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कोरोना इफेक्ट: PMCH में बनाया जा रहा है 150 बेड का आइसोलेशन वार्ड

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण पूरे बिहार में हाहाकर मचा हुआ है. वायरस के बढ़ते संक्रमण से संदिग्ध मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए प्रदेश सरकार ने पीएमसीएमच समेत कई अन्य अस्पतालों में बने आइसोलेशन वार्ड में बेडों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसके तहत पीएमसीएच में 150 बेड बनाने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है.

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Published : Mar 23, 2020, 5:58 PM IST

कोरोना वायरस का हाहाकार
कोरोना वायरस का हाहाकार

पटना: देश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार में भी 3 मरीज कोरोना के पॉजिटिव पाए गए हैं. ऐसे में बिहार सरकार पहले से भी ज्यादा अलर्ट हो गई है. राज्य सरकार इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश के तमाम प्रतिष्ठित अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड में बेड की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसको लेकर पटना के पीएमसीएच में 150 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है. बता दें कि पीएमसीएच में पहले केवल 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड था, जो अब 170 बेड हो जाएगा.

'बेड की कमी से जूझ रहा था पीएमसीएच'
बता दें कि पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में मात्र 20 बेड मौजूद हैं. वर्तमान समय में यहां पर सभी बेड फुल हैं. बेड फुल होने के कारण किसी भी नए कोरोना सस्पेक्ट मरीज को एडमिट नहीं किया जा रहा है. वहीं, प्रदेश के विभिन्न जिलों से कोरोना संदिग्ध मरीजों को लगातार पीएमसीएच रेफर किया जा रहा है. ऐसे में पीएमसीएच पहुंच रहे मरीजों को निराशा हाथ लग रही थी. मरीजों को बेड की कमी के कारण भर्ती नहीं किया जा रहा था. मरीजों को पीएमसीएच से आईजीआईएमएस, एनएमसीएच के साथ-साथ पटना एम्स रेफर किया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पीएमसीएच में कोरोना सस्पेक्ट की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिछले दिनों पीएमसीएच प्रबंधन ने पूर्व के चर्म विभाग के भवन को पटना विश्वविद्यालय से टेकओवर कर वहां 50 बेड की कैपेसिटी का आइसोलेशन वार्ड बनाने का निर्णय लिया. वहां बेड बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है. वहीं, जिस भवन में पानी बिजली की सुविधाएं नहीं है. उसके लिए आउटसोर्सिंग कंपनी बीएमएसआईसीएल को लगाया गया है.

'पीएमसीएच में 170 बेड का आइसोलेशन वार्ड'
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएमसीएच ने आइसोलेसन वार्ड में बेड की संख्या बढ़ाने पर लगातार कार्य कर रही है. अस्पताल के नेत्र विभाग को खाली करा वहां 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाने का काम चल रहा है. पीएमसीएच प्रबंधन की ओर से दावा किया जा रहा है कि चर्म रोग डिपार्टमेंट में बन रहा 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड और नेत्र विभाग को खाली करा कर बन रहे वार्ड 2 से 3 दिनों के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा. बता दें कि नेत्र विभाग के भवन के प्रथम तल पर पहले जो ऑपरेशन थिएटर था, उसे पूरी तरह से खाली करा दिया गया है. इन दोनों जगह पर आइसोलेशन वार्ड के तैयार होने के बाद पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में 170 बेड हो जाएंगे.

