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बिहार विधान परिषद में मनोनयन वाली 10 सीटें हुई खाली, सभापति समेत कुल 29 सदस्यों की हो गई वैकेंसी

मनोनयन कोटे को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. ज्यादातर मौकों पर ऐसा देखा गया है कि मनोनयन कोटे के सदस्यों का चयन सरकार के प्रति उनकी वफादारी के आधार पर होता है. हालांकि, इस कोटे में मुख्य रूप से समाज सेवा, शिक्षा, खेल, साहित्य और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों को तरजीह देने की बात कही जाती है, ताकि इनका भी प्रतिनिधित्व उच्च सदन में हो सके.

पटना
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Published : May 23, 2020, 9:55 PM IST

Updated : May 24, 2020, 9:21 AM IST

पटना: बिहार विधान परिषद में 23 मई के बाद 29 सदस्यों की जगह खाली हो गई है. बता दें कि 17 सीटें पहले से ही खाली थीं. वहीं, 23 मई को 10 अन्य सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया. जिसके बाद अब सबकी नजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिकी हुई हैं कि वह राज्यपाल कोटे की 12 सीटों के लिए किन नामों का मनोनयन करते हैं.

पटना
आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई विरेंद्र

बिहार विधान परिषद में आज रिक्त हुए 10 मनोनयन सदस्यों की सूची-

  • राम लषण राम रमण
  • राणा गंगेश्वर सिंह
  • जावेद इकबाल अंसारी
  • शिव प्रसाद यादव
  • संजय कुमार सिंह गांधीजी
  • राम वचन राय
  • ललन सर्राफ
  • रणवीर नंदन
  • विजय कुमार मिश्रा
  • रामचंद्र भारती

*वहीं, इन 10 सदस्यों के अलावा दो अन्य सदस्यों के सांसद बनने के कारण 2 पद पहले से ही खाली हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सही और निष्पक्ष लोगों को ही मनोनयन कोटे से भेजना चाहिए उच्च सदन'
गौरतलब है कि मनोनयन कोटे को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. ज्यादातर मौकों पर ऐसा देखा गया है कि मनोनयन कोटे के सदस्यों का चयन सरकार के प्रति उनकी वफादारी के आधार पर होता है. हालांकि, इस कोटे में मुख्य रूप से समाज सेवा, शिक्षा, खेल, साहित्य और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों को तरजीह देने की बात कही जाती है, ताकि इनका भी प्रतिनिधित्व उच्च सदन में हो सके. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि राज्यपाल को मनोनयन कोटे से चुने जाने वाले लोगों की लिस्ट पर खास ध्यान देना चाहिए. राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि सही और निष्पक्ष लोगों को ही इस कोटे से उच्च सदन में भेजना चाहिए.

पटना
जेडीयू नेता राजीव रंजन
बिहार विधान परिषद के सभापति का पद भी रिक्तवहीं, आरजेडी के बयान पर जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि सरकार कोई भी कदम बहुत सोच समझकर उठाती है. राजद बेमतलब बयान देकर सिर्फ लोगों को बरगलाना जानता है. बता दें कि बिहार विधान परिषद में 7 मई को 17 सीटें रिक्त हुई हैं. इनमें से 4 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की हैं और 4 स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की. इनके अलावा 9 सीटें विधानसभा के कोटे से रिक्त हुई हैं. वहीं, वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सभापति का पद भी रिक्त है. कई दशकों के बाद ऐसा मौका आया है जब बिना सभापति के ही बिहार विधान परिषद का काम चल रहा है.
पटना
बिहार विधान परिषद

पटना: बिहार विधान परिषद में 23 मई के बाद 29 सदस्यों की जगह खाली हो गई है. बता दें कि 17 सीटें पहले से ही खाली थीं. वहीं, 23 मई को 10 अन्य सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया. जिसके बाद अब सबकी नजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिकी हुई हैं कि वह राज्यपाल कोटे की 12 सीटों के लिए किन नामों का मनोनयन करते हैं.

पटना
आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई विरेंद्र

बिहार विधान परिषद में आज रिक्त हुए 10 मनोनयन सदस्यों की सूची-

  • राम लषण राम रमण
  • राणा गंगेश्वर सिंह
  • जावेद इकबाल अंसारी
  • शिव प्रसाद यादव
  • संजय कुमार सिंह गांधीजी
  • राम वचन राय
  • ललन सर्राफ
  • रणवीर नंदन
  • विजय कुमार मिश्रा
  • रामचंद्र भारती

*वहीं, इन 10 सदस्यों के अलावा दो अन्य सदस्यों के सांसद बनने के कारण 2 पद पहले से ही खाली हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सही और निष्पक्ष लोगों को ही मनोनयन कोटे से भेजना चाहिए उच्च सदन'
गौरतलब है कि मनोनयन कोटे को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. ज्यादातर मौकों पर ऐसा देखा गया है कि मनोनयन कोटे के सदस्यों का चयन सरकार के प्रति उनकी वफादारी के आधार पर होता है. हालांकि, इस कोटे में मुख्य रूप से समाज सेवा, शिक्षा, खेल, साहित्य और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों को तरजीह देने की बात कही जाती है, ताकि इनका भी प्रतिनिधित्व उच्च सदन में हो सके. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि राज्यपाल को मनोनयन कोटे से चुने जाने वाले लोगों की लिस्ट पर खास ध्यान देना चाहिए. राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि सही और निष्पक्ष लोगों को ही इस कोटे से उच्च सदन में भेजना चाहिए.

पटना
जेडीयू नेता राजीव रंजन
बिहार विधान परिषद के सभापति का पद भी रिक्तवहीं, आरजेडी के बयान पर जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि सरकार कोई भी कदम बहुत सोच समझकर उठाती है. राजद बेमतलब बयान देकर सिर्फ लोगों को बरगलाना जानता है. बता दें कि बिहार विधान परिषद में 7 मई को 17 सीटें रिक्त हुई हैं. इनमें से 4 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की हैं और 4 स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की. इनके अलावा 9 सीटें विधानसभा के कोटे से रिक्त हुई हैं. वहीं, वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सभापति का पद भी रिक्त है. कई दशकों के बाद ऐसा मौका आया है जब बिना सभापति के ही बिहार विधान परिषद का काम चल रहा है.
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बिहार विधान परिषद
Last Updated : May 24, 2020, 9:21 AM IST
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