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अब भगवान के नाम होगी मंदिरों की जमीन, 8000 मंदिरों को धार्मिक न्यास बोर्ड से जोड़ने की तैयारी - धार्मिक न्यास परिषद

बिहार में लगभग 4500 मंदिर और मठ न्यास बोर्ड से रजिस्टर्ड हैं. अब लगभग 8000 मंदिरों को भी धार्मिक न्यास पर्षद से जोड़ने की तैयारी की जा रही है. साथ ही मंदिरों (Temples) और मठों (Monasteries) की संपत्ति पर अवैध तरीके से किए गए अतिक्रमण को भी हटाकर प्रमाण पत्र मंदिरों के नाम कर दिया जाएगा. पढ़िए पूरी खबर..

land of temples in Bihar
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Published : Aug 28, 2021, 6:04 PM IST

पटना: अब हिंदु धार्मिक स्थलों पर अवैध तरीके से कब्जा करने वालों की खैर नहीं है. धार्मिक न्यास परिषद (Religious Trust Board) ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. मंदिरों और मठों की जमीन पर से कब्जा हटाकर उसका प्रमाण पत्र मंदिरों के नाम पर ही कर दिया जाएगा. लगभग 8000 मंदिरों को धार्मिक न्यास बोर्ड से जोड़े जाने की तैयारी हो रही है. इसके लिए अंचलाधिकारी से मंदिरों के नाम और संपत्ति की सूची मांगी गई है.

यह भी पढ़ें- मंदिरों और मठों की संपत्ति का डेटा हो रहा तैयार, धार्मिक न्यास बोर्ड के वेबसाइट पर फोटो के साथ किया जाएगा अपलोड

वर्तमान में लगभग 4500 सौ मंदिर और मठ न्यास बोर्ड से जुड़े हुए हैं. इन मंदिर और मठों की अपनी संपत्ति भी है. कई ऐसे मंदिर, मठ भी हैं जिनपर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है. ऐसे में धार्मिक न्यास बोर्ड इन धार्मिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में काम कर रहा है. साथ ही मंदिर और मठ को दान में दी गयी जमीन की पहचान की जायेगी.

देखें वीडियो

धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश जैन के अनुसार लगभग बिहार के 45 सौ मंदिर और मठ है जो धार्मिक न्यास पर्षद से जुड़े हुए हैं. और लगभग 8000 मंदिर धार्मिक न्यास पर्षद से जुड़े नहीं हैं .ऐसे में धार्मिक न्यास के अध्यक्ष के द्वारा इन 8000 मंदिरों को रजिस्टर्ड करने की कवायद तेज कर दी गई है.

इसको लेकर धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के द्वारा कई जिलों में बैठक की गई. बैठक के बाद अध्यक्ष निर्देश दिया है कि जो भी मंदिर मठ अभी तक धार्मिक न्यास परिषद से नहीं जुड़े हैं वह अपने मठ और जमीनों से जुड़े जमीन संबंधित कागजातों को न्यास परिषद को उपलब्ध कराएं.

अध्यक्ष ने अंचलाधिकारी से जानकारी मांगी है कि उनके क्षेत्र में कितने मंदिर हैं. मंदिर के पास पहले कितनी जमीन थी और अब कितनी जमीन बची है. इन सबका ब्यौरा बोर्ड को उपलब्ध कराना होगा. जिससे यह पता लगाने में आसानी होगी की भू माफियाओं ने कितनी जमीन पर कब्जा किया है. जल्द से जल्द मंदिरों मठों के कागजों को धार्मिक परिषद को सौंपने को कहा गया है.

बहुत सारे लोगों को धार्मिक न्यास पर्षद अधिनियम की जानकारी नहीं थी. लोगों के मन में यही था कि जो दो चार लोग मंदिर में रहते हैं मंदिर उन्हीं की है. इसलिए अवेयरनेस फैलाया जा रहा है. धार्मिक न्यास बोर्ड से जुड़ जाने के बाद मंदिर और मठों की जमीनों पर भू माफियाओं का जो कब्जा है वह भी खत्म हो जाएगा. दिसंबर माह तक 8000 मंदिरों को धार्मिक न्यास पर्षद से जोड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा.- अखिलेश कुमार जैन,अध्यक्ष, धार्मिक न्यास बोर्ड

धार्मिक न्यास पर्षद द्वारा जिलेवार बैठक किया जा रहा है. बैठक में समीक्षा के उपरांत मंदिरों और मठों का सत्यापन भी किया जा रहा है. साथ ही अधिकारियों को गैर निबंधित न्यास का सत्यापन भी करने का निर्देश दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार बिहार में मंदिरों के नाम पर हजारों बीघा जमीन है, जिसका रिकॉर्ड भी अपडेट नहीं है.

फिलहाल धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश जैन के द्वारा सर्वेक्षण कराया जा रहा है. और राज्य में इस तरह की जमीन पर काबिज भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे जमीन को कब्जे में लेकर उसका प्रमाण पत्र मंदिर के नाम कर दिया जाएगा. वैसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है जो जमीनों पर कब्जा जमाए बैठे हैं. उन पर कानूनी शिकंजा भी कसा जा रहा है.

