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पटना में कोरोना के 119 नए मामले आए सामने, चिकित्सकों ने कहा- 'संक्रमण का मौसम से नहीं है कोई लेना देना' - ETV Bharat News

प्रदेश में कोरोना के मामले में एक बार फिर से वृद्धि होने लगी है. आज राजधानी पटना में कोरोना के 119 नए मामले सामने आए हैं. कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सक डॉ मृत्युंजय कुमार (Dr Mrityunjay Kumar) ने बताया है कि कोरोना का वर्तमान मौसम से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है. पढ़ें पूरी खबर..

Dr Mrityunjay Kumar
डॉ मृत्युंजय कुमार
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Published : Jul 1, 2022, 10:36 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Bihar) के नए मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. राजधानी पटना में नए मामलों की संख्या प्रतिदिन 100 का आंकड़ा पार कर रही है. शुक्रवार को पटना में कोरोना के 119 नए मामले सामने आए हैं. जिनमें पटना जिले के रहने वाले 102 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वहीं, 17 ऐसे लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिन्होंने पटना में अपना जांच कराया है.

ये भी पढ़ें-बिहार में बढ़ रहे कोरोना के मामले, लेकिन प्रिकॉशनरी डोज लेने में राज्य फिसड्डी

राजधानी में एक्टिव मरीजों की संख्या 650: पटना में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 604 से बढ़कर 650 हो गई है. जिसमें पटना के रहने वाले लोगों की संख्या 556 है और पटना से बाहर के रहने वाले लोगों की संख्या 94 है. वहीं, प्रदेश की बात करें तो संक्रमण के एक्टिव मामले की संख्या 1000 से अधिक हो गई है. स्वास्थ्य विभाग की माने तो सभी संक्रमित मामले एसिंप्टोमेटिक और हल्के लक्षण के हैं.

बढ़ने लगे कोरोना संक्रमण के मामले: पटना के मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि "इन दिनों संक्रमण के मामले में वृद्धि देखने को मिल रही है और पटना में सर्वाधिक मामले मिल रहे हैं. लेकिन सुखद बात इसमें यह है कि संक्रमण की गंभीरता अधिक नहीं दिख रही और वैक्सीनेशन का असर साफ देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चे जरूर इन दिनों संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन उनमें संक्रमण कोई गंभीर रूप नहीं ले रहा है और अब 5 वर्ष से ऊपर के बच्चों के वैक्सीनेशन का भी गाइडलाइन आ गया है. ऐसे में जरूरी है कि अभिभावक अपने बच्चों का समय रहते कोरोना टीकाकरण कंप्लीट करा लें.

संक्रमण का मौसम ने कोई लेना-देना नहीं: डॉ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि उनके पास जो भी मामले आ रहे हैं, उनमें एसिंप्टोमेटिक और हल्की लक्षण के मामले मिल रहे हैं. ऐसे में पेरासिटामोल प्रिस्क्राइब कर वह मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए भेज दे रहे हैं. मॉनसून का मौसम संक्रमण के मामले बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है के सवाल पर डॉ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि "बेसक इन दिनों मानसून के समय में संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हुए हैं, लेकिन संक्रमण का मौसम से कोई लेना देना नहीं है. क्योंकि वायरल फीवर अलग है और कोरोना अलग है.

कोरोना को हल्के में नहीं लें: मेदांता सुपर स्पेशलिस्ट के चिकित्सक ने बताया कि वायरल इंफेक्शन और कोविड इंफेक्शन दोनों ही वायरल है, लेकिन मौसम से इनका कोई लेना देना नहीं है और कई बार यह देखने को मिला है कि अलग-अलग मौसम में संक्रमण के मामले बढ़े हैं. उन्होंने बताया कि अभी भले ही कोरोना पॉजिटिव मरीजों में हॉस्पिटलाइजेशन की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ रही है, लेकिन अलर्ट रहना होगा. कोरोना को हल्के में नहीं ले क्योंकि कभी भी कोई नया म्यूटेशन आ सकता है और वह संक्रामकता और सीवियरिटी को भी बढ़ा सकता है.

लोग अपना टीकाकरण कराए कंप्लीट: डॉ मृत्युंजय कुमार ने कहा कि जिन लोगों का वैक्सीन का दूसरा डोज और प्रिकॉशनरी डोज लेने का समय आ गया है. वह बिना देर किए अपना टीकाकरण कंप्लीट कराएं, क्योंकि वैक्सीनेशन कोरोना नियंत्रण में काफी कारगर सिद्ध हुआ है. उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे को संक्रमण होता है तो स्कूल के शिक्षक अलर्ट में रहे. अगर संक्रमित बच्चे के संपर्क में रहने वाले बच्चों में संक्रमण के लक्षण दिखने शुरू होते हैं तो उनके अभिभावकों को इस बात की जानकारी दें और अभिभावकों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि बच्चों में यदि सर्दी-जुकाम जैसे कुछ लक्षण है तो उन्हें कुछ दिनों के लिए स्कूल नहीं भेजे और जब बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो जाए तभी उन्हें स्कूल भेजें.

लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत: डॉक्टर ने बताया कि एक बार फिर से कोरोना के जो भी एसओपी हैं, उन्हें गंभीरता से पालन करने की आवश्यकता है. उन्होने कहा कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बिना मास्क पहने ना जाएं. अकेले में है तो मास्क उतार कर रह सकते हैं, लेकिन किसी पब्लिक प्लेस और भीड़भाड़ वाली जगह पर जाते हैं तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और एक दूसरे से दूरी बनाकर रहें. यानी सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें. वैक्सीनेशन और कोरोना गाइडलाइन फॉलो करके हीं कोरोना पर काबू पा सकते हैं.

