पटना : बिहार शिक्षा विभाग ने अवकाश कैलेंडर के विरोध में टिप्पणी करने वाले शिक्षकों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. इसके अलावा जो शिक्षक नेता ने अवकाश कैलेंडर के खिलाफ मीडिया में बयानबाजी की है, उनको भी नोटिस भेजा गया है. विभाग की ओर से इन शिक्षकों को जवाब देने के लिए 24 घंटे की मोहलत दी गई है. प्रदेश में अब तक 100 से अधिक शिक्षकों को सभी जिलों में नोटिस भेजा जा चुका है.
शिक्षकों के नियोजन को रद्द करने की दी चेतावनी : शिक्षा विभाग ने जो नोटिस भेजा है उसके अनुसार विभाग उन शिक्षकों पर अधिक नाराज है, जिन्होंने फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अवकाश कैलेंडर के विरुद्ध कोई टिप्पणी की है. विभाग ने नए अवकाश कैलेंडर के खिलाफ व्हाट्सएप ग्रुप में संदेश भेजे जाने को काफी गंभीरता से लिया है. व्हाट्सएप संदेश भेजने वाले शिक्षकों के नियोजन को रद्द कर देने तक की चेतावनी विभाग की ओर से दी गई है.
सोशल मीडिया पर मैसेज प्रसारित करना उदंडता : शिक्षकों को भेजे गए पत्र के माध्यम से विभाग ने कहा है कि अवकाश तालिका शैक्षणिक वर्ष 2024 में किसी प्रकार की समस्या होने पर संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी या जिला स्तर के पदाधिकारी के समक्ष अपनी बातों को रखे बगैर, ही उक्त आदेश के विरुद्ध 28 नवंबर 2023 को व्हाट्सएप ग्रुप में संदेश डालकर प्रसारित किए जाने से आपकी कई मंशाएं प्रदर्शित होती हैं.
वरीय अधिकारियों विरुद्ध कर रहे षडयंत्र : शिक्षा विभाग ने कहा है कि इससे प्रदर्शित होता है कि आप शिक्षकों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं और शांति व्यवस्था भंग करना चाहते हैं. शिक्षा विभाग ने कहा है कि प्रशासनीय अधिकारियों के विरुद्ध आप षड्यंत्र करना चाहते हैं और विभाग की छवि धूमिल करना चाहते हैं. विभाग ने यह भी कहा है कि स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता और उद्दंडता की घोर प्रकाष्ठा को आप पर करना चाहते हैं.
शिक्षकों पर दर्ज होगी प्राथमिकी : शिक्षा विभाग ने कहा है कि पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर साक्ष्य आधारित स्पष्टीकरण विभाग के सामने उपस्थित करें, नहीं तो विलंब होने की स्थिति में यह माना जाएगा कि आपको कुछ नहीं कहना है. इस स्थिति में वरीय पदाधिकारी के विरुद्ध शिक्षकों को उकसाने के आरोप में बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली 2020 के कंडिका (i) के (ख) के (iv) के आलोक में नियोजन निरस्त करने के लिए नियोजन इकाई को निर्देशित करते हुए आपके विरुद्ध निकट थाना में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी.
शिक्षक नेताओं से मांगा गया है स्पष्टीकरण : वहीं शिक्षक नेताओं के मीडिया में बयानबाजी करने के लिए शिक्षक नेताओं को 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण सुनिश्चित करने को कहा गया है. अन्यथा चेतावनी दी गई है कि उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष केशव कुमार को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना, पूर्वी चंपारण की ओर से भेजे गए स्पष्टीकरण में कहा गया है कि साल 2024 के अवकाश तालिका के विरुद्ध आपके द्वारा सोशल मीडिया पर विरोध किया गया है.
केशव कुमार पर सख्त कार्रवाई का निर्देश : इसके साथ ही अन्य शिक्षकों को भी विभाग के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया जा रहा है. आपका यह कृत्य शिक्षक के आचरण और अनुशासन के प्रतिकूल है. ऐसे में आप 24 घंटे के भीतर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय में स्पष्टीकरण समर्पित करें कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाए. इस पूरे प्रकरण पर केशव कुमार ने कहा है कि उन्होंने ना तो सरकार की आलोचना की है ना ही सरकार की किसी नीतियों का विरोध किया है.
"शिक्षकों के विरुद्ध जो हो रहा है उसके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई है. शिक्षकों का काम बच्चों को पढ़ना है और अपने कार्य को वह पूरी निष्ठा से करते आ रहे हैं. लेकिन शिक्षकों के सम्मान के विरुद्ध जो कुछ होता है, उसके खिलाफ वह शुरू से मुखरता से बोलते रहे हैं और आगे भी बोलेंगे. उनका किसी को अपमानित करना लक्ष्य नहीं है, वह यही चाहते हैं कि शिक्षकों के सम्मान से खिलवाड़ ना हो."- केशव कुमार, प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षक संघ बिहार
3 तीन दिसंबर को शिक्षक संघ की आपात बैठक : केशव कुमार ने कहा कि एक शिक्षक होने के नाते वह लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हैं और लोकतंत्र उन्हें संघ बनाने की शक्ति प्रदान करता है. शिक्षा विभाग भले माने या ना माने लेकिन विभाग की ओर से हाल में जो शिक्षकों के सम्मान के विरुद्ध जो फैसले लिए गए हैं, उसके विरोध में आगामी 3 दिसंबर को पटना में एक आपात बैठक बुलाई गई है. वह तमाम शिक्षकों और शिक्षक संगठनों के साथ-साथ शिक्षा प्रेमियों से अपील करेंगे कि 3 दिसंबर की बैठक में पटना पहुंचे और आगे की लड़ाई के लिए रणनीति पर विचार किया जाए.
कॉलेज शिक्षकों पर भी हो रही कार्रवाई : स्कूली शिक्षकों के अलावा कॉलेज के शिक्षकों पर भी उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से कार्रवाई जारी है. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने राज्य के सभी विश्वविद्यालय के कुल सचिव को पत्र लिखते हुए कहा है कि शिक्षक संघ, फुटाब की ओर से विभागीय निर्देशों का विरोध किया जा रहा है. संघ के कार्यकारी अध्यक्ष कन्हैया बहादुर सिंह और महासचिव संजय कुमार सिंह ने विभाग के महत्वपूर्ण निर्देशों का विरोध किया है और यह अखबार में छपी है.
अखबार के माध्य से विरोध करने को बताया गलत : दोनों पदाधिकारी ने विश्वविद्यालय को दिए गए निर्देश की प्रत्येक शिक्षक प्रतिदिन कम से कम 5 वर्गों का संचालन करेंगे का विरोध किया गया है. साथ ही उक्त पदाधिकारी द्वारा लगातार तीन दिन अनुपस्थित रहने वाले छात्रों का नाम स्पष्टीकरण पूछ कर काटने की प्रक्रिया का भी विरोध किया गया है. विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि विभागीय निर्देशों के संबंध में समाचार पत्रों के माध्यम से विरोध प्रदर्शित करना एक गैर पेशेवर व्यवहार है.
दो शिक्षक नेताओं का वेतन रोकने का आदेश : समाचार पत्रों के माध्यम से विरोध दर्ज कराना उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के प्रयास का स्पष्ट विरोध है. ऐसे में दोनों पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगते हुए कठोर दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी जाए. जब तक यह कार्रवाई पूरी नहीं होती है. तब तक दोनों पदाधिकारी का वेतन अथवा पेंशन यदि वे ले रहे हैं तो उसे अगले आदेश तक रोकने का निर्देश दिया जाता है.
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