पटना: भागलपुर के नाथनगर में मिल रहे बम और धमाके का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि, जगदीशपुर में दो जिंदा बम मिलने से सनसनी फैल गई है. हालांकि जगदीशपुर थाना क्षेत्र के सैदपुर गांव के बहियार में दो जिंदा बम के साथ ग्रामीणों ने दो युवकों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है. वहीं इस मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय भी सतर्क है. वहीं एक के बाद एक तीन धमाकों के बाद रक्षा विशेषज्ञ इसके पीछे आतंकी साजिश (Terrorist Conspiracy Behind Bhagalpur Bomb Blast) की आशंका भी जता रहे हैं.
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दरअसल भागलपुर जिला में एक के बाद एक हुए तीन बम धमाकों ने पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती दी है. बता दें कि भागलपुर में लगातार हो रहे बम धमाकों से एक बार फिर से शहर दहल उठा है. सोमवार को भागलपुर के नाथनगर क्षेत्र के मखदूम शाह दरगाह (Bomb Blast Near Makdoom Shah Dargah) के पास बम ब्लास्ट में एक बच्चे की मौत हो गई थी, दो जिंदा टिफिन बम भी बरामद किया गया था.
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वहीं 13 दिसंबर को नाथनगर क्षेत्र (Bomb Blast Near Nathnagar Railway Station) में बम विस्फोट की तीसरी घटना हुई. इससे पहले भी भागलपुर के नाथनगर में ही बीते दिनों पहले जमालपुर रेल खंड के रेलवे ट्रैक के पर बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी. वहीं दूसरा बम ब्लास्ट 11 दिसंबर को हुआ था, जिसमें 2 बच्चे बुरी तरह से घायल हो गए थे. उसके बाद तीसरा बम ब्लास्ट सोमवार को हुआ था और मंगलवार को दो जिंदा बम बरामद किया गया है. पकड़े गए आरोपी धर्मेंद्र राम और विकास राम से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है.
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वहीं भागलपुर में लगातार बम ब्लास्ट और टिफिन बम मिलने के पीछे गहरी साजिश नजर आ रही है. रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह (Defense Specialist On Bhagalpur Bomb Blast ) की मानें तो "भागलपुर क्षेत्र में लगातार मिल रहा टिफिन बम का कनेक्शन इंडियन मुजाहिदीन (Bomb Blast Linked To Indian Mujahideen) से जोड़कर देखा जा रहा है. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड के रास्ते मछली के ट्रकों से विस्फोटक पहुंच रहा है. झारखंड में ट्रक पकड़ा गया है, जो भागलपुर आ रहा था."
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"केन बम की क्षमता उसके अंदर विस्फोटक की मात्रा पर निर्भर करता है.। केन बम जोकि, रेलवे ट्रैक के पास मिला है उसकी क्षमता ज्यादा होगी. केन बम को रिमोट के माध्यम से जोड़कर भी चलाया जा सकता है. हैंड ग्रेनेड पूरा डेढ़ सौ गज के एरिया को नास्ताबूत करता है और 9 गज के एरिया को पूरा खात्मा करने की ताकत रखता है."- ललन सिंह, रक्षा विशेषज्ञ
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रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि, "केन बम को क्षमता के अनुसार बनाया जाता है, जितनी जिसको जरूरत होती है. हालांकि यह जांच का विषय है. जांच के उपरांत ही कहा जा सकता है कि, जो आईडी मिला है वह किस तरह का आईडी है. रक्षा विशेषज्ञ के अनुसार भागलपुर की एसपी नताशा गुड़िया ने भी माना है कि, लगातार मिल रहे बम का कनेक्शन कहीं ना कहीं इंडियन मुजाहिदीन से हो सकता है. उन्होंने बताया कि, दिल्ली के रोहिणी कोर्ट और पटना के खेमनीचक बांका में पहले भी केन बम बरामद किया गया था. जिसको लेकर हमें सतर्क रहने की जरूरत है.
दरअसल बिहार में एक के बाद हो रहे बम ब्लास्ट के बाद बिहार को अलर्ट रहने की जरूरत है. बांका, दरभंगा फिर भागलपुर ब्लास्ट को एक दूसरे से जोड़कर देखा जा रहा है. बिहार का सीमांचल मिथिलांचल इलाका अब आतंकियों के लिए सेफ जोन माना जाने लगा है. पहले भी कई आतंकियों को बिहार से गिरफ्तार किया गया है. आईएसआई द्वारा देश के आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, बिहार भी इससे अछूता नहीं है. बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते आसानी से आतंकी देश में घुसते रहे हैं और बिहार का सीमांचल मिथिलांचल इलाका उनके लिए सेफ जोन माना जाने लगा है.
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वहीं भागलपुर में लगातार मिल रहे बम और ब्लास्ट को लेकर पुलिस मुख्यालय सतर्क हो गया है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG On Bhagalpur Bomb Blast) ने बताया कि, मामले की गंभीरता को देखते हुए वहां के जिला पुलिस अधीक्षक जांच कर रहे हैं. भागलपुर ब्लास्ट और लगातार मिल रहे टिफिन बम का कनेक्शन किसी अपराधी से है या आतंकियों से इसकी गहन जांच की जा रही है.
"घटना के पीछे अपराधियों का हाथ है या आतंकी साजिश है, जांच के उपरांत ही सही नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. ऐसी घटना होने पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. हर पहलु की जांच की जा रही है. बिहार पुलिस को कुछ कामयाबी हाथ लगी है, जिसका खुलासा जल्द किया जाएगा."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
वहीं दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भागलपुर में लगातार हो रहे इन बम धमाकों की जांच करने अब बिहार पुलिस का आतंक निरोधक दस्ता भी पहुंच चुका है. हालांकि अभी तक के जांच में कोई आतंकी कनेक्शन नहीं मिला है. डॉग स्कॉयड की टीम भी मामले की जांच कर रही है.
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