'वार्ड में तैनात कर्मियों को पाया गया कोरोना संदिग्ध'
पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी पर तैनात एक स्टाफ नर्स को कोरोना का सस्पेक्ट पाया गया है. नर्स को फ्लू और फीवर की शिकायत थी. जिसके बाद उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया है. फिलहाल संदिग्ध मरीज के सैंपल को कलेक्ट किया जा रहा है. ता दें कि बिहार में कोरोना वायरस के कारण जिस युवक की सबसे पहले मौत हुई थी. वह सबसे पहले पीएमचीएच पहुंचा था. जहां काफी देर बाद डॉक्टरों की निगरानी में उसे रखा गया था. लेकिन आइसोलेशन वार्ड में बेड के अभाव के कारण उसे पटना एम्स रेफर कर दिया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

पटना: देश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार में भी 3 मरीज कोरोना के पॉजिटिव पाए गए हैं. ऐसे में बिहार सरकार पहले से भी ज्यादा अलर्ट हो गई है. राज्य सरकार इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश के तमाम प्रतिष्ठित अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड में बेड की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसको लेकर पटना के पीएमसीएच में 150 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है. बता दें कि पीएमसीएच में पहले केवल 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड था, जो अब 170 बेड हो जाएगा.

'बेड की कमी से जूझ रहा था पीएमसीएच'
बता दें कि पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में मात्र 20 बेड मौजूद हैं. वर्तमान समय में यहां पर सभी बेड फुल हैं. बेड फुल होने के कारण किसी भी नए कोरोना सस्पेक्ट मरीज को एडमिट नहीं किया जा रहा है. वहीं, प्रदेश के विभिन्न जिलों से कोरोना संदिग्ध मरीजों को लगातार पीएमसीएच रेफर किया जा रहा है. ऐसे में पीएमसीएच पहुंच रहे मरीजों को निराशा हाथ लग रही थी. मरीजों को बेड की कमी के कारण भर्ती नहीं किया जा रहा था. मरीजों को पीएमसीएच से आईजीआईएमएस, एनएमसीएच के साथ-साथ पटना एम्स रेफर किया जा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पीएमसीएच में कोरोना सस्पेक्ट की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिछले दिनों पीएमसीएच प्रबंधन ने पूर्व के चर्म विभाग के भवन को पटना विश्वविद्यालय से टेकओवर कर वहां 50 बेड की कैपेसिटी का आइसोलेशन वार्ड बनाने का निर्णय लिया. वहां बेड बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है. वहीं, जिस भवन में पानी बिजली की सुविधाएं नहीं है. उसके लिए आउटसोर्सिंग कंपनी बीएमएसआईसीएल को लगाया गया है.

'पीएमसीएच में 170 बेड का आइसोलेशन वार्ड'
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएमसीएच ने आइसोलेसन वार्ड में बेड की संख्या बढ़ाने पर लगातार कार्य कर रही है. अस्पताल के नेत्र विभाग को खाली करा वहां 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाने का काम चल रहा है. पीएमसीएच प्रबंधन की ओर से दावा किया जा रहा है कि चर्म रोग डिपार्टमेंट में बन रहा 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड और नेत्र विभाग को खाली करा कर बन रहे वार्ड 2 से 3 दिनों के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा. बता दें कि नेत्र विभाग के भवन के प्रथम तल पर पहले जो ऑपरेशन थिएटर था, उसे पूरी तरह से खाली करा दिया गया है. इन दोनों जगह पर आइसोलेशन वार्ड के तैयार होने के बाद पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में 170 बेड हो जाएंगे.

'वार्ड में तैनात कर्मियों को पाया गया कोरोना संदिग्ध'
पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी पर तैनात एक स्टाफ नर्स को कोरोना का सस्पेक्ट पाया गया है. नर्स को फ्लू और फीवर की शिकायत थी. जिसके बाद उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया है. फिलहाल संदिग्ध मरीज के सैंपल को कलेक्ट किया जा रहा है. ता दें कि बिहार में कोरोना वायरस के कारण जिस युवक की सबसे पहले मौत हुई थी. वह सबसे पहले पीएमचीएच पहुंचा था. जहां काफी देर बाद डॉक्टरों की निगरानी में उसे रखा गया था. लेकिन आइसोलेशन वार्ड में बेड के अभाव के कारण उसे पटना एम्स रेफर कर दिया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

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