पटना: कोरोना महामारी की भयावह स्थिति को देखते हुए बिहार सरकार ने बिहार में 15 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगाया है. इस लॉकडाउन का असर अब ट्रेनों पर भी देखने को मिल रहा है. यात्री यात्रा करने से बचते दिख रहे हैं. लोग रिजर्वेशन टिकट काउंटर से अपना टिकट कैंसिल करवा रहे हैं. पटना जंक्शन से पिछले 7 दिनों में 1593 टिकट कैंसिल कराया गया है. रिजर्वेशन टिकट काउंटर से यात्रियों के 18 लाख 55, हजार 565 रुपए का टिकट वापस करने का आंकड़ा सामने आया है. जबकि ई टिकट कैंसिल का हिसाब अलग है. यही वजह है कि ट्रेनों में यात्रियों की संख्या में काफी कमी हुई है.
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लॉकडाउन लगने के बाद यात्रा करने वाले लोग अपना टिकट रद्द करवा रहे हैं. बड़ी संख्या में रेल यात्री यात्रा की योजना को टालते हुए टिकट कैंसिल करवा रहे हैं. इसमें यात्री ट्रेन में मेल व एक्सप्रेस के अलावा सभी ट्रेनें शामिल है जिन की बुकिंग रद्द की जा रही है. ऐसी स्थिति में ट्रेनों में आरक्षण रद्द कराने वाले यात्रियों का किराया रिफंड भी किया जा रहा है. अगर प्रतिदिन की बात करें तो 100 से ज्यादा लोग टिकट कैंसिल करवा रहे हैं.
सात दिन में 1593 टिकट हुआ कैंसिल
अगर प्रतिदिन की बात करें तो 1 मई को 247 टिकट कैंसिल हुआ. जिसके लिए 1,13,795 रुपया वापस किया गया, इसी तरह 2 मई को 116 टिकट कैंसिल हुआ. जिसके लिए 62,280 रुपया, 3 मई को 118 टिकट के लिए 400715 रुपया रिफंड किया गया, 4 मई को 118 टिकट कैंसिल हुआ. जिसके लिए 327880 रुपया वापस किया गया. इसी तरह 5 मई को 324 टिकट कैंसिल हुआ जिसके लिए 268055 रुपया, 6 मई को 311 टिकट कैंसिल के लिए 312960 रुपया वापिस किया गया. 7 मई को 359 टिकट कैंसिल हुआ जिसके लिए 369880 रुपया यात्रियों को वापस किया गया.
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इतनी संख्या में कभी नहीं कैंसिल हुआ टिकट
रेल अधिकारियों की माने तो अप्रैल मई महीने में कभी इतनी संख्या में टिकट कैंसिल नहीं हुआ है. लेकिन जिन लोगों ने महीना दो महीना पहले से रिजर्वेशन टिकट करा रखे थे. वो इस समय टिकट कैंसिल करा रहे हैं. स्थिति यह है कि अधिकांश ट्रेनें इस महीने की आखिरी तक खाली है. सभी श्रेणियों में बहुत कम रिजर्वेशन हुआ है. पिछले साल भी कोरोना संक्रमण के के कारण रिजर्वेशन टिकट रद्द हुई थी और रेलवे को रिफंड करना पड़ा था. हालांकि इस बार ट्रेन की परिचालन ठप नहीं किया गया है. लेकिन लोग यात्रा से परहेज कर रहे हैं और अपने टिकट को कैंसिल करा रहे हैं. जिससे रेलवे के राजस्व में कमी होने लगी है.