ETV Bharat / state

बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष की पुस्तक 'जिंदगी के 78 कोहिनूर' का रांची में विमोचन - बिहार पुलिस एसोसिएशन

'जिंदगी के 78 कोहिनूर' का विमोचन कि रांची प्रेस क्लब में रविवार को किया गया. पुस्तक के लेखक बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह हैं. इस दौरान पुलिसिंग की बदलती चुनौतियां और पीपुल फ्रेंडली पुलिसिंग पर परिचर्चा का भी आयोजन किया गया.

book realise function
book realise function
author img

By

Published : Oct 17, 2021, 8:27 PM IST

पटनाः पुलिसिंग की बदलती चुनौतियां और पीपुल फ्रेंडली पुलिसिंग पर रांची प्रेस क्लब में परिचर्चा का आयोजित की गई. कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने अपनी बातें रखी. परिचर्चा के बाद बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह की किताब 'जिंदगी के 78 कोहिनूर' का विमोचन किया गया.

इन्हें भी पढ़ें- बिहार पंचायत चुनावः 20 अक्टूबर को चौथे चरण का मतदान, कल शाम थम जाएगा प्रचार-प्रसार

सीआईडी एडीजी प्रशांत सिंह ने परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में सीमित संसाधनों के बेहतर मैनेजमेंट से बेहतर पुलिसिंग हो सकती है. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में अपराध की शैली बदली है. इस कारण पुलिस के सामने भी कई चुनौतियां हैं. साइबर अपराध से होने वाला पूंजी का नुकसान, अन्य आर्थिक अपराधों की तुलना में कहीं अधिक है. सीआइडी एडीजी ने कहा कि पुलिसिंग में समय के साथ बदलाव हो रहा है.

इन्हें भी पढ़ें- फ्लिपकार्ट का टीम लीडर ही निकला मास्टर माइंड.. पुलिस ने 16 लाख की लूट का किया खुलासा.. रकम बरामद

सीआईडी एडीजी ने आगो कहा कि संसाधन भी थानों को मिल रहे हैं, इन संसाधनों के बेहतर मैनेजमेंट कर पुलिसिंग को और बेहतर किया जा सकता है. सीआईडी एडीजी ने इंग्लैंड और अमेरिकी शहरों में पुलिसिंग पर चर्चा करते हुए कहा कि दूसरे देशों में पुलिस की छवि एंटी ब्लैक रही है, लेकिन हमारे यहां पुलिस की ऐसी कोई छवि नहीं है.

कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र ने कहा कि पुलिस को राजनीतिक एजेंडे पर या राजनीतिक एजेंट की तरह काम नहीं करना चाहिए. राजनीतिक वजहों के कारण पुलिस की छवि खराब हुई है. उन्होंने कहा कि पुलिस में सुधार के लिए प्रकाश सिंह के सुधारों की चर्चा होती है, लेकिन झारखंड में ही उन सुधारों का पालन नहीं हुआ. वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि पुलिस व्यवस्था में 75 सालों में कोई खास सुधार नहीं हुआ.


कार्यक्रम के दौरान बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि थानों के स्तर पर पुलिस में बदलाव जरूरी है. राज्यों में पुलिस अफसरों को दो साल का कार्यकाल नहीं दिया जाता. थानेदारों को बिना वजह हटा दिया जाता है. मृत्युंजय सिंह ने कहा कि अमूमन थानेदार अपने इलाके के 400 से 500 लोगों तक ही पहुंच रखते हैं. थाना क्षेत्र के गांव में भी वह वहीं जाते हैं, जहां सुविधाएं मिलती हैं, एक ही तरह के लोगों से थाने के लोग घिरे रहते हैं.

मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी किताब जिंदगी के 78 कोहिनूर अपने अनुभवों के आधार पर लिखी है. आगे भी वह दो पुस्तकों पर काम कर रहे हैं. जल्द ही उनकी दो अन्य किताबें भी उपलब्ध होंगी. कार्यक्रम के दौरान झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आम लोगों की उम्मीदें पुलिस से काफी अधिक होती हैं, बदलते माहौल में पुलिस का पब्लिक फ्रेंडली होना अनिवार्य है.

पटनाः पुलिसिंग की बदलती चुनौतियां और पीपुल फ्रेंडली पुलिसिंग पर रांची प्रेस क्लब में परिचर्चा का आयोजित की गई. कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने अपनी बातें रखी. परिचर्चा के बाद बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह की किताब 'जिंदगी के 78 कोहिनूर' का विमोचन किया गया.

इन्हें भी पढ़ें- बिहार पंचायत चुनावः 20 अक्टूबर को चौथे चरण का मतदान, कल शाम थम जाएगा प्रचार-प्रसार

सीआईडी एडीजी प्रशांत सिंह ने परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में सीमित संसाधनों के बेहतर मैनेजमेंट से बेहतर पुलिसिंग हो सकती है. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में अपराध की शैली बदली है. इस कारण पुलिस के सामने भी कई चुनौतियां हैं. साइबर अपराध से होने वाला पूंजी का नुकसान, अन्य आर्थिक अपराधों की तुलना में कहीं अधिक है. सीआइडी एडीजी ने कहा कि पुलिसिंग में समय के साथ बदलाव हो रहा है.

इन्हें भी पढ़ें- फ्लिपकार्ट का टीम लीडर ही निकला मास्टर माइंड.. पुलिस ने 16 लाख की लूट का किया खुलासा.. रकम बरामद

सीआईडी एडीजी ने आगो कहा कि संसाधन भी थानों को मिल रहे हैं, इन संसाधनों के बेहतर मैनेजमेंट कर पुलिसिंग को और बेहतर किया जा सकता है. सीआईडी एडीजी ने इंग्लैंड और अमेरिकी शहरों में पुलिसिंग पर चर्चा करते हुए कहा कि दूसरे देशों में पुलिस की छवि एंटी ब्लैक रही है, लेकिन हमारे यहां पुलिस की ऐसी कोई छवि नहीं है.

कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र ने कहा कि पुलिस को राजनीतिक एजेंडे पर या राजनीतिक एजेंट की तरह काम नहीं करना चाहिए. राजनीतिक वजहों के कारण पुलिस की छवि खराब हुई है. उन्होंने कहा कि पुलिस में सुधार के लिए प्रकाश सिंह के सुधारों की चर्चा होती है, लेकिन झारखंड में ही उन सुधारों का पालन नहीं हुआ. वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि पुलिस व्यवस्था में 75 सालों में कोई खास सुधार नहीं हुआ.


कार्यक्रम के दौरान बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि थानों के स्तर पर पुलिस में बदलाव जरूरी है. राज्यों में पुलिस अफसरों को दो साल का कार्यकाल नहीं दिया जाता. थानेदारों को बिना वजह हटा दिया जाता है. मृत्युंजय सिंह ने कहा कि अमूमन थानेदार अपने इलाके के 400 से 500 लोगों तक ही पहुंच रखते हैं. थाना क्षेत्र के गांव में भी वह वहीं जाते हैं, जहां सुविधाएं मिलती हैं, एक ही तरह के लोगों से थाने के लोग घिरे रहते हैं.

मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी किताब जिंदगी के 78 कोहिनूर अपने अनुभवों के आधार पर लिखी है. आगे भी वह दो पुस्तकों पर काम कर रहे हैं. जल्द ही उनकी दो अन्य किताबें भी उपलब्ध होंगी. कार्यक्रम के दौरान झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आम लोगों की उम्मीदें पुलिस से काफी अधिक होती हैं, बदलते माहौल में पुलिस का पब्लिक फ्रेंडली होना अनिवार्य है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.