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अनंत सिंह की राजनीति का होगा अंत! 28 करोड़ के मालिक पर दर्ज हैं 38 मुकदमे - Mokama Chote Sarkar

बिहार के मोकामा के विधायक और आरजेडी नेता अनंत सिंह को सजा सुनाए जाने के साथ ही बिहार में एक और चुनाव की सुगबुगाहट होने लगी है. मंगलवार को पटना की एक अदालत ने एके 47 रखने के मामले में 10 साल कैद (Anant Singh sentenced to 10 years) की सजा सुनाई है:

38 cases are registered against against anant singh
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Published : Jun 21, 2022, 5:26 PM IST

पटना: मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह (RJD MLA ANANT SINGH) को एके-47 मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. अनंत सिंह को सजा सुनाए जाने के साथ ही उनके राजनीतिक भविष्य पर विराम लगता दिख रहा है और उनकी विधायकी जानी तय है.ऐसे में बिहार में एक और उपचुनाव की दस्तक सुनाई देने लगी है.

पढ़ें- बिहार के बाहुबली की अनंत कथा! 9 साल की उम्र में जेल, शौक ऐसे कि घर में ही अजगर पाले

अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता जाना तय: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में अपराधियों का राजनीतिकरण का दौर थम चुका है. इलियास हुसैन और राजबल्लभ यादव के बाद इस फेहरिस्त में एक नाम और जुड़ चुका है अनंत सिंह का. 10 साल के सजा के ऐलान के साथ ही उनकी विधानसभा की सदस्यता जानी तय मानी जा रही है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से बाहुबली के राजनीतिकरण पर विराम लग गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 2 साल या उससे अधिक की अगर किसी को सजा सुनाई होती है तो ऐसी स्थिति में उनकी सदस्यता रद्द समझी जाएगी. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उनकी सदस्यता बहाल हो सकती है.

ऐसे बढ़ा अपराध की दुनिया में कद: मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव 6 महीने के भीतर कराए जाएंगे. इसके आसार स्पष्ट दिख रहे हैं. अनंत सिंह से पहले राजबल्लभ यादव और इलियास हुसैन की सदस्यता जा चुकी है. साल 2005 से पहले अनंत सिंह राजद सरकार में मंत्री रह चुके दिवंगत दिलीप सिंह के निकट सहयोगी रहे और दोनों रिश्ते में भाई भी हैं. दिलीप सिंह के छत्रछाया में ही बाहुबली अनंत सिंह का अपराध की दुनिया में कद बढ़ा लेकिन साल 2005 में अनंत सिंह जदयू के टिकट पर पहली बार मोकामा से चुनाव लड़े और विधायक बने.

राजद-जदयू दोनों से लड़ चुके हैं चुनाव: 2010 में अनंत सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायकी बरकरार रखी. सितंबर 2015 को अनंत सिंह ने जदयू छोड़ दिया. 2015 विधानसभा चुनाव अनंत सिंह निर्दलीय लड़े और एक बार फिर विधायक बने. 2020 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह राजद के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्हें एक बार फिर जीत हासिल हुई लेकिन आर्म्स एक्ट मामले में सजा मिलने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर विराम लगता दिख रहा है.

'मिलता रहा राजनीतिक संरक्षण': 1987 में बाढ़ में एएसपी रह चुके अमिताभ कुमार दास का कहना है कि अनंत सिंह को राजद सरकार में मंत्री रह चुके दिलीप सिंह का संरक्षण मिला और धीरे धीरे वह राजनीति में सक्रिय हुए. वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ कुमार दास का कहना है कि अनंत सिंह को भरपूर राजनीतिक संरक्षण मिला राजद और जदयू दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने अनंत सिंह की पीठ पर हाथ रखे और अनंत सिंह ने अपने बाहुबल के सहारे राजनीतिक जमीन को मजबूती दी.

"1987 में अनंत सिंह की गतिविधियां बहुत सीमित थीं. उनके भाई दिवंगत दिलीप सिंह उस वक्त बिहार सरकार में मंत्री हुआ करते थे. उस समय अनंत सिंह ज्याद समय मंत्री महोदय के आवास पर पटना में ही रहता था. उस समय उसका लो प्रोफाइल था. अनंत सिंह के इतना बड़ा माफिया डॉन बनने के पीछे उसके राजनीतिक संरक्षण मिलना था."- अमिताभ कुमार दास, वरिष्ठ आईपीएस

38 मामले हैं दर्ज: बाहुबली विधायक अनंत सिंह का शुरू से आपराधिक इतिहास रहा है. दबंग छवि वाले अनंत सिंह को 'छोटे सरकार' (Mokama Chote Sarkar) भी कहा जाता है. कई मामलों में उनके नाम जुड़ चुके हैं. खुद अपने शपथ पत्र में अनंत सिंह ने बताया है कि 1979 में पहली बार हत्या के मामले में आरोपी बने थे. उनके खिलाफ हत्या का पहला केस पटना के बाढ़ थाने में दर्ज हुआ था. अबतक का उनका आपराधिक रिकॉर्ड देखें तो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में उनके खिलाफ कुल 38 मामले (38 cases registered against against anant singh ) दर्ज हैं. बाहुबली विधायक अनंत सिंह 28 करोड़ के मालिक हैं.

