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Phulwari Sharif Module: एजेंसियों ने बढ़ाया जांच का दायरा, संदिग्धों पर लग सकता है IT Act

पटना के फुलवारी शरीफ मॉड्यूल को लेकर अरमान मलिक और अतहर परवेज (Patna connection of PFI) के खिलाफ नई धारा जोड़ने की सलाह केंद्रीय जांच एजेंसियों ने दी है. अब तक हुई पूछताछ और बरामद सबूतों को कोर्ट में साक्ष्य के रूप में पेश करने के लिए आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज करना जरूरी है. बिना इसके कोर्ट में इस केस नहीं रखा जा सकता. वहीं जांच एजेंसियां भी अपने जांच का दायरा बढ़ाती जा रहीं हैं-

फुलवारी शरीफ मॉड्यूल पर जांच तेज, देखें रिपोर्ट
फुलवारी शरीफ मॉड्यूल पर जांच तेज, देखें रिपोर्ट
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Published : Jul 21, 2022, 2:11 PM IST

पटना : फुलवारी शरीफ मॉड्यूल (Phulwari Sharif Module) मामले में बड़ी जानकारी निकल कर सामने आ रही है. अरमान मलिक और अतहर परवेज (Armaan Malik and Athar Parvez) के विरुद्ध दर्ज FIR में जल्द ही IT ACT की धारा जुड़ सकती है. IT ACT के अभाव में साक्ष्य को पुख्ता करना पुलिस के सामने चुनौती खड़ी हो सकती है. दरअसल, गिरफ्तारी के दौरान इन लोगों के पास से बरामद साक्ष्य जैसे- मोबाइल, मैसेज चैट को बिना IT ACT के कोर्ट में नहीं रखा जा सकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने IT ACT जोड़ने की सलाह पटना पुलिस को दिया है. हालांकि फुलवारी शरीफ मामले में पटना के फुलवारी थाने में पीएफआई और ghazwa-e-hind आतंकी मॉड्यूल को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. अभी तक दोनों ही केस पटना पुलिस के पास है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने पुलिस मुख्यालय को केस की गंभीरता को देखते हुए एटीएस को सौंपे जाने को लेकर पत्र लिखा है.

ये भी पढ़ें- खुलासे के बाद भी बिहार में PFI पर नहीं लगा बैन, JDU मंत्रियों में भी विरोधाभास



जांच एजेंसियों ने संदिग्धों से पूछे सवाल: आपको बता दें कि व्हाट्सएप मैसेज और मोबाइल से हुई बातचीत की जांच के लिए पटना पुलिस, साइबर विशेषज्ञों की मदद लेगी. इसके लिए पुलिस जल्द ही कोर्ट से अनुमति लेगी. आपको बतातें चले कि मरगूब शाहिद उर्फ ताहिर से ATS मुख्यालय में लंबी पूछताछ हुई है. केंद्रीय जांच एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने ताहिर से 'गजवा ए हिन्द वाट्सएप ग्रुप' (Ghazwa E Hind WhatsApp group) में शामिल संदिग्धों को लेकर जानकारी हासिल करने को लेकर कई सवाल पूछे हैं. मसलन, आतंकी मॉड्यूल में वह कैसे शामिल हुआ? इसके पीछे साजिश क्या थी ? इससे जुड़े अलग-अलग तरीके से कई बार सवाल पूछा किया गया.

साजिश को डिकोड करने में जुटी एजेंसियां: जांच एजेंसियां के दौरा पकड़े गए संदिग्धों से कब और कहां, क्या करने की थी साजिश इससे जुड़े कोडवर्ड को डिकोड करने की लगातार कोशिश की जा रही है. पाकिस्तानी आकाओं को लेकर भी ताहिर से अबतक कई सवाल किये जा चुके हैं. गजवा ए हिन्द वाट्सएप ग्रुप में जुड़े पाकिस्तानी नागरिक फैजान को लेकर भी सभी जांच एजेंसियों ने अपने अपने तरीके से सवाल किया गया है. यही नहीं दोनों ही वाट्सएप ग्रुप में भेजे गए भारत विरोधी संदेशों को लेकर भी कई सवाल सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने मरगूब उर्फ ताहिर से किया है. आपको बात दें कि ताहिर से पूछताछ का दौर आज शाम तक जारी रहेगा. क्योंकि, आज शाम तक ताहिर पुलिस रिमांड पर है.

पीएफआई के 3 सदस्यों की तलाश : मिल रही जानकारी के अनुसार देश विरोधी कार्य को लेकर पीएफआई के 3 सदस्यों की तलाश में जांच एजेंसी जुटी हुईं हैं. फुलवारीशरीफ कनेक्शन के जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा. इस मामले को गंभीरता से देखते हुए 4 राज्यों की एटीएस की टीम बुधवार 20 जुलाई को पटना पहुंची थी. जांच एजेंसियों ने पटना पुलिस से इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आईटी एक्ट नहीं लगाने के पीछे का कारण भी पूछा है. हालांकि पटना पुलिस की मानें तो यूएपीए एक्ट नहीं लगाने के पीछे वजह बताया है कि PFI और SDPI भारत में प्रतिबंधित नहीं है.

