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शराबबंदी कानून की मॉनिटरिंग करेंगे ADG और IG रैंक के अधिकारी, RJD ने कहा- सरकार में इच्छाशक्ति की कमी

बिहार पुलिस मुख्यालय ने शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराने को लेकर एडीजी और आईजी रैंक (ADG And IG Rank Officers of Bihar) के अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी है. इसपर विपक्ष ने कटाक्ष करते कहा कि जदयू के कई नेताओं के संबंध शराब माफियाओं से हैं लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गई. पढ़ें पूरी खबर..

officers of Bihar will monitor liquor ban law
officers of Bihar will monitor liquor ban law
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Published : Dec 15, 2021, 4:42 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने एडीजी रैंक के अधिकारियों को शराबबंदी को लेकर निर्देश जारी किया है. अधिकारियों को अलग-अलग रेंज की जिम्मेदारी देकर शराबबंदी कानून ( Liquor Ban Law ) को सख्ती से लागू करने का निर्देश जारी किया है. जिन लोगों को मद्य निषेध (Bihar Liquor Ban Policy) सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है, उनमें एटीएस प्रमुख भी शामिल हैं. इधर विपक्ष (RJD on Liquor Ban) ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं और पूछा है कि जब आपके घर में ही शराब माफिया की पैठ है तो, शराबबंदी का दिखावा क्यों कर रहे हैं?

यह भी पढ़ें- जमुई: शराबबंदी कानून की उड़ी धज्जियां, सर्किट हाउस परिसर से शराब की खाली बोतलें बरामद

सरकार ने लोगों को शराब पीने से रोकने के लिए 10 एडीजी और दो आईजी को आधिकारिक रूप से ड्यूटी पर लगा दिया है. इसमें एटीएस प्रमुख भी शामिल हैं. बिहार के अलग-अलग रेंज के लिए अलग-अलग एडीजी को ड्यूटी पर लगाया गया है, जो उस रेंज की मॉनिटरिंग करेंगे. साथ ही उन्हें यह भी तय करना होगा कि, शराबबंदी कड़ाई से लागू हो.

शराबबंदी पर विपक्ष का हमला

ये भी पढ़ें: जहरीली शराब से संदिग्ध मौत पर बोले चिराग- 'हकीकत सुनना ही नहीं चाहते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार'

नए साल के मौके पर शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने पहली बार एडीजी लेवल के 10 अफसरों को एक साथ ड्यूटी पर लगाया है. इस ऑपरेशन में एसटीएफ, एटीएस, सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के एडीजी भी शामिल हैं. इसके तहत सेंट्रल रेंज की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सीआईडी के एडीजी जितेंद्र कुमार (CID ADG Will Monitor Liquor Ban) को दी गई है जबकि मगध क्षेत्र की मॉनिटरिंग एडीजी रेल निर्मल कुमार आजाद करेंगे.

ये भी पढ़ें: वैशाली संदिग्ध मौत मामला: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने परिजनों से की मुलाकात, दिया इंसाफ का भरोसा

शाहाबाद क्षेत्र के लिए एडीजी ऑपरेशन सुशील मानसिंह खोपड़े को जिम्मेदारी दी गई है. वहीं एटीएस के एडीजी एस रविंद्रन को तिरहुत क्षेत्र की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा गया है. इनके अलावा एडीजी ट्रेनिंग मलारविजी को चंपारण, एडीजी स्पेशल ब्रांच सुनील कुमार को सारण, एडीजी एससीआरबी एवं आधुनिकीकरण डॉक्टर कमल किशोर सिंह को पूर्णिया क्षेत्र की मॉनिटरिंग की कमान सौंपी गई है.

इसके अलावा एडीजी बजट अपील एवं कल्याण पारसनाथ को मुंगेर, एडीजी कमजोर वर्ग अनिल किशोर यादव को बेगूसराय और एडीजी सुरक्षा बच्चू सिंह मीणा को मिथिला क्षेत्र की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा गया है. वहीं आईजी आधुनिकीकरण केएस अनुपम को पूर्वी क्षेत्र भागलपुर और बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के आईजी एमआर नायक को कोसी क्षेत्र की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

ये भी पढ़ें- शराबबंदी और पुलिस एक्शन : पटनावासियों की राय सुनकर सरकार हो जाएगी परेशान

राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार के इस आदेश पर कटाक्ष किया है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने सरकार की नीयत पर ही सवाल खड़े किए हैं. एजाज अहमद ने पूछा है कि, जब शराब माफिया की घुसपैठ जदयू पार्टी के अंदर तक है तो शराबबंदी कैसे सख्ती से लागू होगी.