विधायक अनंत सिंह के द्वारा 2020 के चुनाव में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में 38 आपराधिक मामलों की जानकारी दी गई थी जो इस प्रकार हैं........

1. पंडारक थाना केस नंबर 24 2020 धारा 341, 323 ,448 ,504, 506 और 120 बी

2. सचिवालय थाना केस नंबर 305/ 2019 धारा 212

3. बाढ़ थाना केस नंबर 389/ 2019 धारा 414 और 120बी

4. पंडारक थाना केस नंबर 75 / 2019 धारा 341, 323, 504,212,216,115,506 और 120बी

5. बख्तियारपुर रेलवे थाना केस नंबर 8/2018 धारा 302, 120बी और 34 , सेक्सशन आर्म एक्ट

6. बाढ़ थाना केस नंबर 295/ 2019 आर्म एक्ट धारा 147,148, 149, 504, 506 और 120 बी

7. धरहरा मुंगेर थाना केस नम्बर 84/2019 धारा 188 और 171

8. पीरबहोर पटना थाना केस नम्बर 258/2016 धारा 384, 504 और 506

9. कोतवाली पटना थाना केस नम्बर 258/2016 धारा 147,148, 149, 427,387 और 120 बी

10. बहादुरपुर थाना पटना केस नम्बर 60/15 विशेष कोर्ट 12/19 धारा 307, 302 ,34 और 120 बी