ये भी पढ़ें-पटना में कोरोना संक्रमण के 97 नए मामले, संक्रमितों की उम्र 2 वर्ष से लेकर 83 वर्ष तक

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Bihar) के नए मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. राजधानी पटना में नए मामलों की संख्या प्रतिदिन 100 का आंकड़ा पार कर रही है. शुक्रवार को पटना में कोरोना के 119 नए मामले सामने आए हैं. जिनमें पटना जिले के रहने वाले 102 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वहीं, 17 ऐसे लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिन्होंने पटना में अपना जांच कराया है.

ये भी पढ़ें-बिहार में बढ़ रहे कोरोना के मामले, लेकिन प्रिकॉशनरी डोज लेने में राज्य फिसड्डी

राजधानी में एक्टिव मरीजों की संख्या 650: पटना में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 604 से बढ़कर 650 हो गई है. जिसमें पटना के रहने वाले लोगों की संख्या 556 है और पटना से बाहर के रहने वाले लोगों की संख्या 94 है. वहीं, प्रदेश की बात करें तो संक्रमण के एक्टिव मामले की संख्या 1000 से अधिक हो गई है. स्वास्थ्य विभाग की माने तो सभी संक्रमित मामले एसिंप्टोमेटिक और हल्के लक्षण के हैं.

बढ़ने लगे कोरोना संक्रमण के मामले: पटना के मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि "इन दिनों संक्रमण के मामले में वृद्धि देखने को मिल रही है और पटना में सर्वाधिक मामले मिल रहे हैं. लेकिन सुखद बात इसमें यह है कि संक्रमण की गंभीरता अधिक नहीं दिख रही और वैक्सीनेशन का असर साफ देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चे जरूर इन दिनों संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन उनमें संक्रमण कोई गंभीर रूप नहीं ले रहा है और अब 5 वर्ष से ऊपर के बच्चों के वैक्सीनेशन का भी गाइडलाइन आ गया है. ऐसे में जरूरी है कि अभिभावक अपने बच्चों का समय रहते कोरोना टीकाकरण कंप्लीट करा लें.

संक्रमण का मौसम ने कोई लेना-देना नहीं: डॉ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि उनके पास जो भी मामले आ रहे हैं, उनमें एसिंप्टोमेटिक और हल्की लक्षण के मामले मिल रहे हैं. ऐसे में पेरासिटामोल प्रिस्क्राइब कर वह मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए भेज दे रहे हैं. मॉनसून का मौसम संक्रमण के मामले बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है के सवाल पर डॉ मृत्युंजय कुमार ने बताया कि "बेसक इन दिनों मानसून के समय में संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हुए हैं, लेकिन संक्रमण का मौसम से कोई लेना देना नहीं है. क्योंकि वायरल फीवर अलग है और कोरोना अलग है.

कोरोना को हल्के में नहीं लें: मेदांता सुपर स्पेशलिस्ट के चिकित्सक ने बताया कि वायरल इंफेक्शन और कोविड इंफेक्शन दोनों ही वायरल है, लेकिन मौसम से इनका कोई लेना देना नहीं है और कई बार यह देखने को मिला है कि अलग-अलग मौसम में संक्रमण के मामले बढ़े हैं. उन्होंने बताया कि अभी भले ही कोरोना पॉजिटिव मरीजों में हॉस्पिटलाइजेशन की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ रही है, लेकिन अलर्ट रहना होगा. कोरोना को हल्के में नहीं ले क्योंकि कभी भी कोई नया म्यूटेशन आ सकता है और वह संक्रामकता और सीवियरिटी को भी बढ़ा सकता है.

लोग अपना टीकाकरण कराए कंप्लीट: डॉ मृत्युंजय कुमार ने कहा कि जिन लोगों का वैक्सीन का दूसरा डोज और प्रिकॉशनरी डोज लेने का समय आ गया है. वह बिना देर किए अपना टीकाकरण कंप्लीट कराएं, क्योंकि वैक्सीनेशन कोरोना नियंत्रण में काफी कारगर सिद्ध हुआ है. उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे को संक्रमण होता है तो स्कूल के शिक्षक अलर्ट में रहे. अगर संक्रमित बच्चे के संपर्क में रहने वाले बच्चों में संक्रमण के लक्षण दिखने शुरू होते हैं तो उनके अभिभावकों को इस बात की जानकारी दें और अभिभावकों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि बच्चों में यदि सर्दी-जुकाम जैसे कुछ लक्षण है तो उन्हें कुछ दिनों के लिए स्कूल नहीं भेजे और जब बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो जाए तभी उन्हें स्कूल भेजें.

लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत: डॉक्टर ने बताया कि एक बार फिर से कोरोना के जो भी एसओपी हैं, उन्हें गंभीरता से पालन करने की आवश्यकता है. उन्होने कहा कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बिना मास्क पहने ना जाएं. अकेले में है तो मास्क उतार कर रह सकते हैं, लेकिन किसी पब्लिक प्लेस और भीड़भाड़ वाली जगह पर जाते हैं तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और एक दूसरे से दूरी बनाकर रहें. यानी सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें. वैक्सीनेशन और कोरोना गाइडलाइन फॉलो करके हीं कोरोना पर काबू पा सकते हैं.

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