पटना: बिहार में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, पटना में गंगा नदी उफान पर है. इसकी वजह से प्रदेश के 10 से ज्यादा जिले बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित नजर आ रहे हैं. कोसी, गंडक, कमला, बलान समेत राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में गंगा के जलस्तर में भी काफी वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही है. लेकिन राजधानी पटना में यह वार्निंग लेवल पार कर चुकी है.
गंगा के जलस्तर में और होगी वृद्धि
पटना में गंगा के जलस्तर की बात करें तो यहां प्रति घंटे 1 सेंटी मीटर की रफ्तार से गंगा के जलस्तर में वृद्धि देखने को मिल रही है. पटना के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर मापने के लिए यंत्र लगा हुआ है और यहीं पर केंद्रीय जल आयोग का कार्यालय भी है. केंद्रीय जल आयोग गंगा के जलस्तर का प्रति घंटे रीडिंग लेता है.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार शाम 5 बजे तक एनआईटी घाट पर पटना में गंगा का जलस्तर 48.00 मीटर दर्ज किया गया, जबकि 24 घंटे पहले शुक्रवार के दिन गंगा का जलस्तर 47.79 मीटर था. कुल मिलाकर देखा जाए तो पटना में गंगा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 21 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है और केंद्रीय जल आयोग की माने तो अभी आने वाले दिनों में गंगा के जलस्तर में और वृद्धि होगी.
खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर बह रही नीचे
बता दें कि पटना के एनआईटी घाट पर लगे वाटर लेवल रीडिंग मीटर के अनुसार 47.60 मीटर पर वार्निंग लेवल माना गया है और 48.60 मीटर पर डेंजर लेवल माना गया है. वर्तमान समय में गंगा पटना में खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर नीचे बह रही हैं. पटना में जिस प्रकार से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. इस कारण कलेक्ट्रेट घाट से एनआईटी घाट तक बने गंगा पाथवे की कई सीढ़ियां पानी में डूब चुकी है.