पटना: बाढ़ के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 21 टीमों को बिहार के 12 जिलों में तैनात किया गया है. 3-3 टीमें गोपालगंज और पटना जिले में, 2-2 टीमें पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सारण, दरभंगा और सुपौल जिले में एवं 1-1 टीम कटिहार, किशनगंज, अररिया, मधुबनी और मुजफ्फरपुर जिले में तैनात हैं.
9वीं बटालियन एनडीआरएफ के कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें जिला प्रशासन से कुशल समन्वय स्थापित कर गोपालगंज, सुपौल, पश्चिम चम्पारण और पूर्वी चम्पारण जिलों में रेस्क्यू ऑपेरशन चलाकर अब तक 800 से अधिक बाढ़ प्रभावित लोगों को रेस्क्यू बोट से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है. इनमें महिलाएं, बच्चे और वृद्ध लोग अधिक शामिल हैं. उन्होंने आगे बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ के कार्मी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरी सावधानी बरत रहे हैं.
रात में भी चलाया गया रेस्क्यू ऑपेरशन
एनडीआरएफ कमांडेंट विजय सिन्हा ने एक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बताया कि बुधवार को पश्चिम चम्पारण जिले के बेतिया में तैनात 9वीं बटालियन एनडीआरएफ की टीम ने कमांडर सुधीर कुमार के नेतृत्व में सिकराहना प्रखंड में रात को रेस्क्यू ऑपेरशन चलाकर सिकराहना नदी बाढ़ में फंसे 4 लोगों को बचाया है. उन्होंने बताया कि सिकराहना नदी के जलस्तर में अचानक तेजी से वृद्धि होने से 4 बुजुर्ग मजदूर एक ईंट भट्ठा टापू पर फंस गए थे.
लोगों को सुरक्षित निकाला गया
कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि ईंट भट्ठा का इलाका बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर चुका था. जैसे-जैसे रात ढल रही थी उनकी चिन्ता बढ़ती जा रही थी. वे सभी मदद के लिए चिल्ला-चिल्ला कर गुहार लगा रहे थे. इसकी सूचना मिलते ही एनडीआरएफ के जांबाज बचावकर्मी रात लगभग 10 बजे घटनास्थल पर पहुंचे और चारों व्यक्तियों को को रेस्क्यू बोट से सुरक्षित निकाला. उनके नाम हैं- हरेन्द्र साह (65 वर्ष), उमेश बारी (60 वर्ष), जमीर मियां (64 वर्ष) राम बालक चौधरी (63 वर्ष).