पटना: सड़क निर्माण की गुणवत्ता में कमी और अनियमितता पाए जाने पर ग्रामीण कार्य विभाग (bihar rural works department) ने संबंधित प्रमंडल के सहायक अभियंता, कनीय अभियंता और कार्यपालक अभियंता पर कार्रवाई की है. मामला ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल औरंगाबाद, दाउद नगर और मोहनिया के अंतर्गत विभिन्न पथों (निर्माणाधीन/अनुरक्षण) के निर्माण में त्रुटि व अनियमितता से संबंधित है.
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ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई : ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि औरंगाबाद जिला अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत विभिन्न पथों के निर्माणाधीन/अनुरक्षण कार्याें की राज्य गुणवता समन्वय, ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा दिसंबर माह में जांच की गई थी. जांच में कई तरह की अनियमितताएं सामने आयी है. जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित पदाधिकारियों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है.
गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए योजनाओं की जांच: पंकज कुमार पाल ने बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा सड़कों का निर्माण एवं उसका अनुरक्षण का कार्य किया जाता है. सड़कों का निर्माण कार्य ससमय और गुणवतापूर्ण तरीके से हो इसके लिए उड़नदस्ता, स्टेट क्वालिटी मॉनिटर और नेशनल क्वालिटी मॉनिटर से जांच कराई जा रही है. विभागीय पदाधिकारी द्वारा भी समय-समय पर औचक निरीक्षण किया जाता है.
तीन प्रमंडल के पदाधिकारियों पर गाज: औरंगाबाद, दाउद नगर और मोहनिया कार्य प्रमंडल निलंबन की कार्रवाई की गई है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन/अनुरक्षण पथों की जांच में अनियमितता/ त्रुटि पाए जाने पर ग्रामीण कार्य विभाग औरंगाबाद, दाउद नगर और मोहनिया कार्य प्रमंडल के संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है.
इनपर भी लिया गया एक्शन: औरंगाबाद कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता पर विभागीय कार्रवाई, तीन सहायक अभियंता और तीन कनीय अभियंता को निलंबित किया गया है. वहीं दाउद नगर कार्य प्रमंडल के दो कनीय अभियंता को निलंबित किया गया है. मोहनिया कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है, जबकि 3 कनीय अभियंता को निलंबित किया गया है. वहीं नवनियुक्त 4 सहायक अभियंता से स्पष्टीकरण पूछा गया है.
8 संवेदक ब्लैक लिस्टेड: विशिष्ट एवं गुणवत्तापूर्ण कार्य में लापरवाही बरतने वाले 8 संवेदकों के पथों में पायी गयी अनियमितता के कारण ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा उनके निबंधन को काली सूची में डाला गया है. जबकि एकरारनामा करने के बाद कार्य प्रारंभ या समानुपातिक कार्य नहीं करने वाले संवेदकों को चिन्हित कर 246 योजनाओं में डिबार (नए निविदा से वंचित) किया गया है.
अभियान चलाकर की जायेगी कार्रवाई: ग्रामीण कार्य विभाग, सचिव ने कहा है कि भविष्य में राज्य के सभी जिलों में अभियान चलाकर कार्य में लापरवाही एवं सरकारी नियम का उल्लंघन करने वाले अभियंता और संवेदक के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.