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जल शक्ति अभियान बदल रहा है गांव की सूरत, लोग बोले- सुखाड़ में राहत मिलने की जगी है आस - bihar news

देशभर में उत्पन्न हो रहे भीषण जल संकट के स्थायी समाधान के लिए सरकार की ओर से जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई है. जिसका मक़सद है जल संचनय, संरक्षण और सिंचाई की कुशलता को एक जन आंदोलन बनाना. इसके लिए मोदी सरकार ने बाकायदा अगल जल शक्ति मंत्रालय भी बनाया है.

जल शक्ति अभियान
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Published : Sep 5, 2019, 11:48 AM IST

नवादाः देश इस वक्त भीषण जल संकट की दौर से गुजर रहा है, आने वाले समय में यह और भी भयावह रूप ले सकता है. इन्हीं संकटों से निपटने के लिए भारत सरकार ने जल शक्ति अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत देश भर के 255 जिलों में 1593 ब्लॉक को चिन्हित किया गया है. इन्हीं में से बिहार के 12 जिलों में से एक नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड को चुना गया है, जो जल संकट की मार झेल रहा है.

भारी जल संकट से जूझ रहा नवादा
दरअसल नवादा जिला इन दिनों भारी जल संकट से जूझ रहा है. लेकिन मेसकौर और उसमें भी बिसियात पंचायत का हाल काफी बुरा है. यही वजह है की बिसियात पंचायत में आहर-नहर-पाइन-तालाब के खुदाई का काम तेजी से किया जा रहा है. इस पंचायत में अब तक तकरीबन 50 से अधिक आहर-नहर-पाइन-तालाब की खुदाई हो चुकी है. भारत सरकार के जल शक्ति सह सहकारिता विभाग के संयुक्त सचिव अतीश चंद्रा और डीएम कौशल कुमार लगातार कार्यों का जायजा भी लेते हैं.

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तलाब के किनारे लगे हुए पेड़

सैकड़ों आहर-नहर-पाइन-तालाब की हुई खुदाई
पूरे प्रखंड की बात करें तो सैकड़ों आहर-नहर-पाइन-तालाब का की खुदाई पिछले दो महीने में युद्धस्तर पर की गई है. हजारों पौधे भी लगाये गए हैं. ताकि समय से बारिश हो और उस जल का संचयन आहर-नहर-तालाब में हो. जल संकट की मार से जूझ रहे किसान को मोदी-नीतीश सरकार के इस कार्य से अब काफी उम्मीदें जगी हैं. उन्हें ऐसा लगने लगा है कि अब सिंचाई और पेयजल की समस्या से निजात मिल जाएगी.

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जल शक्ति अभियान के तहत बनाया गया तालाब

जिले के सभी विभागों का रहा सहयोग
जल शक्ति अभियान के तहत जिले के सभी विभागों को इसमें शामिल किया गया है. आहार के लिए लघु सिंचाई विभाग, पेयजल के लिए पीएचईडी, वृक्षारोपण के लिए वन विभाग, मनरेगा के तहत आहर-नहर की खुदाई, सभी विभागों ने अपने-अपने अधिकार के तहत कार्य कर सरकार के इस मिशन को गतिशीलता प्रदान की है.

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अभियान के तहत लगाए गए पेड़

कार्यों से खुश हैं स्थानीय लोग
यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे हमें काफी उम्मीद जगी है. यहां आहर-नहर-तालाब का निर्माण हुआ है, सोख्ता भी बन रहा है. उससे लेयर बनेगा और हमलोगों को पीने का पानी मिलेगा. इसके लिए मैं अपने मुखिया रेखा देवी और प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार को धन्यवाद दूंगा. वहीं, एक अन्य ग्रामीण का कहना है, यहां दो महीने पहले स्थिति काफी खराब थी. जब सोख्ता और आहर-कुआं का निर्माण हुआ है तब से सुखाड़ में राहत मिलने की आशा जगी है.

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खुदा हुआ तालाब

तालाब के किनारे लगाए गए हजारों पौधे
बिसियात पंचायत की मुखिया रेखा देवी के पति सह मुखिया प्रतिनिधि संजय कुमार का कहना है, इससे बिसयात पंचायत के लोग काफी लाभांवित हो रहे हैं. जल शक्ति अभियान के तहत यहां तालाब-आहर-नहर-पाइन निर्माण की करीब 50 योजनाएं चल रही हैं. इसके अलावे तालाब के किनारे हजारों पौधे लगाये गए हैं. आगे भी हमलोग जल शक्ति अभियान के तहत काम करते रहेंगे.

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पानी के लिए लाइन में खड़े लोग

क्या है जल शक्ति अभियान
देशभर में उत्पन्न हो रहे भीषण जल संकट के स्थायी समाधान के लिए सरकार की ओर से जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई है. जिसका मक़सद है जल संचनय, संरक्षण और सिंचाई की कुशलता को एक जन आंदोलन बनाना. इसके लिए मोदी सरकार ने बाकायदा अगल जल शक्ति मंत्रालय भी बनाया है. अभियान को सफल बनाने के लिए अतिरिक्त व संयुक्त सचिव सहित 255 वरिष्ठ अधिकारी को इस अभियान के तहत लगाया गया है.

जल शक्ति अभियान से खुश ग्रामीण

2024 तक हर घर जल पहुंचाने का संकल्प
सरकार ने 2024 तक हर घर नल जल पहुंचने की घोषणा की है. सवाल यह है जब जल ही नहीं रहेंगा तो हर घर जल कैसे पहुंचेगा. इसलिए यह अभियान केंद्र सरकार के लिए अहम हो जाता है क्योंकि इसी अभियान के जरिए जल संचयन और पर्यावरण को संरक्षित करना है. ताकि समय से बारिश हो और देश को जल की समस्या से निजात मिले.

बिना फण्ड का मंत्रालय है जल शक्ति मंत्रालय
जल शक्ति मंत्रालय एक ऐसा मंत्रालय है, जिसके लिए सरकार ने कोई अतिरिक्त फण्ड की व्यवस्था नहीं की है. इसके तहत भारत सरकार का समस्त विभाग कार्य करेगा. जैसे, मनरेगा, ग्रामीण विकास विभाग, जल शक्ति एवं पर्यावरण मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय सभी अपना योगदान देंगे.

नवादाः देश इस वक्त भीषण जल संकट की दौर से गुजर रहा है, आने वाले समय में यह और भी भयावह रूप ले सकता है. इन्हीं संकटों से निपटने के लिए भारत सरकार ने जल शक्ति अभियान की शुरुआत की है. इसके तहत देश भर के 255 जिलों में 1593 ब्लॉक को चिन्हित किया गया है. इन्हीं में से बिहार के 12 जिलों में से एक नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड को चुना गया है, जो जल संकट की मार झेल रहा है.

भारी जल संकट से जूझ रहा नवादा
दरअसल नवादा जिला इन दिनों भारी जल संकट से जूझ रहा है. लेकिन मेसकौर और उसमें भी बिसियात पंचायत का हाल काफी बुरा है. यही वजह है की बिसियात पंचायत में आहर-नहर-पाइन-तालाब के खुदाई का काम तेजी से किया जा रहा है. इस पंचायत में अब तक तकरीबन 50 से अधिक आहर-नहर-पाइन-तालाब की खुदाई हो चुकी है. भारत सरकार के जल शक्ति सह सहकारिता विभाग के संयुक्त सचिव अतीश चंद्रा और डीएम कौशल कुमार लगातार कार्यों का जायजा भी लेते हैं.

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तलाब के किनारे लगे हुए पेड़

सैकड़ों आहर-नहर-पाइन-तालाब की हुई खुदाई
पूरे प्रखंड की बात करें तो सैकड़ों आहर-नहर-पाइन-तालाब का की खुदाई पिछले दो महीने में युद्धस्तर पर की गई है. हजारों पौधे भी लगाये गए हैं. ताकि समय से बारिश हो और उस जल का संचयन आहर-नहर-तालाब में हो. जल संकट की मार से जूझ रहे किसान को मोदी-नीतीश सरकार के इस कार्य से अब काफी उम्मीदें जगी हैं. उन्हें ऐसा लगने लगा है कि अब सिंचाई और पेयजल की समस्या से निजात मिल जाएगी.

