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पटना: गर्दनीबाग आश्रय स्थल में ठहरे हैं 94 लोग, सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्याल - lockdown

लॉकडाउन के कारण गरीब और बेसहारा लोगों के लिए जिले में आश्रय स्थल का निर्माण करवाया गय है. इन जगहों पर सेनेटाइजेशन और खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की गई है.

पटना
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Published : Apr 8, 2020, 6:45 PM IST

Updated : Apr 8, 2020, 11:05 PM IST

पटना: कोरोना वायरस को लेकर सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित की. इस लॉकडाउन से गरीब बेसहारा लोगों के मदद के लिए राजधानी में कई जगहों पर आश्रय स्थल बनाए गए. इसी कड़ी में गर्दनीबाग हाई स्कूल में भी एक आश्रय स्थल बनाया गया. जहां अभी 94 लोग ठहरे हुए हैं. उन लोगों के लिए सामुदायिक किचन भी बनाई गई है. साथ ही यहां पर लोग सोशल डिस्टेंस का भी पालन करते हैं.

बता दें कि लॉकडाउन के बाद दैनिक मजदूर और अन्य राज्यों में फंसे लोग पैदल चलकर बिहार आ गए. उनलोगों को इन आश्रय स्थलों पर रखा जा रहा है. सरकार इनके रहने और खाने का पूरा इंतजाम कर दी है. इन आश्रय स्थलों पर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई है. जो लोगों के खाने, पीने, रहने और साफ-सफाई की व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

आश्रय स्थल पर समुचित व्यवस्था
गर्दनीबाग हाई स्कूल आश्रय स्थल में रह रहे बालू मजदूर हरमू ने बताया कि लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया तो खाने-पीने और रहने को लेकर आफत आ गई. इसी कारण से वो पैदल ही बक्सर से झारखंड स्थित अपने गांव के लिए निकल पड़े. लेकिन पटना में उन्हें प्रशासन ने रोक लिया और आश्रय स्थल में पहुंचा दिया. जिसके बाद से वह यहां रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि आश्रय स्थल में खाने, पीने और रहने की सही व्यवस्था की गई है.

पटना
आश्रय स्थल में रुके लोगोंं के लिए बनाया गया सामुदायिक किचन

आश्रय स्थल पर सेनेटाइजेशन पर विशेष ध्यान
पटना हाई स्कूल में बने आश्रय स्थल में तैनात मजिस्ट्रेट रंजीत कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण दैनिक मजदूर पटना में फंस गए. इसीलिए उनके रहने और खाने-पीने के लिए यहां आश्रय स्थल बनाया गया है. उन्होंने बताया कि आश्रय स्थल पर सेनेटाइजेशन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

पटना
गर्दनीबाग आश्रय स्थल

आश्रय स्थल के साथ लोगों के लिए भी भोजन की व्यवस्था
इसके अलावे रंजीत कुमार ने बताया कि पटना हाई स्कूल में कम्युनिटी किचन भी चलाया जा रहा है. इससे आश्रय स्थल में रहने वाले लोगों के साथ ही आसपास के 400 से ज्यादा गरीब लोगों के भी भोजन करवाया जाता है.

पटना: कोरोना वायरस को लेकर सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित की. इस लॉकडाउन से गरीब बेसहारा लोगों के मदद के लिए राजधानी में कई जगहों पर आश्रय स्थल बनाए गए. इसी कड़ी में गर्दनीबाग हाई स्कूल में भी एक आश्रय स्थल बनाया गया. जहां अभी 94 लोग ठहरे हुए हैं. उन लोगों के लिए सामुदायिक किचन भी बनाई गई है. साथ ही यहां पर लोग सोशल डिस्टेंस का भी पालन करते हैं.

बता दें कि लॉकडाउन के बाद दैनिक मजदूर और अन्य राज्यों में फंसे लोग पैदल चलकर बिहार आ गए. उनलोगों को इन आश्रय स्थलों पर रखा जा रहा है. सरकार इनके रहने और खाने का पूरा इंतजाम कर दी है. इन आश्रय स्थलों पर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई है. जो लोगों के खाने, पीने, रहने और साफ-सफाई की व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

आश्रय स्थल पर समुचित व्यवस्था
गर्दनीबाग हाई स्कूल आश्रय स्थल में रह रहे बालू मजदूर हरमू ने बताया कि लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया तो खाने-पीने और रहने को लेकर आफत आ गई. इसी कारण से वो पैदल ही बक्सर से झारखंड स्थित अपने गांव के लिए निकल पड़े. लेकिन पटना में उन्हें प्रशासन ने रोक लिया और आश्रय स्थल में पहुंचा दिया. जिसके बाद से वह यहां रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि आश्रय स्थल में खाने, पीने और रहने की सही व्यवस्था की गई है.

पटना
आश्रय स्थल में रुके लोगोंं के लिए बनाया गया सामुदायिक किचन

आश्रय स्थल पर सेनेटाइजेशन पर विशेष ध्यान
पटना हाई स्कूल में बने आश्रय स्थल में तैनात मजिस्ट्रेट रंजीत कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण दैनिक मजदूर पटना में फंस गए. इसीलिए उनके रहने और खाने-पीने के लिए यहां आश्रय स्थल बनाया गया है. उन्होंने बताया कि आश्रय स्थल पर सेनेटाइजेशन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

पटना
गर्दनीबाग आश्रय स्थल

आश्रय स्थल के साथ लोगों के लिए भी भोजन की व्यवस्था
इसके अलावे रंजीत कुमार ने बताया कि पटना हाई स्कूल में कम्युनिटी किचन भी चलाया जा रहा है. इससे आश्रय स्थल में रहने वाले लोगों के साथ ही आसपास के 400 से ज्यादा गरीब लोगों के भी भोजन करवाया जाता है.

Last Updated : Apr 8, 2020, 11:05 PM IST
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