ऐसे मंदिर जिन्हें दान की जमीन मिली है, उनके लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास की तरफ से एक पोर्टल तैयार किया जा रहा है. पोर्टल में जमीन का रकबा, खाता और खसरा अपलोड किया जायेगा. इस पोर्टल के माध्यम से मंदिर की जमीन की मॉनीटरिंग भी आसानी से हो सकेगी. प्रत्येक जिले को ऐसे मंदिरों की जमीन का ब्यौरा डालने के लिए एक माह का समय दिया गया है.

यह भी पढ़ें- राज्यभर में कांग्रेस कराएगी धर्म गुरुओं के प्रवचन, धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने थामा 'हाथ'

यह भी पढ़ें- 10 सदस्यीय धार्मिक न्यास बोर्ड का होगा गठन, सरकार ने पटना HC को दी जानकारी

पटना: अब हिंदु धार्मिक स्थलों पर अवैध तरीके से कब्जा करने वालों की खैर नहीं है. धार्मिक न्यास परिषद (Religious Trust Board) ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. मंदिरों और मठों की जमीन पर से कब्जा हटाकर उसका प्रमाण पत्र मंदिरों के नाम पर ही कर दिया जाएगा. लगभग 8000 मंदिरों को धार्मिक न्यास बोर्ड से जोड़े जाने की तैयारी हो रही है. इसके लिए अंचलाधिकारी से मंदिरों के नाम और संपत्ति की सूची मांगी गई है.

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वर्तमान में लगभग 4500 सौ मंदिर और मठ न्यास बोर्ड से जुड़े हुए हैं. इन मंदिर और मठों की अपनी संपत्ति भी है. कई ऐसे मंदिर, मठ भी हैं जिनपर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है. ऐसे में धार्मिक न्यास बोर्ड इन धार्मिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में काम कर रहा है. साथ ही मंदिर और मठ को दान में दी गयी जमीन की पहचान की जायेगी.

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धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश जैन के अनुसार लगभग बिहार के 45 सौ मंदिर और मठ है जो धार्मिक न्यास पर्षद से जुड़े हुए हैं. और लगभग 8000 मंदिर धार्मिक न्यास पर्षद से जुड़े नहीं हैं .ऐसे में धार्मिक न्यास के अध्यक्ष के द्वारा इन 8000 मंदिरों को रजिस्टर्ड करने की कवायद तेज कर दी गई है.

इसको लेकर धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के द्वारा कई जिलों में बैठक की गई. बैठक के बाद अध्यक्ष निर्देश दिया है कि जो भी मंदिर मठ अभी तक धार्मिक न्यास परिषद से नहीं जुड़े हैं वह अपने मठ और जमीनों से जुड़े जमीन संबंधित कागजातों को न्यास परिषद को उपलब्ध कराएं.

अध्यक्ष ने अंचलाधिकारी से जानकारी मांगी है कि उनके क्षेत्र में कितने मंदिर हैं. मंदिर के पास पहले कितनी जमीन थी और अब कितनी जमीन बची है. इन सबका ब्यौरा बोर्ड को उपलब्ध कराना होगा. जिससे यह पता लगाने में आसानी होगी की भू माफियाओं ने कितनी जमीन पर कब्जा किया है. जल्द से जल्द मंदिरों मठों के कागजों को धार्मिक परिषद को सौंपने को कहा गया है.

बहुत सारे लोगों को धार्मिक न्यास पर्षद अधिनियम की जानकारी नहीं थी. लोगों के मन में यही था कि जो दो चार लोग मंदिर में रहते हैं मंदिर उन्हीं की है. इसलिए अवेयरनेस फैलाया जा रहा है. धार्मिक न्यास बोर्ड से जुड़ जाने के बाद मंदिर और मठों की जमीनों पर भू माफियाओं का जो कब्जा है वह भी खत्म हो जाएगा. दिसंबर माह तक 8000 मंदिरों को धार्मिक न्यास पर्षद से जोड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा.- अखिलेश कुमार जैन,अध्यक्ष, धार्मिक न्यास बोर्ड

धार्मिक न्यास पर्षद द्वारा जिलेवार बैठक किया जा रहा है. बैठक में समीक्षा के उपरांत मंदिरों और मठों का सत्यापन भी किया जा रहा है. साथ ही अधिकारियों को गैर निबंधित न्यास का सत्यापन भी करने का निर्देश दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार बिहार में मंदिरों के नाम पर हजारों बीघा जमीन है, जिसका रिकॉर्ड भी अपडेट नहीं है.

फिलहाल धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश जैन के द्वारा सर्वेक्षण कराया जा रहा है. और राज्य में इस तरह की जमीन पर काबिज भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे जमीन को कब्जे में लेकर उसका प्रमाण पत्र मंदिर के नाम कर दिया जाएगा. वैसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है जो जमीनों पर कब्जा जमाए बैठे हैं. उन पर कानूनी शिकंजा भी कसा जा रहा है.

ऐसे मंदिर जिन्हें दान की जमीन मिली है, उनके लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास की तरफ से एक पोर्टल तैयार किया जा रहा है. पोर्टल में जमीन का रकबा, खाता और खसरा अपलोड किया जायेगा. इस पोर्टल के माध्यम से मंदिर की जमीन की मॉनीटरिंग भी आसानी से हो सकेगी. प्रत्येक जिले को ऐसे मंदिरों की जमीन का ब्यौरा डालने के लिए एक माह का समय दिया गया है.

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