NIA और ED ने भी शुरू की जांच: हालांकि मिल रहे विशेष सूत्रों से जानकारी के अनुसार पटना के फुलवारी शरीफ के 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के संदिग्ध' मामले में अब एक नया मोड़ आया है. इस कड़ी में दरभंगा के ही तीन अन्य की भी जांच होने की सूचना है. हालांकि इस मामले में अब एनआईए ने अपनी पड़ताल शुरू कर दी है. वहीं इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय भी करेगी. प्रवर्तन निदेशालय FIR के आधार पर मामले की गंभीरता और बड़ी फंडिंग को देखते हुए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एफ आई आर दर्ज कर चुकी है.

पटना : फुलवारी शरीफ मॉड्यूल (Phulwari Sharif Module) मामले में बड़ी जानकारी निकल कर सामने आ रही है. अरमान मलिक और अतहर परवेज (Armaan Malik and Athar Parvez) के विरुद्ध दर्ज FIR में जल्द ही IT ACT की धारा जुड़ सकती है. IT ACT के अभाव में साक्ष्य को पुख्ता करना पुलिस के सामने चुनौती खड़ी हो सकती है. दरअसल, गिरफ्तारी के दौरान इन लोगों के पास से बरामद साक्ष्य जैसे- मोबाइल, मैसेज चैट को बिना IT ACT के कोर्ट में नहीं रखा जा सकता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने IT ACT जोड़ने की सलाह पटना पुलिस को दिया है. हालांकि फुलवारी शरीफ मामले में पटना के फुलवारी थाने में पीएफआई और ghazwa-e-hind आतंकी मॉड्यूल को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. अभी तक दोनों ही केस पटना पुलिस के पास है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने पुलिस मुख्यालय को केस की गंभीरता को देखते हुए एटीएस को सौंपे जाने को लेकर पत्र लिखा है.

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जांच एजेंसियों ने संदिग्धों से पूछे सवाल: आपको बता दें कि व्हाट्सएप मैसेज और मोबाइल से हुई बातचीत की जांच के लिए पटना पुलिस, साइबर विशेषज्ञों की मदद लेगी. इसके लिए पुलिस जल्द ही कोर्ट से अनुमति लेगी. आपको बतातें चले कि मरगूब शाहिद उर्फ ताहिर से ATS मुख्यालय में लंबी पूछताछ हुई है. केंद्रीय जांच एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने ताहिर से 'गजवा ए हिन्द वाट्सएप ग्रुप' (Ghazwa E Hind WhatsApp group) में शामिल संदिग्धों को लेकर जानकारी हासिल करने को लेकर कई सवाल पूछे हैं. मसलन, आतंकी मॉड्यूल में वह कैसे शामिल हुआ? इसके पीछे साजिश क्या थी ? इससे जुड़े अलग-अलग तरीके से कई बार सवाल पूछा किया गया.

साजिश को डिकोड करने में जुटी एजेंसियां: जांच एजेंसियां के दौरा पकड़े गए संदिग्धों से कब और कहां, क्या करने की थी साजिश इससे जुड़े कोडवर्ड को डिकोड करने की लगातार कोशिश की जा रही है. पाकिस्तानी आकाओं को लेकर भी ताहिर से अबतक कई सवाल किये जा चुके हैं. गजवा ए हिन्द वाट्सएप ग्रुप में जुड़े पाकिस्तानी नागरिक फैजान को लेकर भी सभी जांच एजेंसियों ने अपने अपने तरीके से सवाल किया गया है. यही नहीं दोनों ही वाट्सएप ग्रुप में भेजे गए भारत विरोधी संदेशों को लेकर भी कई सवाल सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने मरगूब उर्फ ताहिर से किया है. आपको बात दें कि ताहिर से पूछताछ का दौर आज शाम तक जारी रहेगा. क्योंकि, आज शाम तक ताहिर पुलिस रिमांड पर है.

पीएफआई के 3 सदस्यों की तलाश : मिल रही जानकारी के अनुसार देश विरोधी कार्य को लेकर पीएफआई के 3 सदस्यों की तलाश में जांच एजेंसी जुटी हुईं हैं. फुलवारीशरीफ कनेक्शन के जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा. इस मामले को गंभीरता से देखते हुए 4 राज्यों की एटीएस की टीम बुधवार 20 जुलाई को पटना पहुंची थी. जांच एजेंसियों ने पटना पुलिस से इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आईटी एक्ट नहीं लगाने के पीछे का कारण भी पूछा है. हालांकि पटना पुलिस की मानें तो यूएपीए एक्ट नहीं लगाने के पीछे वजह बताया है कि PFI और SDPI भारत में प्रतिबंधित नहीं है.

NIA और ED ने भी शुरू की जांच: हालांकि मिल रहे विशेष सूत्रों से जानकारी के अनुसार पटना के फुलवारी शरीफ के 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के संदिग्ध' मामले में अब एक नया मोड़ आया है. इस कड़ी में दरभंगा के ही तीन अन्य की भी जांच होने की सूचना है. हालांकि इस मामले में अब एनआईए ने अपनी पड़ताल शुरू कर दी है. वहीं इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय भी करेगी. प्रवर्तन निदेशालय FIR के आधार पर मामले की गंभीरता और बड़ी फंडिंग को देखते हुए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एफ आई आर दर्ज कर चुकी है.

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