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Black Fungus In Patna: बीते 24 घंटे में ब्लैक फंगस के 19 नए मामले, 3 की मौत

सूबे में ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती संख्या ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. पटना में ब्लैक फंगस के 19 नये मरीज मिले हैं. इससे पीड़ित 3 मरीज की मौत भी हो गयी.

Black fungus patients in bihar
Black fungus patients in bihar
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Published : Jun 4, 2021, 11:01 AM IST

पटना: सूबे में ब्लैक फंगस (Black Fungus in Bihar) से पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राजधानी पटना में गुरुवार को ब्लैक फंगस के 19 नए मरीज (black fungus patient) मिले हैं. जिसमें से 3 की मौत हो गई है. जानकारी के अनुसार, आईजीआईएमएस (IGIMS) में गुरुवार को ब्लैक फंगस के 9 मरीज एडमिट हुए, जिनमें से 2 मरीजों की मौत हो गई.

यह भी पढ़ें - Doctor Advice on Black Fungus: ब्लैक फंगस से डरना नहीं, इन बातों का रखें ध्यान...

वहीं, आईजीआईएमएस में 123 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. इनमें से 15 मरीज ऐसे हैं जो ब्लैक फंगस के साथ-साथ कोरोना से भी संक्रमित हैं जबकि 12 मरीज को ब्लैक फंगस के लक्षण है और उनका रिपोर्ट अभी कंफर्म नहीं हुआ है, रिपोर्ट आने की देरी है.

पटना के AIIMS हॉस्पिटल में गुरुवार को ब्लैक फंगस के 7 नए मरीज एडमिट हुए जिनमें से एक मरीज की मौत हो गई. इसके साथ ही पटना एम्स में मरीजों की संख्या 98 हो गई है. पटना एम्स में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ब्लैक फंगस के लिए अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाकर 110 कर दी गई है.

सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं
पीएमसीएच में गुरुवार को ब्लैक फंगस के 3 नए मरीज एडमिट हुए जबकि 6 मरीजों को स्थिति गंभीर होने पर पटना एम्स या आईजीआईएमएस में सर्जरी के लिए रेफर कर दिया गया. बता दें कि पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में जिन मरीजों का संक्रमण बढ़ जा रहा है और सर्जरी की आवश्यकता हो रही है. उन्हें पटना एम्स या आईजीआईएमएस मैं सर्जरी के लिए रेफर कर दिया जा रहा है. अभी के समय अस्पताल में 19 मरीज का इलाज चल रहा है. पटना के एनएमसीएच (NMCH) की बात करें तो अस्पताल में ब्लैक फंगस के 5 मरीजों का इलाज चल रहा है.

सरकार के पास नहीं हैं ब्लैक फंगस के डाटा
बता दें कि प्रदेश में ब्लैक फंगस का मामला गहराता जा रहा है. सरकार ने इसे महामारी भी घोषित कर दिया है. लेकिन बावजूद इसके ब्लैक फंगस से जुड़े कोई भी डाटा सरकार की तरफ से उपलब्ध नहीं हो रहा है. प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस से 45 से अधिक मरीजों की जान जा चुकी है.

यह भी पढ़ें - Black Fungus In Patna: IGIMS में 6 मरीजों की मौत, 1 ब्लैक फंगस से था ग्रसित

महामारी से निपटने के लिए तैयारियों में कमी
वहीं, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस बात की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है कि ब्लैक फंगस से कितने मरीज की प्रदेश में अब तक मौत हुई है. ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या ब्लैक फंगस से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों में कुछ कमी है. जिस वजह से ब्लैक फंगस का मामला सरकार दबा रही है.

