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बिहार में बाढ़ का कहर, मौत का आंकड़ा पहुंचा 77 - राहत व बचाव कार्य

सूबे में बाढ़ का कहर बदस्तूर जारी है. बाढ़ से प्रभावित सभी 12 जिलों में लोगों का जिना मुहाल हो गया है. वहीं, मौत का आकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है.

वव
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Published : Jul 19, 2019, 8:14 AM IST

Updated : Jul 19, 2019, 9:04 AM IST

पटना : उत्तर बिहार में बाढ़ की चपेट में आकर 4 और लोगों की जान चली गयी है. इससे आंकड़ा बढ़कर 77 हो गया है. सीतामढ़ी जिले के रीगा थाना क्षेत्र में दो लड़कियों की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गयी. दोनों बाढ़ के पानी में स्नान करने के दौरान डूब गयी. कटिहार के कदवा थाने के कमरू गांव में सैलाब के पानी में दो किशोरियों समेत चार महिलायें डूब गयी. दो को किसी प्रकार से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. जबकि दो की मौत हो गयी. राज्य के 12 जिले बाढ़ का तांडव झेल रहे हैं. उत्तरी बिहार के 25 लाख से ज्यादा लोग इस विभिषिका की चपेट में हैं.

FLOOD
गांव में बाढ़ के पानी में डुबे घर

मोतिहारी में 21 लोगों की मौत
जिलेवार बात करें तो मोतिहारी में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अररिया में 15 लोग काल के गाल में समा चुके हैं. मधुबनी में प्रलयंकारी बाढ़ से 8 लोगों की मौत हुई तो किशनगंज के जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने 4 मौत की पुष्टि की है. जिसमें दो बच्चे और दो जवान शामिल हैं.

सीतामढ़ी में 7 लोगों की मौत
सीतामढ़ी में 7 लोगों की मौत हुई, तो वहीं सुपौल में भी मरने वालों की संख्या 5 हो गई है. शिवहर में 6 बच्चियों की मौत हुई, जबकि मुजफ्फरपुर में 2 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं दरभंगा में दो, कटिहार में दो और बेतिया में 3 लोगों की मौत इस भीषण आपदा के कारण हो चुकी है.

FLOOD
नाव से नदी पार करते लोग

राहत और बचाव कार्य जारी
बाढ़ के कारण मौत के ये आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. इन सभी के बीच सरकार लगातार बेहतर राहत और बचाव कार्य के दावे तो कर रही है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की शिकायत और जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रहे हैं.

लोगों का ठिकाना बना राहत शिविर
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 199 राहत शिविरों में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. अब तक 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं.

सूबे में बाढ़ का कहर जारी

विपक्ष ने सरकार को घेरा
बहरहाल, जो भी हो सदन में विपक्ष विरोध कर और सीएम नीतीश कुमार बाढ़ इलाकों का हवाई दौरा कर अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने के दंभ भर रहे हैं, लेकिन इन सब के बीच दशकों से बाढ़ की आपदा झेल रहे बिहारियों की किस्मत नहीं बदल रही.

पटना : उत्तर बिहार में बाढ़ की चपेट में आकर 4 और लोगों की जान चली गयी है. इससे आंकड़ा बढ़कर 77 हो गया है. सीतामढ़ी जिले के रीगा थाना क्षेत्र में दो लड़कियों की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गयी. दोनों बाढ़ के पानी में स्नान करने के दौरान डूब गयी. कटिहार के कदवा थाने के कमरू गांव में सैलाब के पानी में दो किशोरियों समेत चार महिलायें डूब गयी. दो को किसी प्रकार से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. जबकि दो की मौत हो गयी. राज्य के 12 जिले बाढ़ का तांडव झेल रहे हैं. उत्तरी बिहार के 25 लाख से ज्यादा लोग इस विभिषिका की चपेट में हैं.

FLOOD
गांव में बाढ़ के पानी में डुबे घर

मोतिहारी में 21 लोगों की मौत
जिलेवार बात करें तो मोतिहारी में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अररिया में 15 लोग काल के गाल में समा चुके हैं. मधुबनी में प्रलयंकारी बाढ़ से 8 लोगों की मौत हुई तो किशनगंज के जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने 4 मौत की पुष्टि की है. जिसमें दो बच्चे और दो जवान शामिल हैं.

सीतामढ़ी में 7 लोगों की मौत
सीतामढ़ी में 7 लोगों की मौत हुई, तो वहीं सुपौल में भी मरने वालों की संख्या 5 हो गई है. शिवहर में 6 बच्चियों की मौत हुई, जबकि मुजफ्फरपुर में 2 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं दरभंगा में दो, कटिहार में दो और बेतिया में 3 लोगों की मौत इस भीषण आपदा के कारण हो चुकी है.

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नाव से नदी पार करते लोग

राहत और बचाव कार्य जारी
बाढ़ के कारण मौत के ये आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. इन सभी के बीच सरकार लगातार बेहतर राहत और बचाव कार्य के दावे तो कर रही है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की शिकायत और जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रहे हैं.

लोगों का ठिकाना बना राहत शिविर
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 199 राहत शिविरों में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. अब तक 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं.

सूबे में बाढ़ का कहर जारी

विपक्ष ने सरकार को घेरा
बहरहाल, जो भी हो सदन में विपक्ष विरोध कर और सीएम नीतीश कुमार बाढ़ इलाकों का हवाई दौरा कर अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने के दंभ भर रहे हैं, लेकिन इन सब के बीच दशकों से बाढ़ की आपदा झेल रहे बिहारियों की किस्मत नहीं बदल रही.

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Last Updated : Jul 19, 2019, 9:04 AM IST
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