"सरकार एक्शन में नहीं है. उनके विधायक ने जो भागलपुर सांसद पर आरोप लगाया है,उसमें क्या जांच की गई है. काराकाट के सांसद शराब माफिया के साथ पार्टी मनाते देखे गए थे, क्या कार्रवाई उनपर की गई है. जदयू के शीर्षस्थ नेता का सजायफ्ता शराब माफिया के साथ फोटो वायरल हुआ इसपर अबतक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. इच्छाशक्ति से शराबबंदी लागू होगी, सरकार में इच्छाशक्ति का घोर अभाव है."- एजाज अहमद, राजद प्रदेश प्रवक्ता

इधर एनडीए ने राजद के आरोप पर पलटवार किया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि, सरकार हर उस आदमी पर कार्रवाई कर रही है जिसके खिलाफ सबूत मिले हैं. बिना सबूत के हम किसी पर कार्रवाई नहीं करते. भाजपा नेता ने दावा किया कि, विपक्ष के लोग सिर्फ आरोप लगाते हैं जबकि हम शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

"शराबबंदी को सख्ती से लागू करना है. शराब पीना, पिलाना सभी अपराध है. प्रमाण मिलने पर कार्रवाई होगी चाहे वो सासंद, विधायक या अधिकारी हो किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा. प्रमाण मिलने पर एक्शन लिया जा रहा है और आगे भी लिया जाएगा."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता

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पटना: बिहार सरकार ने एडीजी रैंक के अधिकारियों को शराबबंदी को लेकर निर्देश जारी किया है. अधिकारियों को अलग-अलग रेंज की जिम्मेदारी देकर शराबबंदी कानून ( Liquor Ban Law ) को सख्ती से लागू करने का निर्देश जारी किया है. जिन लोगों को मद्य निषेध (Bihar Liquor Ban Policy) सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है, उनमें एटीएस प्रमुख भी शामिल हैं. इधर विपक्ष (RJD on Liquor Ban) ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं और पूछा है कि जब आपके घर में ही शराब माफिया की पैठ है तो, शराबबंदी का दिखावा क्यों कर रहे हैं?

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सरकार ने लोगों को शराब पीने से रोकने के लिए 10 एडीजी और दो आईजी को आधिकारिक रूप से ड्यूटी पर लगा दिया है. इसमें एटीएस प्रमुख भी शामिल हैं. बिहार के अलग-अलग रेंज के लिए अलग-अलग एडीजी को ड्यूटी पर लगाया गया है, जो उस रेंज की मॉनिटरिंग करेंगे. साथ ही उन्हें यह भी तय करना होगा कि, शराबबंदी कड़ाई से लागू हो.

शराबबंदी पर विपक्ष का हमला

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नए साल के मौके पर शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने पहली बार एडीजी लेवल के 10 अफसरों को एक साथ ड्यूटी पर लगाया है. इस ऑपरेशन में एसटीएफ, एटीएस, सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के एडीजी भी शामिल हैं. इसके तहत सेंट्रल रेंज की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सीआईडी के एडीजी जितेंद्र कुमार (CID ADG Will Monitor Liquor Ban) को दी गई है जबकि मगध क्षेत्र की मॉनिटरिंग एडीजी रेल निर्मल कुमार आजाद करेंगे.

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शाहाबाद क्षेत्र के लिए एडीजी ऑपरेशन सुशील मानसिंह खोपड़े को जिम्मेदारी दी गई है. वहीं एटीएस के एडीजी एस रविंद्रन को तिरहुत क्षेत्र की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा गया है. इनके अलावा एडीजी ट्रेनिंग मलारविजी को चंपारण, एडीजी स्पेशल ब्रांच सुनील कुमार को सारण, एडीजी एससीआरबी एवं आधुनिकीकरण डॉक्टर कमल किशोर सिंह को पूर्णिया क्षेत्र की मॉनिटरिंग की कमान सौंपी गई है.

इसके अलावा एडीजी बजट अपील एवं कल्याण पारसनाथ को मुंगेर, एडीजी कमजोर वर्ग अनिल किशोर यादव को बेगूसराय और एडीजी सुरक्षा बच्चू सिंह मीणा को मिथिला क्षेत्र की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा गया है. वहीं आईजी आधुनिकीकरण केएस अनुपम को पूर्वी क्षेत्र भागलपुर और बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के आईजी एमआर नायक को कोसी क्षेत्र की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार के इस आदेश पर कटाक्ष किया है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने सरकार की नीयत पर ही सवाल खड़े किए हैं. एजाज अहमद ने पूछा है कि, जब शराब माफिया की घुसपैठ जदयू पार्टी के अंदर तक है तो शराबबंदी कैसे सख्ती से लागू होगी.

"सरकार एक्शन में नहीं है. उनके विधायक ने जो भागलपुर सांसद पर आरोप लगाया है,उसमें क्या जांच की गई है. काराकाट के सांसद शराब माफिया के साथ पार्टी मनाते देखे गए थे, क्या कार्रवाई उनपर की गई है. जदयू के शीर्षस्थ नेता का सजायफ्ता शराब माफिया के साथ फोटो वायरल हुआ इसपर अबतक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया. इच्छाशक्ति से शराबबंदी लागू होगी, सरकार में इच्छाशक्ति का घोर अभाव है."- एजाज अहमद, राजद प्रदेश प्रवक्ता

इधर एनडीए ने राजद के आरोप पर पलटवार किया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि, सरकार हर उस आदमी पर कार्रवाई कर रही है जिसके खिलाफ सबूत मिले हैं. बिना सबूत के हम किसी पर कार्रवाई नहीं करते. भाजपा नेता ने दावा किया कि, विपक्ष के लोग सिर्फ आरोप लगाते हैं जबकि हम शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

"शराबबंदी को सख्ती से लागू करना है. शराब पीना, पिलाना सभी अपराध है. प्रमाण मिलने पर कार्रवाई होगी चाहे वो सासंद, विधायक या अधिकारी हो किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा. प्रमाण मिलने पर एक्शन लिया जा रहा है और आगे भी लिया जाएगा."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता

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