क्या है ब्लैक फंगस?
म्यूकरमाइकोसिस (एमएम) को ब्लैक फंगस के नाम से भी जानते हैं. म्यूकरमाइकोसिस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है. यह म्यूकर फफूंद के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों में खाद, सड़े हुए फल और सब्जियों में पनपता है. यह फंगस साइनस दिमाग और फेफड़ों को प्रभावित करती है और डायबिटीज के मरीजों या बेहद कमजोर यूनिटी रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों ( कैंसर या एचआईवी एड्स ग्रसित) के लिए यह जानलेवा भी हो सकती है. अभी के दौर में कोरोना से उबर चुके मरीजों पर इसका असर देखा जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः न कोरोना, न ही स्टेरॉइड का इस्तेमाल, फिर भी हुआ ब्लैक फंगस, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

पटना: सूबे में ब्लैक फंगस (Black Fungus in Bihar) से पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राजधानी पटना में गुरुवार को ब्लैक फंगस के 19 नए मरीज (black fungus patient) मिले हैं. जिसमें से 3 की मौत हो गई है. जानकारी के अनुसार, आईजीआईएमएस (IGIMS) में गुरुवार को ब्लैक फंगस के 9 मरीज एडमिट हुए, जिनमें से 2 मरीजों की मौत हो गई.

यह भी पढ़ें - Doctor Advice on Black Fungus: ब्लैक फंगस से डरना नहीं, इन बातों का रखें ध्यान...

वहीं, आईजीआईएमएस में 123 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. इनमें से 15 मरीज ऐसे हैं जो ब्लैक फंगस के साथ-साथ कोरोना से भी संक्रमित हैं जबकि 12 मरीज को ब्लैक फंगस के लक्षण है और उनका रिपोर्ट अभी कंफर्म नहीं हुआ है, रिपोर्ट आने की देरी है.

पटना के AIIMS हॉस्पिटल में गुरुवार को ब्लैक फंगस के 7 नए मरीज एडमिट हुए जिनमें से एक मरीज की मौत हो गई. इसके साथ ही पटना एम्स में मरीजों की संख्या 98 हो गई है. पटना एम्स में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ब्लैक फंगस के लिए अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाकर 110 कर दी गई है.

सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं
पीएमसीएच में गुरुवार को ब्लैक फंगस के 3 नए मरीज एडमिट हुए जबकि 6 मरीजों को स्थिति गंभीर होने पर पटना एम्स या आईजीआईएमएस में सर्जरी के लिए रेफर कर दिया गया. बता दें कि पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में जिन मरीजों का संक्रमण बढ़ जा रहा है और सर्जरी की आवश्यकता हो रही है. उन्हें पटना एम्स या आईजीआईएमएस मैं सर्जरी के लिए रेफर कर दिया जा रहा है. अभी के समय अस्पताल में 19 मरीज का इलाज चल रहा है. पटना के एनएमसीएच (NMCH) की बात करें तो अस्पताल में ब्लैक फंगस के 5 मरीजों का इलाज चल रहा है.

सरकार के पास नहीं हैं ब्लैक फंगस के डाटा
बता दें कि प्रदेश में ब्लैक फंगस का मामला गहराता जा रहा है. सरकार ने इसे महामारी भी घोषित कर दिया है. लेकिन बावजूद इसके ब्लैक फंगस से जुड़े कोई भी डाटा सरकार की तरफ से उपलब्ध नहीं हो रहा है. प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस से 45 से अधिक मरीजों की जान जा चुकी है.

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महामारी से निपटने के लिए तैयारियों में कमी
वहीं, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस बात की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है कि ब्लैक फंगस से कितने मरीज की प्रदेश में अब तक मौत हुई है. ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या ब्लैक फंगस से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों में कुछ कमी है. जिस वजह से ब्लैक फंगस का मामला सरकार दबा रही है.

क्या है ब्लैक फंगस?
म्यूकरमाइकोसिस (एमएम) को ब्लैक फंगस के नाम से भी जानते हैं. म्यूकरमाइकोसिस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है. यह म्यूकर फफूंद के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों में खाद, सड़े हुए फल और सब्जियों में पनपता है. यह फंगस साइनस दिमाग और फेफड़ों को प्रभावित करती है और डायबिटीज के मरीजों या बेहद कमजोर यूनिटी रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों ( कैंसर या एचआईवी एड्स ग्रसित) के लिए यह जानलेवा भी हो सकती है. अभी के दौर में कोरोना से उबर चुके मरीजों पर इसका असर देखा जा रहा है.

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