पटना: बिहार विधानमंडल के विशेष सत्र के दौरान जहां सीएए और एनआरसी को लेकर विपक्ष मुखर दिखा, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि एनआरसी सिर्फ असम के लिए ही है. लिहाजा चर्चा केवल सीएए पर की जाए. इन सब के बीच एससी-एसटी आरक्षण से जुड़े मामले को लेकर संशोधन प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया.
जल जीवन हरियाली पर बोले सीएम
सदन में सीएम नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली अभियान पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जितने तालाब, पोखर और अन्य जलस्रोत हैं, उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा. अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान जिन लोगों को हटाया जाएगा, उसे बसाया भी जाएगा.
'जारी रहेगा आरक्षण'
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि आरक्षण नहीं होता तो क्या हाल होता इसका उदाहरण राज्यसभा है. जहां केवल 26 सदस्य हैं. यदि आरक्षण समाप्त कर दिए जाए तो दो चार ही जीत कर आएंगे. उन्होंने कहा कि हमलोग का कमिटमेंट है, जब तक दलित समाज इस स्थिति में नहीं आ जाता कि अपने बूते पर्याप्त संख्या में जीत कर आ जाए, तब तक आरक्षण जारी रहेगा.
तेजस्वी-तेजप्रताप ने भी लिया हिस्सा
विशेष सत्र में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और आरजेडी विधायक तेजप्रताप यादव ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान तेजस्वी ने जातीय जनगणना पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर एनपीआर वास्तव में एनआरसी का पहला स्टेप है.
क्या कहा संसदीय कार्य मंत्री ने?
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि चूकि लोकसभा और राज्यसभा से संशोधन प्रस्ताव पास हो चुका है, लिहाजा 25 जनवरी तक बिहार विधानमंडल से भी इसे पास कराना आवश्यक था. ये अच्छी बात रही कि तमाम सियासी दलों ने सर्वसम्मति से इसे पारित कर दिया. अब आरक्षण अगले 10 साल तक लागू होगा.
कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
126वें संविधान संशोधन प्रस्ताव पास कराने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी. हालांकि आरजेडी की ओर से सत्र को 2 दिन और बढ़ाने की मांग की गई.