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राजगीर में मनाया गया श्री गुरु नानक देव का 550 वां प्रकाश पर्व, श्रद्धालुओ में दिखा काफी उत्साह

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Published : Dec 29, 2019, 10:12 AM IST

Updated : Dec 29, 2019, 10:37 AM IST

श्रद्धालु लक्खा सिंह ने कहा कि जिस तरह से सिख समाज और गुरुओं का मान सम्मान पूरे विश्व के मानचित्रों पर रखा है. उसके लिए सिख समाज बिहार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ऋणी रहेगा.

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550 वां प्रकाश पर्व मनाया गया

पटना: सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक सिंह महाराज का 550 वां प्रकाश पर्व राजगीर में मनाया गया. जिसको लेकर सिख श्रद्धालुओ में काफी उत्साह दिखा. राजगीर कन्वेंशन हॉल में श्री गुरु नानक नाम लेवा कमिटी और बिहार सरकार की ओर से किर्तन दरबार का भव्य आयोजन किया गया. इस किर्तन दरबार का यह मकसद था कि शरीर पांच तत्वों से बना है. इसे सुरक्षित और संरक्षित करे.

'वातावरण के पांच तत्व को बचाना गुरु मंत्र का मकसद'
किर्तन दरबार में गुरुनानक जी ने कहा था कि प्रकृति की शक्तियों को बेवजह बर्वाद न करे, अगर इसे बर्वाद किया तो जो दुष्परिणाम होगा उसकी कल्पना इंसान नहीं कर सकता. कनाडा से आई श्रद्धालु बलविंदर कौर ने कहा कि बिहार तो गुरुओं की धरती है. इस धरती पर आकर मेरा जीवन धन्य हो गया. वहीं, श्रद्धालु सेजल ने कहा कि वातावरण के पांच तत्व को बचाना ही गुरु मंत्र का मुख्य मकसद है.

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श्रद्धालु

'सिख समाज मुख्यमंत्री का ऋणी रहेगा'
लुधियाना से आए श्रद्धालु कर्मवीर ने कहा कि गुरु के नाम लेने से मोक्ष की प्राप्ति तो होती है. लेकिन उससे बड़ा कर्म उनके बताये रास्ते से होगा. श्रद्धालु लक्खा सिंह ने कहा कि जिस तरह से सिख समाज और गरुओं का मान सम्मान पूरे विश्व के मानचित्रों पर रखा है. उसके लिए सिख समाज बिहार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ऋणी रहेगा.

श्री गुरु नानक सिंह महाराज का 550 वां प्रकाश पर्व मनाया गया

'समाज को दी थी एक नई रोशनी'
बता दें कि सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक जी महाराज जब बिहार के राजगीर में आये थे. तो सबसे पहले उन्होंने इंसान से इंसान को जोड़ने, प्रेम, भाईचारा को अटूट रिश्ता में बांध कर समाज को एक नई रोशनी दी थी. साथ ही कुदरत के पांच शक्तियों को सुरक्षित और संरक्षित करने की शिक्षा दी थी. अग्नि, जल, वायु, धरती, आकाश यह सभी प्रकृति की शक्तियां हैं. इसे सुरक्षित और संरक्षित करे. उन्होंने कहा था कि यह है तो हम है नहीं तो मानव एक कल्पना है.

पटना: सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक सिंह महाराज का 550 वां प्रकाश पर्व राजगीर में मनाया गया. जिसको लेकर सिख श्रद्धालुओ में काफी उत्साह दिखा. राजगीर कन्वेंशन हॉल में श्री गुरु नानक नाम लेवा कमिटी और बिहार सरकार की ओर से किर्तन दरबार का भव्य आयोजन किया गया. इस किर्तन दरबार का यह मकसद था कि शरीर पांच तत्वों से बना है. इसे सुरक्षित और संरक्षित करे.

'वातावरण के पांच तत्व को बचाना गुरु मंत्र का मकसद'
किर्तन दरबार में गुरुनानक जी ने कहा था कि प्रकृति की शक्तियों को बेवजह बर्वाद न करे, अगर इसे बर्वाद किया तो जो दुष्परिणाम होगा उसकी कल्पना इंसान नहीं कर सकता. कनाडा से आई श्रद्धालु बलविंदर कौर ने कहा कि बिहार तो गुरुओं की धरती है. इस धरती पर आकर मेरा जीवन धन्य हो गया. वहीं, श्रद्धालु सेजल ने कहा कि वातावरण के पांच तत्व को बचाना ही गुरु मंत्र का मुख्य मकसद है.

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श्रद्धालु

'सिख समाज मुख्यमंत्री का ऋणी रहेगा'
लुधियाना से आए श्रद्धालु कर्मवीर ने कहा कि गुरु के नाम लेने से मोक्ष की प्राप्ति तो होती है. लेकिन उससे बड़ा कर्म उनके बताये रास्ते से होगा. श्रद्धालु लक्खा सिंह ने कहा कि जिस तरह से सिख समाज और गरुओं का मान सम्मान पूरे विश्व के मानचित्रों पर रखा है. उसके लिए सिख समाज बिहार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ऋणी रहेगा.

