पटना: बिहार में दूसरे चरण के मतदान के लिए अब काउंट डाउन चल रहा है. दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर को 94 सीटों पर मतदान होना है. उम्मीदवार चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. राजधानी पटना में एक ऐसा विधानसभा सीट है. जहां बिहार महासमर 2020 का मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है.
इस बार चुनाव में बांकीपुर विधानसभा सीट से 22 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं. वर्ष 2015 में इस सीट पर भाजपा के नितिन नवीन ने कांग्रेस के कुमार आशीष को 39767 वोट से हराया था.
दूसरे चरण में बांकीपुर हाई प्रोफाइल मानी जा रही है. इस सीट पर मुकाबला इसलिए भी रोचक है क्योंकि यहां से तीन बार के सीटिंग विधायक नितिन नवीन का मुकाबला खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने वाली प्लूरल्स पार्टी प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी और शत्रुध्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा से है. नितिन भाजपा के प्रत्याशी हैं जबकि लव सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. प्यूरल्स की पुष्पम प्रिया के लिए भी ये पहला चुनाव है. लेकिन वह राजनीति में एंट्री से पहले से ही सुर्खियों में हैं.
सुषमा साहू हो सकती हैं गेम चेंजर
बीजेपी की महिला नेता और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य सुषमा साहू ने भाजपा से बगावत कर रखी है. पार्टी से अलग होकर सुषमा ने यहां निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भी किया. लेकिन उनका पर्चा खारिज हो गया. अब सुषमा कांग्रेस प्रत्याशी लव सिन्हा के पक्ष में प्रचार कर रही हैं. सुषमा का यहां के कायस्थों में अच्छा प्रभाव है.
जातीय समीकरण का अहम रोल
पटना का बांकीपुर विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण अहम माना जाता है. यहां कायस्थ जाति का दबदवा मना जाता है. इसके बाद यादव और मुस्लिमों की संख्या निर्णायक रहती है. बीजेपी के सीटिंग विधायक नितिन कायस्थ जाति से आते हैं और अब उनके वोट बैंक में लव सिन्हा भी सेंध लगाने की नीयत से चुनाव मैदान में हैं. पुष्पम प्रिया जातीय समीकरण को किनारे रखकर महिला वोटरों को साधने में लगी हैं. लोगों का यह भी कहना है कि इस सीट पर पुष्पम प्रिया की पैनी नजर है.
पटना लोकसभा क्षेत्र की बांकीपुर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में ही रही है. यहां अबतक दो ही बार चुनाव हुए हैं और दोनों बार भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी है. बीजेपी ने दोनों चुनाव में राजद और कांग्रेस को मात दी है.
बांकीपुर से 22 उम्मीदवार मैदान में
उम्मीदवारों का नाम | पार्टी का नाम |
1. नीतीन नवीन | बीजेपी |
2. लव सिन्हा | कांग्रेस |
3. संजीव कुमार | भारतीय पार्टी लो |
4. सुशील कुमार सिंह | एनसीपी |
5. सुबोध कुमार | शोषित समाज दल |
6. पीयूष कांत सिंह | बहुजन न्याय दल |
7. अरविंद कुमार सिंह | पब्लिक मिशन पा. |
8. सौरभ सिंह | भारतीय सबलोग पार्टी |
9. इंद्र कुमार सिंह चंदापूरी | जाप |
10. पुष्पम प्रिया चौधरी | निर्दलीय |
11. विकास कुमार राय | भारतीय मोमिन फ्रंट |
12. तेजस्विनी ज्योति | भारतीय लोक चेतना पार्टी |
13. नितेश कुमार | जद राष्ट्रवादी |
14. दुखन पासवान | रा. जन संभावना पार्टी |
15. प्रभास चंद्र शर्मा | निर्दलीय |
16. अनंग भूषण वर्मा | निर्दलीय |
17. उषा देवी श्रीवास्तव | निर्दलीय |
18. पवन कुमार झा | निर्दलीय |
19. मुकुंद कुमार | निर्दलीय |
20. मनीष वरियार | निर्दलीय |
21. जय लक्ष्मी | निर्दलीय |
22. कौशल किशोर पांडे | निर्दलीय |
बांकीपुर विधानसभा का प्रमुख मुद्दा
- मंदिरी नाला का अटका पड़ा निर्माण इस क्षेत्र के मतदाताओं के लिए बड़ा मुद्दा बना हुआ है.
- बांकीपुर के लोग के लिए जाम की समस्या आम है, यहां के लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए कई तरह की योजना बनाई गई. लेकिन अभी तक यह योजना धरातल पर उतरी नहीं है.
- बांकीपुर विधानसभा का कई इलाका पिछले वर्ष के जलजमाव की त्रासदी का गवाह रहा है. इस साल वही स्थिति तो नहीं रही. लेकिन कई इलाकों में जल निकासी में 1 से 2 दिन का समय लगा. कदमकुंआ लंगर टोली सहित कई इलाकों के लिए अभी भी जल निकासी की समस्या बनी हुई है.
- बांकीपुर विधानसभा में बड़ी संख्या में बड़े-बड़े सौम्य कंपलेक्स शोरूम आभूषण की दुकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान है. व्यापारी वर्ग के लिए बेहतर विधि व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है, व्यापारी और दुकानदार अपने साथ-साथ दुकान प्रतिष्ठानों की सुरक्षा चाहते हैं.
- बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के पटना जंक्शन स्थित बकरी बाजार के आसपास रहने वाले या इधर से उधर गुजरने वालों के लिए कचरे की दुर्गंध सबसे बड़ी आफत है. जीपीओ गोलंबर के पास नगर निगम की गाड़ी हर दिन शहर का कचरा डंप करती है. सड़क किराने डंप यार्ड रहने की वजह से कचरे से अब चरण की बदबू आती है, जिसे आने-जाने वाले राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.