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कोविड अस्पताल में भर्ती मां के लिए बच्‍चों ने लिखी भावुक पर्ची ... पढ़कर रो देंगे आप

कोविड-19 महामारी के इस दौर में दिल को रूलाने और बेचैन करने वाली तरह-तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं. अब एक पर्ची सेशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिसे लिखने वाले चार बच्चे हैं. बच्चे चाहें जो भी हों, लेकिन अपनी मां के लिए प्रेम से भरी उनकी ये पर्ची हमारे समाज और देश की बेबस तस्वीर को बयां कर रही है. पढ़िये पूरी खबर.....

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Published : May 25, 2021, 5:47 PM IST

Updated : May 25, 2021, 6:28 PM IST

वायरल पर्ची
वायरल पर्ची

पटनाः 'मम्मी हम नीचे हैं... आपकी तबीयत में सुधार हो रहा है....हम आपको ले जाएंगे....परेशान नहीं होना'.... इस पंक्ति को पढ़कर आप इतना तो जरूर समझ गए होंगे, ये किसी बच्चे की लिखी हुई पंक्ति है जिसने अपनी बीमार मां को दिलासा देने के लिए लिखा है.

दरअसल, ये पंक्ति चार मासूम बच्चों द्वारा अपनी कोरोना संक्रमित मां को लिखी गई एक पर्ची की है. जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. पर्ची में चार बच्चों ने अपना नाम भी दिया है. जिनका नाम मुनमुन, बुलबुल, गुड़िया और विकास है. जो अपनी मां के लिए परेशान हैं और कोविड अस्पताल के नीचे ही उनका इंतजार कर रहे हैं.

हालांकि कि साफ तौर पर ये पता नहीं चल पाया है कि ये पर्ची किसके लिए और कहां से लिखी गई है. पर्ची पर सिर्फ बच्चों का नाम ही लिखा हुआ है.

दर्द और प्रेम से भरी ये वायरल पर्ची केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पास भी पहुंच गई. जिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने उन बच्चों की हौसला अफजाई की है. अपने ट्वीटर एकाउंट पर उन्होंने लिखा- 'वक्त मुश्किल है पर हारने की भी जल्दी नहीं है. लड़ते रहोगे तो ऐसा भी वक्त आएगा जब जीत जाओगे'

  • वक़्त मुश्किल है पर हारने की भी जल्दी नहीं है,
    लड़ते रहोगे तो ऐसा भी वक़्त आएगा जब जीत जाओगे। pic.twitter.com/Nco2vDrRoy

    — Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) May 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, गिरिराज सिंह के इस ट्वीट को 'खिड़कियां यहां-वहां' नाम से बने एक ट्वीटर एकाउंट से रिट्वीट किया गया- जिसमें लिखा है कि 'ये नोट तो हमने अपनी मां को लिखा था, पता नहीं यह यहां कैसे पहुंचा. कृपया हमारी मां के लिए प्रार्थना करें जो अभी भी कोविड से लड़ रहीं है'

  • We wrote this note to our mother in ICU yday, don’t know how it reached here. Pls pray for our mother who is still fighting with covid. 🙏🙏@vandemateram

    — Khidkiyan Yahan Wahan (@khidkiyan) May 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बहरहाल पर्ची लिखने वाले बच्चे चाहे जो भी हों. वो इसी समाज और देश की बेबस तस्वीरों को बयां कर रहे हैं. हर तरफ चीख-पुकार और दर्द के माहौल में अपने माता-पिता, बच्चे या फिर भाई-बहनों को बचा पाने की उम्मीद और आस ही है जो लोगों को हौसला दे रही है. बच्चों की लिखी गई इस चिट्ठी का सार ही यही है जो दर्शाता है कि मुश्किल के इस दौर में भी अपनों के लिए स्नेह, प्रेम और चिंता भारतीय संस्कृति की देन है. जो कठिन से कठिन दौर में भी खत्म नहीं हो सकती.

ये भी पढ़ेंः PMCH ब्लड बैंक की मनमानीः थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को गोद में लेकर खून के लिए घंटों इंतजार करती रही बेबस मां

पटनाः 'मम्मी हम नीचे हैं... आपकी तबीयत में सुधार हो रहा है....हम आपको ले जाएंगे....परेशान नहीं होना'.... इस पंक्ति को पढ़कर आप इतना तो जरूर समझ गए होंगे, ये किसी बच्चे की लिखी हुई पंक्ति है जिसने अपनी बीमार मां को दिलासा देने के लिए लिखा है.

दरअसल, ये पंक्ति चार मासूम बच्चों द्वारा अपनी कोरोना संक्रमित मां को लिखी गई एक पर्ची की है. जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. पर्ची में चार बच्चों ने अपना नाम भी दिया है. जिनका नाम मुनमुन, बुलबुल, गुड़िया और विकास है. जो अपनी मां के लिए परेशान हैं और कोविड अस्पताल के नीचे ही उनका इंतजार कर रहे हैं.

हालांकि कि साफ तौर पर ये पता नहीं चल पाया है कि ये पर्ची किसके लिए और कहां से लिखी गई है. पर्ची पर सिर्फ बच्चों का नाम ही लिखा हुआ है.

दर्द और प्रेम से भरी ये वायरल पर्ची केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पास भी पहुंच गई. जिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने उन बच्चों की हौसला अफजाई की है. अपने ट्वीटर एकाउंट पर उन्होंने लिखा- 'वक्त मुश्किल है पर हारने की भी जल्दी नहीं है. लड़ते रहोगे तो ऐसा भी वक्त आएगा जब जीत जाओगे'

  • वक़्त मुश्किल है पर हारने की भी जल्दी नहीं है,
    लड़ते रहोगे तो ऐसा भी वक़्त आएगा जब जीत जाओगे। pic.twitter.com/Nco2vDrRoy

    — Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) May 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, गिरिराज सिंह के इस ट्वीट को 'खिड़कियां यहां-वहां' नाम से बने एक ट्वीटर एकाउंट से रिट्वीट किया गया- जिसमें लिखा है कि 'ये नोट तो हमने अपनी मां को लिखा था, पता नहीं यह यहां कैसे पहुंचा. कृपया हमारी मां के लिए प्रार्थना करें जो अभी भी कोविड से लड़ रहीं है'

  • We wrote this note to our mother in ICU yday, don’t know how it reached here. Pls pray for our mother who is still fighting with covid. 🙏🙏@vandemateram

    — Khidkiyan Yahan Wahan (@khidkiyan) May 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बहरहाल पर्ची लिखने वाले बच्चे चाहे जो भी हों. वो इसी समाज और देश की बेबस तस्वीरों को बयां कर रहे हैं. हर तरफ चीख-पुकार और दर्द के माहौल में अपने माता-पिता, बच्चे या फिर भाई-बहनों को बचा पाने की उम्मीद और आस ही है जो लोगों को हौसला दे रही है. बच्चों की लिखी गई इस चिट्ठी का सार ही यही है जो दर्शाता है कि मुश्किल के इस दौर में भी अपनों के लिए स्नेह, प्रेम और चिंता भारतीय संस्कृति की देन है. जो कठिन से कठिन दौर में भी खत्म नहीं हो सकती.

ये भी पढ़ेंः PMCH ब्लड बैंक की मनमानीः थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को गोद में लेकर खून के लिए घंटों इंतजार करती रही बेबस मां

Last Updated : May 25, 2021, 6:28 PM IST
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