श्री गुरु नानक सिंह महाराज का 550 वां प्रकाश पर्व मनाया गया

'समाज को दी थी एक नई रोशनी'
बता दें कि सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक जी महाराज जब बिहार के राजगीर में आये थे. तो सबसे पहले उन्होंने इंसान से इंसान को जोड़ने, प्रेम, भाईचारा को अटूट रिश्ता में बांध कर समाज को एक नई रोशनी दी थी. साथ ही कुदरत के पांच शक्तियों को सुरक्षित और संरक्षित करने की शिक्षा दी थी. अग्नि, जल, वायु, धरती, आकाश यह सभी प्रकृति की शक्तियां हैं. इसे सुरक्षित और संरक्षित करे. उन्होंने कहा था कि यह है तो हम है नहीं तो मानव एक कल्पना है.

Intro:अग्नि,जल,बायु,धरती,आकाश यह सभी प्रकृति की शक्तियां है इसे सुरक्षित और संरक्षित करे यह है तो हम है नही तो मानव एक कल्पना है।इस गुरुवाणी में गुरुनानक जी ने कहा था कि प्रकृति की शक्तियॉ को बजह वर्वाद न करे,अगर इसे वर्वाद किया तो जो दुष्परिणाम होगा उसकी कल्पना इंसान नही कर सकता।


Body:स्टोरी:-गुरु की गुरुबाणी।
रिपोर्ट:-पटनासिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-28-12-019.
एंकर:-पटनासिटी,सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु श्री नानक सिंह जी महाराज का 550वॉ प्रकाशपर्व राजगीर में मनाया जा रहा है जिसको लेकर सिक्ख श्रद्धालुओ में काफी खुशी है।राजगीर कन्वेंशन हॉल में गुरुनानक नाम लेवा कमिटी और बिहार सरकार की ओर से गुरुवाणी का भव्य आयोजन हुआ।इस गुरुवाणी का मकसद था कि शरीर पाँच तत्वों से बना है अग्नि,जल,बायु,धरती,आकाश यह सभी प्रकृति की शक्तियां है इसे सुरक्षित और संरक्षित करे यह है तो हम है नही तो मानव एक कल्पना है।इस गुरुवाणी में गुरुनानक जी ने कहा था कि प्रकृति की शक्तियॉ को बजह वर्वाद न करे,अगर इसे वर्वाद किया तो जो दुष्परिणाम होगा उसकी कल्पना इंसान नही कर सकता।कनाडा से आये बलबिंद्र कौर ने कहा कि बिहार तो गुरुओं का धरती है इस धरती पर आकर मेरा जीवन धन्य हो गया,वही सेजल ने कहा कि प्रकृति के पाँच तत्व को बचाना ही गुरु मंत्र का मुख्य मकसद है,लुधियाना से आये कर्मवीर ने कहा कि गुरु के नाम लेने से मोक्ष की प्राप्ति तो है ही लेकिन उससे बड़ा कर्म उनके बताये रास्ते से होगा, मुंबई से आई बलविंदर ने कहा कि बिहार में जिस तरह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो गुरुओं के प्रति श्रद्धा रखा साथ ही लक्खा सिंह ने कहा कि जिस तरह से सिक्ख समाज और गरुओ का मान सम्मान पूरे विश्व के मानचित्रों पर रखा है उसके लिए सिक्ख समाज बिहार और मुख्यमंत्री का ऋणी रहेगा।देखिये एक रिपोर्ट।
बाईट(बलविंदर कौर-सेजल-कनाडा,कर्मवीर-लुधियाना-बलविन्दर कौर-मुम्बई-लक्खा सिंह-दिल्ली-श्रद्धालु)


Conclusion:सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक जी महाराज जब बिहार के राजगीर में आये थे तो सबसे पहले उन्होंने इंसान से इंसान को जोड़ने,प्रेम,भाईचारा का अटूट रिश्ता में बांध कर समाज को एक नई रोशनी दी साथ ही कुदरत के पाँच शक्तियों को सुरक्षित और संरक्षित करने का शिक्षा दिया अग्नि,जल,बायु,धरती,आकाश यह सभी प्रकृति की शक्तियां है इसे सुरक्षित और संरक्षित करे यह है तो हम है नही तो मानव एक कल्पना है।इस गुरुवाणी में गुरुनानक जी ने कहा था कि प्रकृति की शक्तियॉ को बजह वर्वाद न करे,अगर इसे वर्वाद किया तो जो दुष्परिणाम होगा उसकी कल्पना इंसान नही कर सकता।गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमन्त्री भी जल-जीवन-हरियाली मिशन पर निकल कर समाज को एक नई आयाम देने में लगे है।
Last Updated : Dec 29, 2019, 10:37 AM IST
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