पटनाः राज्य के 15 सौ से अधिक एएनएम और फार्मासिस्ट वेतन विसंगति के मामले को लेकर 35 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. मंगलवार से राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम से संविदा पर जुड़े स्वास्थ्य कर्मी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे कोरोना संकट काल में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है.
हड़ताल पर हैं 15 सौ एएनएम और फार्मासिस्ट
विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से संविदा पर जुड़े राज्य के 15 सौ से अधिक एएनएम और फार्मासिस्ट हड़ताल पर हैं. राज्य में दो हजार से ज्यादा एनएचएम से संविदा पर जुड़े स्वास्थ्य कर्मी हैं. एनएचएम कर्मियों के हड़ताल को एनबीएसके से जुड़े फार्मासिस्ट और एएनएम ने अपना समर्थन दिया है.
पदाधिकारियों ने बुलाई बैठक
विकास भवन स्थित न्यू सचिवालय के स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में विभाग के प्रधान सचिव ने एनएचएम के तहत कार्यरत कर्मियों के एसोसिएशन के पदाधिकारियों और आरबीएसके से जुड़े पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई है. स्वास्थ्य कर्मियों के मामले पर ध्यान देते हुए उनके हड़ताल को खत्म करने के उद्देश्य से यह बैठक बुलाई गई है.
वेतन बढ़ाने की मांग
एनबीएसके से जुड़े फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महासचिव राजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि वेतन विसंगति को लेकर एएनएम और फार्मासिस्ट हड़ताल पर हैं और सरकार की ओर से इसे लेकर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने मांग की है कि आरबीएसके के आयुष चिकित्सकों के मानदेय की तर्ज पर एनएचएम में फार्मासिस्ट और एएनएम का वेतन भी दिया जाए. सरकार से हमारी यही मांग है.
सामूहिक त्यागपत्र देने का निर्णय
राजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारी मांग नहीं मानने पर सामूहिक त्यागपत्र देने के निर्णय से स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया गया था. जिसके बाद विभाग के प्रधान सचिव ने वार्ता के लिए सचिवालय में बुलाया है.
चरमरा रही स्वास्थ्य व्यवस्था
मुंगेर पीएचसी में कार्यरत फार्मासिस्ट संतोष कुमार ने बताया कि एनएचएम से संविदा पर जुड़े सभी स्वास्थ्य कर्मी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिसके बाद से पीएचसी की स्थिति चरमरा रही है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने वार्ता के लिए बुलाया है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वे लोग काम पर नहीं लौटेंगे.