पटना: 2000 के नोट बदलने की प्रक्रिया की मंगलवार से शुरू हो चुकी है. 4 महीने के अंदर तक नोट बदले जा सकते हैं. ऐसे में पहले दिन लोग बैंक में नोट बदलने पहुंचे लेकिन भीड़ काफी कम दिखी. वहीं 2000 के नोट वापस लेने को लेकर बयानबाजी भी जारी है. आरजेडी और जेडीयू, बीजेपी पर हमलावर है. वहीं बीजेपी का कहना है कि इस फैसले से भ्रष्टाचारियों की परेशानी बढ़ेगी.
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2000 के नोट बदलने की प्रक्रिया: अगर आप 2000 के नोट बदलने के लिए बैंक जा रहे हैं तो कुछ जरूरी गाइडलाइंस का पालन करना होगा. नोट बदलने की समय सीमा निर्धारित की गई है. कोई भी नागरिक 23 मई से लेकर 30 सितंबर के बीच नोट बदलवा सकता है. बैंकों में जाकर आसानी से नोट बदले जा सकते हैं. इसके लिए कोई आईडी प्रूफ नहीं देना है. नोट बदलने के लिए एक फॉर्म भरना है, जिसमें नोटों की डिटेल भरनी होगी. अगर आप 50 हजार से अधिक की रकम बैंक खाते में जमा करते हैं तो फिर पैन,आधार कार्ड दिखाना होगा.
20 हजार रुपए है लिमिट: कोई भी व्यक्ति एक बार में सिर्फ 10 नोट यानी 20 हजार रुपये ही बदल सकता है. अगर किसी के पास 20 हजार रुपये से ज्यादा दो हजार के नोट हैं तो फिर उक्त शख्स को दो या उससे अधिक बार बैंक की शाखा जाना होगा. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं, अगर आपके पास दो हजार के कुल 50 हजार रुपये हैं तो आपको 3 बार बैंक जाना होगा.
क्या फॉर्म भरना होगा?: नोट बदलने के लिए ग्राहकों को कोई फॉर्म नहीं भरना होगा. नागरिक अपनी बैंक शाखा पर जाकर बैंक कर्मचारी से नोट बदलने का फॉर्म भरने की जरूरत नहीं: वहीं, नोट को बदलने के लिए ग्राहक को कोई फॉर्म नहीं भरना होगा. कोई भी नागरिक अपनी बैंक की शाखा पर जाकर बैंक कर्मचारियों से नोट बदलने का अनुरोध कर सकता है. इसके लिए डिपॉजिट या एक्सचेंज फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है. नोट जमा करने के लिए पहचान पत्र या किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं है. यह नियम दो हजार के 10 नोटों पर ही लागू होगा.
आरोप-प्रत्यारोप जारी: वहीं 2000 के नोट वापस लेने के आरबीआई के फैसले पर विपक्ष हमलावर है. विपक्ष इसे मुद्दों से ध्यान भटकाने का पैंतरा बता रहा है. वहीं बीजेपी भी कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं पर हमलावर है. बीजेपी का कहना है कि कालाधन जिनके पास जमा है उन्हें ज्यादा परेशानी होगी. इस फैसले से आम जनता को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
"केंद्र की सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए यह फैसला ली है. पीएम को बताना चाहिए कि कालेधन का क्या हुआ. जाली नोट का क्या हुआ?" - पप्पू यादव, जाप सुप्रीमो
"2000 का नोट बंद किए जाने से भ्रष्टाचारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक हुई है. इन विरोधियों के बेचैनी का कारण यही है."- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता