नवादा: बिहार में शराबबंदी का कोई असर नहीं दिख रहा है. शराब माफियाओं पर प्रशासन का भय लगभग समाप्त हो गया है. मामला जिले के हिसुआ थानाक्षेत्र स्थित फुलवरिया गांव का है. यहां धड़ल्ले से बड़े पैमाने पर अवैध महुआ शराब का निर्माण और बिक्री चल रहा है. इसी को लेकर गांव की महिलाओं ने हिसुआ थाना का घेराव किया.
सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर किया थाना का घेराव
शराबबंदी को लेकर जीविका संगठन से जुड़ी महिलाओं ने शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में आकर हिसुआ थाना का घेराव किया. महिलाएं अवैध शराब निर्माण और बिक्री पर रोक के साथ-साथ कारोबारी के गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी रहीं. हिसुआ पुलिस ने विगत 17 सितंबर को भी शराब भट्ठियों को ध्वस्त कर 7 कारोबारियों को नामजद अभियुक्त बनाया था. बावजूद इसके, शराब कारोबारी बाज नहीं आए, जिसके बाद लाचार होकर फुलवरिया के लोगों को यह कदम उठाना पड़ा.
पुलिस से साथ मांगा
फुलवरिया के ग्रामीणों ने शुक्रवार को एक आम बैठक कर गांव में पूर्णतः शराबबंदी करने का निर्णय लिया. इसके तहत पूरे गांव के महिला-पुरुष एकजुट होकर हिसुआ थाना पहुंचे. ग्रामीणों ने कहा कि थाना यदि साथ दे तो हम सभी ग्रामीण मिलकर सारे भट्ठियों को ध्वस्त कर देंगे और गांव में पूर्ण रूप से शराबबंदी कर देंगे.
इस मुहिम में थानाध्यक्ष राजकुमार ने पूरा साथ दिया और दलबल के साथ शराबबंदी करते हुए 1 दर्जन से अधिक भट्ठियों को ध्वस्त किया. साथ हीं, जावा महुआ और अर्धनिर्मित शराब भी नष्ट किए गए.