11. बाढ़ थाना केस नंबर 458/15 धारा 188 ,353 ,506 और 171 c

12. सचिवालय थाना केस नंबर 54/15 धारा 25(1-b0A, 26 ,35 आर्म एक्ट

13. बाढ़ थाना केस नंबर 241/15 धारा 341,149,323,364,506,307,302,201 और 120 बी

14. बेऊर थाना केस नंबर 188/15 धारा 188 , 414 और 34

15. खिजरासराय गया थाना केस नंबर 08/15 धारा 506 और 504

16. बहादुरपुर थाना पटना केस नम्बर 80/15 विशेष कोर्ट धारा 324,326,307 और 1,20 बी

17. बिहटा थाना पटना केस नंबर 859/14 धारा 363,365,364,323,325 और 120 बी

18. श्रीकृष्णापूरी थाना पटना केस नंबर 301/14 धारा 448,386,506 और 34

19. हलसी थाना लखीसराय केस नंबर 52/14 धारा 188 और 171F

20. मेद्निचक थाना लखीसराय केस नंबर 31/14 धारा 186, 188 और 171F

21. श्रीकृष्णापूरी थाना पटना केस नंबर 404/13 धारा 386,387,504,506,37 और 120 बी

22. श्रीकृष्णापूरी थाना पटना केस नंबर 260/13 धारा 147 ,427,447,504 और 506

23. बेऊर थाना केस नंबर 36/13 धारा 364,201 ,34 और 120 बी

24. श्रीकृष्णापूरी थाना पटना केस नंबर 30/13 धारा 504

25. कोतवाली पटना थाना केस नम्बर 10/08 धारा 302 , 34 और 120 बी

26. सचिवालय थाना केस नंबर 101/ 07 धारा 147,149 ,342 , 307 ,427 और 323

27. बाढ़ थाना केस नंबर 292/04 धारा 307,302,353, 33 ,2 , 333, 109 ,34 और 120 बी

28. बाढ़ थाना केस नंबर 133/04 धारा 147 , 148,149 ,307 ,353,332 ,333 और 414

29. पीरबहोर पटना थाना केस नम्बर 55/03 धारा 147,148,307 और 353

30. बाढ़ थाना केस नंबर 174/1993 धारा 147 , 148,149 ,307 और 353

31. बाढ़ थाना केस नंबर 226/1992 धारा 452, 364 और 34

32. सकसोहरा पटना थाना केस नम्बर 5/1992 धारा 147,149,342,452 , 307 और 302

33. बाढ़ थाना केस नंबर 370/1989 धारा 399,402,307 और 353

34. बाढ़ थाना केस नंबर 343/1989 धारा 216

35. बाढ़ थाना केस नंबर 151/1986 धारा 399 और 402

36. बाढ़ थाना केस नंबर 3.7.80 धारा 147, 323 ,325 और 379

37. बाढ़ थाना केस नंबर 33/1979 धारा 379 और 34

38. बाढ़ थाना केस नंबर 13.5.1979 धारा 302 और 34

पढ़ें: AK 47 वाले बाहुबली विधायक की पूरी कहानी सिर्फ ETV BHARAT पर

पटना: मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह (RJD MLA ANANT SINGH) को एके-47 मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. अनंत सिंह को सजा सुनाए जाने के साथ ही उनके राजनीतिक भविष्य पर विराम लगता दिख रहा है और उनकी विधायकी जानी तय है.ऐसे में बिहार में एक और उपचुनाव की दस्तक सुनाई देने लगी है.

पढ़ें- बिहार के बाहुबली की अनंत कथा! 9 साल की उम्र में जेल, शौक ऐसे कि घर में ही अजगर पाले

अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता जाना तय: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार में अपराधियों का राजनीतिकरण का दौर थम चुका है. इलियास हुसैन और राजबल्लभ यादव के बाद इस फेहरिस्त में एक नाम और जुड़ चुका है अनंत सिंह का. 10 साल के सजा के ऐलान के साथ ही उनकी विधानसभा की सदस्यता जानी तय मानी जा रही है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से बाहुबली के राजनीतिकरण पर विराम लग गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 2 साल या उससे अधिक की अगर किसी को सजा सुनाई होती है तो ऐसी स्थिति में उनकी सदस्यता रद्द समझी जाएगी. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उनकी सदस्यता बहाल हो सकती है.

ऐसे बढ़ा अपराध की दुनिया में कद: मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव 6 महीने के भीतर कराए जाएंगे. इसके आसार स्पष्ट दिख रहे हैं. अनंत सिंह से पहले राजबल्लभ यादव और इलियास हुसैन की सदस्यता जा चुकी है. साल 2005 से पहले अनंत सिंह राजद सरकार में मंत्री रह चुके दिवंगत दिलीप सिंह के निकट सहयोगी रहे और दोनों रिश्ते में भाई भी हैं. दिलीप सिंह के छत्रछाया में ही बाहुबली अनंत सिंह का अपराध की दुनिया में कद बढ़ा लेकिन साल 2005 में अनंत सिंह जदयू के टिकट पर पहली बार मोकामा से चुनाव लड़े और विधायक बने.

राजद-जदयू दोनों से लड़ चुके हैं चुनाव: 2010 में अनंत सिंह लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायकी बरकरार रखी. सितंबर 2015 को अनंत सिंह ने जदयू छोड़ दिया. 2015 विधानसभा चुनाव अनंत सिंह निर्दलीय लड़े और एक बार फिर विधायक बने. 2020 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह राजद के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्हें एक बार फिर जीत हासिल हुई लेकिन आर्म्स एक्ट मामले में सजा मिलने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर विराम लगता दिख रहा है.

'मिलता रहा राजनीतिक संरक्षण': 1987 में बाढ़ में एएसपी रह चुके अमिताभ कुमार दास का कहना है कि अनंत सिंह को राजद सरकार में मंत्री रह चुके दिलीप सिंह का संरक्षण मिला और धीरे धीरे वह राजनीति में सक्रिय हुए. वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ कुमार दास का कहना है कि अनंत सिंह को भरपूर राजनीतिक संरक्षण मिला राजद और जदयू दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने अनंत सिंह की पीठ पर हाथ रखे और अनंत सिंह ने अपने बाहुबल के सहारे राजनीतिक जमीन को मजबूती दी.

"1987 में अनंत सिंह की गतिविधियां बहुत सीमित थीं. उनके भाई दिवंगत दिलीप सिंह उस वक्त बिहार सरकार में मंत्री हुआ करते थे. उस समय अनंत सिंह ज्याद समय मंत्री महोदय के आवास पर पटना में ही रहता था. उस समय उसका लो प्रोफाइल था. अनंत सिंह के इतना बड़ा माफिया डॉन बनने के पीछे उसके राजनीतिक संरक्षण मिलना था."- अमिताभ कुमार दास, वरिष्ठ आईपीएस

38 मामले हैं दर्ज: बाहुबली विधायक अनंत सिंह का शुरू से आपराधिक इतिहास रहा है. दबंग छवि वाले अनंत सिंह को 'छोटे सरकार' (Mokama Chote Sarkar) भी कहा जाता है. कई मामलों में उनके नाम जुड़ चुके हैं. खुद अपने शपथ पत्र में अनंत सिंह ने बताया है कि 1979 में पहली बार हत्या के मामले में आरोपी बने थे. उनके खिलाफ हत्या का पहला केस पटना के बाढ़ थाने में दर्ज हुआ था. अबतक का उनका आपराधिक रिकॉर्ड देखें तो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में उनके खिलाफ कुल 38 मामले (38 cases registered against against anant singh ) दर्ज हैं. बाहुबली विधायक अनंत सिंह 28 करोड़ के मालिक हैं.