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जल शक्ति अभियान के तहत बनाया गया तालाब

जिले के सभी विभागों का रहा सहयोग
जल शक्ति अभियान के तहत जिले के सभी विभागों को इसमें शामिल किया गया है. आहार के लिए लघु सिंचाई विभाग, पेयजल के लिए पीएचईडी, वृक्षारोपण के लिए वन विभाग, मनरेगा के तहत आहर-नहर की खुदाई, सभी विभागों ने अपने-अपने अधिकार के तहत कार्य कर सरकार के इस मिशन को गतिशीलता प्रदान की है.

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अभियान के तहत लगाए गए पेड़

कार्यों से खुश हैं स्थानीय लोग
यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे हमें काफी उम्मीद जगी है. यहां आहर-नहर-तालाब का निर्माण हुआ है, सोख्ता भी बन रहा है. उससे लेयर बनेगा और हमलोगों को पीने का पानी मिलेगा. इसके लिए मैं अपने मुखिया रेखा देवी और प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार को धन्यवाद दूंगा. वहीं, एक अन्य ग्रामीण का कहना है, यहां दो महीने पहले स्थिति काफी खराब थी. जब सोख्ता और आहर-कुआं का निर्माण हुआ है तब से सुखाड़ में राहत मिलने की आशा जगी है.

begusarai
खुदा हुआ तालाब

तालाब के किनारे लगाए गए हजारों पौधे
बिसियात पंचायत की मुखिया रेखा देवी के पति सह मुखिया प्रतिनिधि संजय कुमार का कहना है, इससे बिसयात पंचायत के लोग काफी लाभांवित हो रहे हैं. जल शक्ति अभियान के तहत यहां तालाब-आहर-नहर-पाइन निर्माण की करीब 50 योजनाएं चल रही हैं. इसके अलावे तालाब के किनारे हजारों पौधे लगाये गए हैं. आगे भी हमलोग जल शक्ति अभियान के तहत काम करते रहेंगे.

begusarai
पानी के लिए लाइन में खड़े लोग

क्या है जल शक्ति अभियान
देशभर में उत्पन्न हो रहे भीषण जल संकट के स्थायी समाधान के लिए सरकार की ओर से जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई है. जिसका मक़सद है जल संचनय, संरक्षण और सिंचाई की कुशलता को एक जन आंदोलन बनाना. इसके लिए मोदी सरकार ने बाकायदा अगल जल शक्ति मंत्रालय भी बनाया है. अभियान को सफल बनाने के लिए अतिरिक्त व संयुक्त सचिव सहित 255 वरिष्ठ अधिकारी को इस अभियान के तहत लगाया गया है.

जल शक्ति अभियान से खुश ग्रामीण

2024 तक हर घर जल पहुंचाने का संकल्प
सरकार ने 2024 तक हर घर नल जल पहुंचने की घोषणा की है. सवाल यह है जब जल ही नहीं रहेंगा तो हर घर जल कैसे पहुंचेगा. इसलिए यह अभियान केंद्र सरकार के लिए अहम हो जाता है क्योंकि इसी अभियान के जरिए जल संचयन और पर्यावरण को संरक्षित करना है. ताकि समय से बारिश हो और देश को जल की समस्या से निजात मिले.

बिना फण्ड का मंत्रालय है जल शक्ति मंत्रालय
जल शक्ति मंत्रालय एक ऐसा मंत्रालय है, जिसके लिए सरकार ने कोई अतिरिक्त फण्ड की व्यवस्था नहीं की है. इसके तहत भारत सरकार का समस्त विभाग कार्य करेगा. जैसे, मनरेगा, ग्रामीण विकास विभाग, जल शक्ति एवं पर्यावरण मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय सभी अपना योगदान देंगे.

