पटना: प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. शनिवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस के 16 नए मरीजों की पुष्टि हुई. 5 मरीजों की इस फंगस से मौत हो गयी. पटना के PMCH और AIIMS जैसे संस्थानों में 2-2 मरीजों की इस फंगस की वजह से मौत हुई है जबकि IGIMS में ब्लैक फंगस से एक मरीज की मौत हुई है. प्रदेश में ब्लैक फंगस से पीड़ितों की संख्या 310 हो गयी है.
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डॉक्टरों की मर्जी के बगैर 4 मरीज अस्पताल से निकले
पटना के AIIMS की बात करें तो शनिवार को भी एक मरीज लामा (लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस) हो गया. शुक्रवार को भी ब्लैक फंगस के 3 मरीज लामा हो गए थे. जो लोग बिना चिकित्सकों के परामर्श के ही अस्पताल से निकल जाते हैं उन्हें लामा अर्थात लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस कहा जाता है.
IGIMS में शनिवार को 4 नए मरीज एडमिट हैं. यहां अब इलाजरत मरीजों की संख्या 98 हो गई है. अस्पताल के ओपीडी में भी काफी संख्या में ब्लैक फंगस के संक्रमित मरीज शनिवार को पहुंचे. आईजीआईएमएस में सबसे अधिक ब्लैक फंगस के एक्टिव मरीज है.
अस्पतालों में ब्लैक फंगस की दवा की कमी
अस्पताल के सूत्रों की मानें तो ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए दवा खत्म हो गई है. शुक्रवार को जो एंफोटेरेसिन बी का 350 वायल मिला था वह खत्म हो गया है. यहां प्रतिदिन 500 वायल की जरूरत है. एक मरीज के इलाज में प्रतिदिन कम से कम पांच वायल दवा की जरूरत पड़ती है.
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ब्लैक फंगस के साथ ही कोरोना संक्रमित भी हैं 37 मरीज
पटना एम्स की बात करें तो यहां ब्लैक फंगस के 10 मरीज शनिवार को मिले जिसमें से तीन को एडमिट किया गया और बाकी को दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन के साथ डिस्चार्ज कर दिया गया. यहां ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है. इनमें 37 मरीज ब्लैक फंगस के साथ ही कोरोना वायरस से भी संक्रमित हैं.
पीएमसीएच में शनिवार को 6 नए मरीज एडमिट हुए और यहां अब ब्लैक फंगस के भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. एनएमसीएच की बात करें तो शनिवार को अस्पताल में एक मरीज एडमिट हुआ और यहां तीन ब्लैक फंगस के मरीज हैं.
पटना के रुबन और पारस जैसे बड़े प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो यह एक्टिव मरीजों की संख्या 32 है. इसके साथ ही विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में भी 30 से अधिक मरीज इलाजरत हैं.