विधायक अनंत सिंह के द्वारा 2020 के चुनाव में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में 38 आपराधिक मामलों की जानकारी दी गई थी जो इस प्रकार हैं........

1. पंडारक थाना केस नंबर 24 2020 धारा 341, 323 ,448 ,504, 506 और 120 बी

2. सचिवालय थाना केस नंबर 305/ 2019 धारा 212

3. बाढ़ थाना केस नंबर 389/ 2019 धारा 414 और 120बी

4. पंडारक थाना केस नंबर 75 / 2019 धारा 341, 323, 504,212,216,115,506 और 120बी

5. बख्तियारपुर रेलवे थाना केस नंबर 8/2018 धारा 302, 120बी और 34 , सेक्सशन आर्म एक्ट

6. बाढ़ थाना केस नंबर 295/ 2019 आर्म एक्ट धारा 147,148, 149, 504, 506 और 120 बी

7. धरहरा मुंगेर थाना केस नम्बर 84/2019 धारा 188 और 171

8. पीरबहोर पटना थाना केस नम्बर 258/2016 धारा 384, 504 और 506

9. कोतवाली पटना थाना केस नम्बर 258/2016 धारा 147,148, 149, 427,387 और 120 बी

10. बहादुरपुर थाना पटना केस नम्बर 60/15 विशेष कोर्ट 12/19 धारा 307, 302 ,34 और 120 बी

11. बाढ़ थाना केस नंबर 458/15 धारा 188 ,353 ,506 और 171 c

12. सचिवालय थाना केस नंबर 54/15 धारा 25(1-b0A, 26 ,35 आर्म एक्ट

13. बाढ़ थाना केस नंबर 241/15 धारा 341,149,323,364,506,307,302,201 और 120 बी

14. बेऊर थाना केस नंबर 188/15 धारा 188 , 414 और 34

15. खिजरासराय गया थाना केस नंबर 08/15 धारा 506 और 504

16. बहादुरपुर थाना पटना केस नम्बर 80/15 विशेष कोर्ट धारा 324,326,307 और 1,20 बी

17. बिहटा थाना पटना केस नंबर 859/14 धारा 363,365,364,323,325 और 120 बी

18. श्रीकृष्णापूरी थाना पटना केस नंबर 301/14 धारा 448,386,506 और 34

19. हलसी थाना लखीसराय केस नंबर 52/14 धारा 188 और 171F

20. मेद्निचक थाना लखीसराय केस नंबर 31/14 धारा 186, 188 और 171F

21. श्रीकृष्णापूरी थाना पटना केस नंबर 404/13 धारा 386,387,504,506,37 और 120 बी

22. श्रीकृष्णापूरी थाना पटना केस नंबर 260/13 धारा 147 ,427,447,504 और 506

23. बेऊर थाना केस नंबर 36/13 धारा 364,201 ,34 और 120 बी

24. श्रीकृष्णापूरी थाना पटना केस नंबर 30/13 धारा 504

25. कोतवाली पटना थाना केस नम्बर 10/08 धारा 302 , 34 और 120 बी

26. सचिवालय थाना केस नंबर 101/ 07 धारा 147,149 ,342 , 307 ,427 और 323

27. बाढ़ थाना केस नंबर 292/04 धारा 307,302,353, 33 ,2 , 333, 109 ,34 और 120 बी

28. बाढ़ थाना केस नंबर 133/04 धारा 147 , 148,149 ,307 ,353,332 ,333 और 414

29. पीरबहोर पटना थाना केस नम्बर 55/03 धारा 147,148,307 और 353

30. बाढ़ थाना केस नंबर 174/1993 धारा 147 , 148,149 ,307 और 353

31. बाढ़ थाना केस नंबर 226/1992 धारा 452, 364 और 34

32. सकसोहरा पटना थाना केस नम्बर 5/1992 धारा 147,149,342,452 , 307 और 302

33. बाढ़ थाना केस नंबर 370/1989 धारा 399,402,307 और 353

34. बाढ़ थाना केस नंबर 343/1989 धारा 216

35. बाढ़ थाना केस नंबर 151/1986 धारा 399 और 402

36. बाढ़ थाना केस नंबर 3.7.80 धारा 147, 323 ,325 और 379

37. बाढ़ थाना केस नंबर 33/1979 धारा 379 और 34

38. बाढ़ थाना केस नंबर 13.5.1979 धारा 302 और 34

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