमी हुई है.
फिरौती के लिए अपहरण की घटना 2017 की तुलना में 2018 में बहुत कम हुई हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्णता शराबबंदी के पश्चात मुख्य रूप से दंगा और महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं हंगामा की घटनाओं में काफी कमी आई है.
एनसीआरबी के डाटा पर एडीजी ने लगाई मुहर
एक तरफ जहां विपक्ष लगातार एनसीआरबी के आंकड़े आने के बाद सत्ता पक्ष पर निशाना साध रही थी. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस मुख्यालय ने साफ-साफ दावा किया है कि अपराध की दर बिहार में घटी है. साथ ही एनसीआरबी के डाटा को जनसंख्या आधारित बताया है और कहा है कि अपराध के कई तरह के मामले होते हैं. उसमें खासकर महिला अपराध बलात्कार, दंगा और हत्या जैसे मामले में काफी कमी हुई है.