पटना: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन कैदियों को लेकर काफी गंभीर नजर आ रहा है. बिहार सरकार के गृह विभाग के सचिव और जेल आईजी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी किए जाने के बाद उनकी कोरोना जांच कराना जरूरी होगा. निगेटिव रिपोर्ट आने पर ही अभियुक्त को जेल भेजा जाएगा.
जेल प्रशासन ने निर्णय लिया है कि कोरोना जांच नेगेटिव आने पर ही प्रमाण पत्रों के आलेखन के बाद अभियुक्तों को जेल में दाखिला कराया जाएगा. जेल प्रशासन का मानना है कि कोरोना का संक्रमण अगर किसी भी जेल में पहुंच जाता है तो जेल के अंदर कोरोना को फैलने से रोक पाना बहुत मुश्किल होगा.
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बनाए गए 12 क्वारंटाइन वार्ड
बिहार में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राजधानी पटना के बेउर जेल में 12 क्वारंटाइन वार्ड बनाए गए हैं. कैदी वार्ड में शिफ्ट होने से पहले अभियुक्त को 14 दिनों तक जेल में बनाए गए क्वारंटाइन वार्ड में ही रहना अनिवार्य है.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल आईजी द्वारा बिहार के सभी जेल अधीक्षकों को कैदियों की इम्यूनिटी बढ़ाने हेतु नियमित रूप से काढ़ा देने का निर्देश जारी किया है. वहीं, सर्दी, खांसी या जुखाम के लक्षण दिखाई देने पर इसकी जानाकारी तुरंत जेल प्रशासन के आला अधिकारी को देने को कहा गया है.
कारा कर्मियों के बाहर घुमने पर पाबंदी
जेल प्रशासन के मुताबिक सभी जेल के अधीक्षकों को जेल के अंदर कोरोना संक्रमण का विस्तार ना हो सके इसको लेकर कारा कर्मियों के बाहर घूमने पर सख्ती के साथ रोक लगा दी गई है. अधीक्षक की अनुमति के बगैर कोई भी जेल कर्मी बाहर नहीं जाएगा. साथ ही साथ जेल के प्रवेश गेट पर सैनिटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया गया है.
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