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Patna News: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के 52 पद खाली, 10 ने ही किया ज्वाइन

पटना में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने को लेकर चिकित्सकों के पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी. वैकेंसी 52 पदों के लिए है लेकिन अब तक सिर्फ 10 चिकित्सकों ने ही ज्वाइन किया है.

Civil Surgeon Dr Vibha Kumari
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Published : Jul 26, 2021, 7:13 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में कुल 23 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre In Patna) हैं. इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सीय सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 52 चिकित्सकों के पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी. इसमें 26 स्थाई और 26 अस्थाई चिकित्सकों के पद थे. इस वैकेंसी के आलोक में अब तक मात्र 10 चिकित्सकों ने ही योगदान दिया है.

इसे भी पढ़ें: ग्राउंड रिपोर्ट: राबड़ी के गांव में स्वास्थ्य केंद्र रहता है बंद, 'दिन दिखाकर' खुलता है ताला

पटना जिला सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी (Civil Surgeon Dr. Vibha Kumari) ने बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना इस उद्देश्य से की गई थी कि लोगों का इलाज समय पर और आसानी से हो सके. जो गरीब और कामकाजी महिलाएं हैं, वे अपने घर के नजदीक नि:शुल्क चिकित्सीय परामर्श ले सकें.

ये भी पढ़ें: ये है गया के रानीगंज का स्वास्थ्य केंद्र, थोड़ी सी बारिश के बाद क्या हाल हो गया..

इसके साथ ही जो मजदूर दिन भर काम करते हैं और शाम में घर वापस लौटते हैं, वे आसानी से स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में अपना इलाज करा सकें. इस उद्देश्य से राज्य सरकार की तरफ से पटना के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए स्थाई और अस्थाई चिकित्सकों के 52 पदों के लिए वैकेंसी (Vacancy For Doctors) निकाली गई थी. इस वैकेंसी के आलोक में अब तक 10 चिकित्सकों ने योगदान दिया है. जिसमें से 7 कॉन्ट्रैक्ट पर और 3 परमानेंट हैं.

डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग में योगदान दिए कुछ समय ही हुए हैं. अब उनके कार्यालय से सभी चिकित्सकों का पदस्थापन भी कर दिया गया है. इसकी सूचना सोमवार तक सभी चिकित्सकों को उपलब्ध हो जाएगी.

बताते चलें कि चिकित्सकों के योगदान के 3 दिन के अंदर ही सिविल सर्जन कार्यालय की तरफ से पदस्थापन करना था. लेकिन काफी कम चिकित्सकों की नियुक्तियां हुई है. ऐसे में विभाग ने कुछ दिन और नियुक्ति का इंतजार किया. लेकिन लगभग 20 दिन के बाद ही चिकित्सकों का पदस्थापन किया गया.

इस मामले को लेकर सिविल सर्जन ने बताया कि चिकित्सकों की नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग की तरफ से की जा रही है. ऐसे में जब चिकित्सकों की नियुक्ति पूरी हो जाएगी, सभी रिक्त पद भर जाएंगे. अभी पटना के किसी भी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ऐसी स्थिति नहीं है कि चिकित्सकों की कमी के वजह से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा हो. सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अच्छा काम हो रहा है.

'यूपीएचसी स्वास्थ्य केंद्र को मुख्य रूप से कामकाजी महिलाओं और मजदूरों के लिए बनाया गया है. डॉक्टर्स की नियुक्ति विभाग की ओर से हो रही है. जिसके बाद डॉक्टर्स की वैकेंसी पूरी हो जाएगी. इसके पहले भी हमलोगों ने डॉक्टर्स को तैनात किया है, जिससे कार्य बाधित नहीं है.' -डॉ. विभा कुमारी, जिला सिविल सर्जन

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में कुल 23 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre In Patna) हैं. इन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सीय सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 52 चिकित्सकों के पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी. इसमें 26 स्थाई और 26 अस्थाई चिकित्सकों के पद थे. इस वैकेंसी के आलोक में अब तक मात्र 10 चिकित्सकों ने ही योगदान दिया है.

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पटना जिला सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी (Civil Surgeon Dr. Vibha Kumari) ने बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना इस उद्देश्य से की गई थी कि लोगों का इलाज समय पर और आसानी से हो सके. जो गरीब और कामकाजी महिलाएं हैं, वे अपने घर के नजदीक नि:शुल्क चिकित्सीय परामर्श ले सकें.

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इसके साथ ही जो मजदूर दिन भर काम करते हैं और शाम में घर वापस लौटते हैं, वे आसानी से स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में अपना इलाज करा सकें. इस उद्देश्य से राज्य सरकार की तरफ से पटना के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए स्थाई और अस्थाई चिकित्सकों के 52 पदों के लिए वैकेंसी (Vacancy For Doctors) निकाली गई थी. इस वैकेंसी के आलोक में अब तक 10 चिकित्सकों ने योगदान दिया है. जिसमें से 7 कॉन्ट्रैक्ट पर और 3 परमानेंट हैं.

डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग में योगदान दिए कुछ समय ही हुए हैं. अब उनके कार्यालय से सभी चिकित्सकों का पदस्थापन भी कर दिया गया है. इसकी सूचना सोमवार तक सभी चिकित्सकों को उपलब्ध हो जाएगी.

बताते चलें कि चिकित्सकों के योगदान के 3 दिन के अंदर ही सिविल सर्जन कार्यालय की तरफ से पदस्थापन करना था. लेकिन काफी कम चिकित्सकों की नियुक्तियां हुई है. ऐसे में विभाग ने कुछ दिन और नियुक्ति का इंतजार किया. लेकिन लगभग 20 दिन के बाद ही चिकित्सकों का पदस्थापन किया गया.

इस मामले को लेकर सिविल सर्जन ने बताया कि चिकित्सकों की नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग की तरफ से की जा रही है. ऐसे में जब चिकित्सकों की नियुक्ति पूरी हो जाएगी, सभी रिक्त पद भर जाएंगे. अभी पटना के किसी भी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ऐसी स्थिति नहीं है कि चिकित्सकों की कमी के वजह से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा हो. सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अच्छा काम हो रहा है.

'यूपीएचसी स्वास्थ्य केंद्र को मुख्य रूप से कामकाजी महिलाओं और मजदूरों के लिए बनाया गया है. डॉक्टर्स की नियुक्ति विभाग की ओर से हो रही है. जिसके बाद डॉक्टर्स की वैकेंसी पूरी हो जाएगी. इसके पहले भी हमलोगों ने डॉक्टर्स को तैनात किया है, जिससे कार्य बाधित नहीं है.' -डॉ. विभा कुमारी, जिला सिविल सर्जन

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