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बाढ़ में ABVP के छात्रों ने कई मांगों को लेकर किया प्रदर्शन - Anand Kishore

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला छात्रा प्रमुख बबली कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत हजारों छात्राओं की लंबित 25 हजार रुपये की अविलंब भुगतान की जानी चाहिए.

प्रदर्शन करते एबीभीपी के छात्र
प्रदर्शन करते एभीवीपी के छात्र
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Published : Jun 15, 2020, 2:49 PM IST

पटना: राजधानी के बाढ़ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एसटीईटी परीक्षा परिणाम जारी करने सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने सोशल डिस्टेंस के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान दर्जनों छात्र मौजूद रहे.

जिले के बाढ़ में एएनएस कॉलेज मोड़ पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने सरकार को खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने रूम रेंट माफ, शिक्षण शुल्क माफ, आनंद किशोर को हटाने और अन्य शैक्षणिक मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया. जिला संयोजक मुरली मनोहर मंजुल ने कहा कि सरकार की तरफ से एसटीईटी परीक्षा को रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार हजारों छात्रों के भविष्य को कुचलने का काम कर रही है. सरकार में कुछ शिक्षा माफिया नेताओं की वजह से आज पूरा शिक्षातंत्र खराब है.

'सरकार का मौन रहना शर्मनाक है'

मुरली मनोहर मंजुल ने कहा कि सरकार पुनर्विचार करके अतिशीघ्र परीक्षा परिणाम घोषित करे. कोविड-19 के इस भीषण महामारी के समय में एक ओर छात्र और अभिवावक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. दूसरी ओर रूम मालिक और निजी संस्थानों के मालिक शुल्क जमा करने का दबाब बना रहे हैं. इस परिस्थिति में सरकार का मौन रहना शर्मनाक है. वहीं जिला छात्रा प्रमुख बबली कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत हजारों छात्राओं की लंबित 25 हजार रुपये की भुगतान अविलंब की जानी चाहिए.

पटना: राजधानी के बाढ़ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एसटीईटी परीक्षा परिणाम जारी करने सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने सोशल डिस्टेंस के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान दर्जनों छात्र मौजूद रहे.

जिले के बाढ़ में एएनएस कॉलेज मोड़ पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने सरकार को खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने रूम रेंट माफ, शिक्षण शुल्क माफ, आनंद किशोर को हटाने और अन्य शैक्षणिक मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया. जिला संयोजक मुरली मनोहर मंजुल ने कहा कि सरकार की तरफ से एसटीईटी परीक्षा को रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार हजारों छात्रों के भविष्य को कुचलने का काम कर रही है. सरकार में कुछ शिक्षा माफिया नेताओं की वजह से आज पूरा शिक्षातंत्र खराब है.

'सरकार का मौन रहना शर्मनाक है'

मुरली मनोहर मंजुल ने कहा कि सरकार पुनर्विचार करके अतिशीघ्र परीक्षा परिणाम घोषित करे. कोविड-19 के इस भीषण महामारी के समय में एक ओर छात्र और अभिवावक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. दूसरी ओर रूम मालिक और निजी संस्थानों के मालिक शुल्क जमा करने का दबाब बना रहे हैं. इस परिस्थिति में सरकार का मौन रहना शर्मनाक है. वहीं जिला छात्रा प्रमुख बबली कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत हजारों छात्राओं की लंबित 25 हजार रुपये की भुगतान अविलंब की जानी चाहिए.

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