पटना: सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक सिंह महाराज का 550 वां प्रकाश पर्व राजगीर में मनाया गया. जिसको लेकर सिख श्रद्धालुओ में काफी उत्साह दिखा. राजगीर कन्वेंशन हॉल में श्री गुरु नानक नाम लेवा कमिटी और बिहार सरकार की ओर से किर्तन दरबार का भव्य आयोजन किया गया. इस किर्तन दरबार का यह मकसद था कि शरीर पांच तत्वों से बना है. इसे सुरक्षित और संरक्षित करे.
'वातावरण के पांच तत्व को बचाना गुरु मंत्र का मकसद'
किर्तन दरबार में गुरुनानक जी ने कहा था कि प्रकृति की शक्तियों को बेवजह बर्वाद न करे, अगर इसे बर्वाद किया तो जो दुष्परिणाम होगा उसकी कल्पना इंसान नहीं कर सकता. कनाडा से आई श्रद्धालु बलविंदर कौर ने कहा कि बिहार तो गुरुओं की धरती है. इस धरती पर आकर मेरा जीवन धन्य हो गया. वहीं, श्रद्धालु सेजल ने कहा कि वातावरण के पांच तत्व को बचाना ही गुरु मंत्र का मुख्य मकसद है.
'सिख समाज मुख्यमंत्री का ऋणी रहेगा'
लुधियाना से आए श्रद्धालु कर्मवीर ने कहा कि गुरु के नाम लेने से मोक्ष की प्राप्ति तो होती है. लेकिन उससे बड़ा कर्म उनके बताये रास्ते से होगा. श्रद्धालु लक्खा सिंह ने कहा कि जिस तरह से सिख समाज और गरुओं का मान सम्मान पूरे विश्व के मानचित्रों पर रखा है. उसके लिए सिख समाज बिहार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ऋणी रहेगा.
'समाज को दी थी एक नई रोशनी'
बता दें कि सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक जी महाराज जब बिहार के राजगीर में आये थे. तो सबसे पहले उन्होंने इंसान से इंसान को जोड़ने, प्रेम, भाईचारा को अटूट रिश्ता में बांध कर समाज को एक नई रोशनी दी थी. साथ ही कुदरत के पांच शक्तियों को सुरक्षित और संरक्षित करने की शिक्षा दी थी. अग्नि, जल, वायु, धरती, आकाश यह सभी प्रकृति की शक्तियां हैं. इसे सुरक्षित और संरक्षित करे. उन्होंने कहा था कि यह है तो हम है नहीं तो मानव एक कल्पना है.