पटनाः बड़े-बड़े शहरों के मॉल और पार्क में दिखने वाली इलेक्ट्रिक ट्राईसाइकिल (Abhimanyu tricycle) अब बिहार में बहुत जल्द दिखने लगेगी, इसकी शुरुआत हो चुकी है. बिहार के पटना निवासी अभिमन्यु ने अपनी संस्था के तहत इसका निर्माण किया है, जिसे बहुत जल्द मार्केट में लाया जाएगा. आमतौर पर बड़े हाउसिंग सोसायटी या कोई ऐसा क्षेत्र जहां पर इंधन चलित वाहन पर रोक होती है. ऐसी जगह के लिए काफी शानदार वाहन है.
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बिहार सरकार करेगी निवेशः कुछ जगहों पर ई-रिक्शा तो चलती है, लेकिन हर जगह यह सुविधा नहीं होती है. इसी समस्या के समाधन के लिए अभिमन्यु ने ऐसी ट्राईसाइकिल बनायी है. खास बात यह कि स्टार्टअप के रूप में शुरू किए गए इससे यूनिक प्रोजेक्ट को बिहार सरकार के उद्योग विभाग की तरफ से चयनित किया गया है. इसके साथ ही सीड फंडिंग (आरंभिक निवेश) भी की गई है.
अभिमन्यु ने शुरू किया स्टार्टअपः वागा मोटर्स के नाम से अपनी स्टार्टअप को शुरू करने वाले अभिमन्यु बताते ने कहा कि उनका यह प्रोजेक्ट कॉलेज के दिनों से ही उनके दिमाग में घूम रहा था. उन्होंने इसे बनाने की कोशिश की, लेकिन कई बार असफलता हाथ लगी. लगातार प्रयास करने के बाद उनको सफलता मिली. अभिमन्यु बताते हैं कि यह ट्राईसाइकिल बेहतर संतुलन का एहसास दिलाती है. इसमें पावर किट लगा जो बैटरी ऑपरेटेड है.
"कॉलेज के समय ही इसे बनाने का विचार आया था. कई बार असफलता मिलने के बाद इसका निर्माण हो पाया है. यह बड़े कैंपस, मॉल, पार्क सहित टूरिस्ट प्लेस के लिए इसका इस्तेमाल की जा सकती है. यह एक बार चार्च होने पर 30 किमी तक 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है. इसमें अभी और संसोधन किया जाएगा." -अभिमन्यु, संचालक, वागा मोटर्स
25 किलोमीटर प्रति घंटे स्पीडः इस ट्राईसाइकिल की अधिकतम स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटे तक की है. तीन से चार घंटे में पूरी तरीके से चार्ज किया जा सकता है. एक बार चार्ज होने पर यह लगभग 30 किलोमीटर तक जा सकती है. अभी इसकी क्षमता बढ़ाने पर काम हो रहा है. कोशिश है कि इस ट्राईसाइकिल की दूरी को 30 से बढ़ाकर 50 किमी तक किया जाए. इसे बनाने में ज्यादा लागत नहीं आई है, लेकिन सुविधाएं जोड़ने पर लागत बढ़ सकती है.
क्यूआर कोड कर पाएंगे इस्तेमालः अभिमन्यु बताते हैं कि कम्युनिकेशन के लिए यह प्रोजेक्ट एक नया विकल्प बन सकता है. रेंटल सर्विस के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. टूरिस्ट प्लेस, चिड़ियाघर, बड़े हाउसिंग कंपलेक्स, स्मार्ट सिटी, बिजनेस पार्क जैसी जगहों पर रेंटल सर्विस के रूप में इसका इंप्लीमेंटेशन किया जा सकता है. साइकिल को अभी और आधुनिक बनाना है और यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स से भी लैस होगा. इसमें क्यूआर कोड भी लगाया जाएगा. कोड को स्कैन कर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.