पटनाः आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ संबंधित आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि कुल 16 जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हुई है. जिसमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिम चंपारण, खगड़िया, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा और सारण जिले के 126 प्रभावित प्रखंड की संख्या है. कुल 1240 प्रभावित पंचायतों की संख्या है.
24 लोगों की मौत
इन जिलों मे 74 लाख 40 हजार 418 लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं निस्क्रमिट जनसंख्या 508426 है. कुल 7 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. राहत शिविरों में रहने वाले कुल 11 हजार 849 लोग हैं. वहीं बिहार सरकार के सहयोग से आपदा प्रबंधन विभाग कुल 16 जिलों में 1239 सामुदायिक रसोई चला रहा है. जिसमें 9 लाख 39 हजार 893 लोग प्रतिदिन सामुदायिक रसोई में भोजन कर रहे हैं. आपदा विभाग के आंकड़े के अनुसार 24 लोगों की मौत हुई है. जिसमें दरभंगा में 3, पश्चिम चंपारण में 4, सिवान में 2 और मुजफ्फरपुर में 6 लोगों की मौत हुई है. वहीं 64 जानवर की भी मौत हुई है.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम तैनात
बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश जारी किया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की मानें तो आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है. बिहार के संभावित 16 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम कुल 33 टीमों की तैनाती की गई है. आपदा मुख्यालय में कुछ टीमों को रिजर्व में रखा गया है. जरूरत के हिसाब से इन्हें भी प्रभावी जिला में भेजा जाएगा. आपदा विभाग के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने आवास से बाढ़ का मॉनिटरिंग कर रहे हैं और लगातार अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर रहे हैं.
राहत शिविरों में रखा जा रहा सोशल डिस्टेंस
आपदा विभाग के अनुसार कोविड-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंस के तहत राहत शिविरों में लोगों को रखा जा रहा है. महिलाओं, बच्चे और बुजुर्गों की अलग व्यवस्था की गई है. सभी राहत शिविरों में मास्क और सेनेटाइजर की व्यवस्था राज्य सरकार के तरफ से किया गया है. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ऊंचे स्थल का निरीक्षण कर उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. जरूरत के हिसाब से लोगों को राहत शिविर पहुंचाया जा रहा है.