नवादाः जिले में बरसात के मौसम में भी पेयजल की समस्या बनी हुई है. हिसुआ प्रखंड के धनवां पंचायत के धमौल गांव में लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. लोग पीने के पानी के लिए तरसते रहते हैं. वहीं, गांव में स्थापित सोलर मिनी वाटर सप्लाई पंप भी ख़राब पड़ा है.
सालों से बंद है सोलर मिनी वाटर पंप
लाखों की लागत से बना यह सोलर मिनी वाटर सप्लाई केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. पिछले डेढ़ सालों से यह इसलिए बंद पड़ा है कि उसका एक मशीन जल गया है. नये पंप खरीदने के लिए करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च होने की संभावना है. जिसे विभाग पिछले सालभर से जुटाने में नाकाम रही है. आज नतीजा यह है कि लोग गांव में मिनी वाटर सप्लाई मशीन रहते हुए दो बूंद पानी के लिए तरस जाते हैं.
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पानी की स्थिति खराब
ग्रामीणों का कहना है कि यह करीब 18 महीने से बंद पड़ा है. हमारे गांव में पानी की काफी खराब स्थिति है. पहले सौर ऊर्जा से चल रहा था. फिर इसे मोटर से चलाया लेकिन पानी नहीं उठाया. तब से इसे कोई देखने वाला नहीं है. वहीं, एक अन्य ग्रामीणों ने कहा कि स्थिति बहुत ही खराब है. हमलोग इधर-उधर से पानी लाकर पीते हैं. हमलोग इसके लिए शिकायत कहां करें उसकी जानकारी नहीं है.
छह महीने में हर घर में होगा नल
वहीं, पदाधिकारी पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंदेश्वर राम का कहना है कि सोलर में खराबी के कारण यह बंद हो गई है. लेकिन अब हर घर नल के तहत हमलोग एक्सटेंशन और हर घर के कनेक्शन का प्रावधान कर रहे हैं, जिसका प्राक्कलन बन गया है. उसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई है और कार्य भी कॉन्ट्रैक्टर को दे दी गई है. जिसके लिए छह महीने का समय निर्धारित किया गया है. छह महीने में उसे पूरी कर हर घर में नल पहुंचा दिया जाएगा.