Intro:नवादा। देश इस वक्त भीषण जल संकट की दौर से गुजर रहा है। जोकि आनेवाले समय मे और भयावह रूप ले सकता है। इन्हीं संकटों से निपटने के लिए भारत सरकार के द्वारा जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई है। इसके तहत देशभर के 255 जिलों में 1593 ब्लॉक को चिन्हित किया गया है इन्हीं में से बिहार के 12 जिलों में से एक नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड को चुना गया है जोकि जल संकट की मार से तड़प रहा है।

वैसे तो पूरे नवादा जिला इन दिनों भारी जल संकट से जूझ रहा है लेकिन मेसकौर और उसमें भी बिसियात पंचायत का हाल काफी बुरा है। यही वजह है की आज सिर्फ बिसियात पंचायत में करीब 50 से अधिक आहर-नहर-पाइन-तालाब के खुदाई का कार्य किया जा चुका है। जिनमें के करीब तो नये हैं। लेकिन अगर पूरे प्रखंड की बात करें तो सैकड़ों आहर-नहर-पाइन-तालाब का की खुदाई पिछले दो महीने में युद्धगति से की गई है। और हजारों पौधे भी लगाये गये हैं ताकि ससमय बारिश हो और उस जल का संचयन आहर-नहर-तालाब में हो। जल संकट की मार से जूझ रहे किसान को मोदी-नीतीश सरकार के इस कार्य से अब काफी उम्मिन्दें जगी है। उन्हें ऐसा लगने लगा हैं कि अब सिंचाई और पेयजल की समस्या से निजात मिल जाएगी।


संयुक्त सचिव व डीएम के नेतृत्व में युद्धगति से हुए कार्य


जल शक्ति अभियान को लेकर भारत सरकार के जल शक्ति सह सहकारिता विभाग के संयुक्त सचिव अतीश चंद्रा और डीएम कौशल कुमार ने लगातार क्षेत्र का दौरा कर कार्य के प्रगति का जायजा लेते रहे हैं। जिसका परिणाम है कि आज 2 महीने के भीतर सैकड़ों आहर-नहर-पाईन-तालाब की खुदाई हो चुकी है।

जिले के सभी विभागों का रहा सहयोग

जल शक्ति अभियान के तहत जिले के सभी विभागों को इसमें शामिल किया गया है। आहार के लिए लघु सिंचाई विभाग, पेयजल के लिए पीएचईडी, वृक्षारोपण के लिए वन विभाग, मनरेगा के तहत आहर-नहर की खुदाई सहित अन्य सभी विभाग ने अपने-अपने अधिकार के तहत कार्य कर सरकार के इस मिशन को और गतिशीलता प्रदान की है।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

बालेश्वर महतो का कहना है, इससे हमें काफी उम्मिन्दें जगी है। यहाँ सुखाड़ है लेकिन अभी जो आहर-नहर-तालाब का निर्माण हुआ है उससे लेयर बनेगा। सोख्ता भी बन रहा है उससे भी लेयर बनेगा और हमलोगों को पीने का पानी मिलेगा। इसके लिए मैं अपने मुखिया रेखा देवी और प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार को धन्यवाद दूंगा। हमलोगों को इतना सुविधा दिए। वहीं, मो. जहांगीर खान का कहना है, यहां दो महीने पहले स्थिति काफी खराब थी जब से पौधा लगा है सोख्ता और आहर-कुआं का निर्माण हुआ है तब से काफी राहत की उम्मिन्दें जगी है।


क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि

बिसियात पंचायत के मुखिया रेखा देवी के पति सह मुखिया प्रतिनिधि संजय कुमार का कहना है, इससे बिसयात पंचायत के लोग काफी लाभांवित हो रहे हैं और जल शक्ति अभियान के तहत यहां तालाब-आहर-नहर-पाइन निर्माण का करीब 50 योजनाएं चल रहे हैं। सरकार का मिशन है कि कैसे यहां के किसानों को जल उपलब्ध हो। इसके अलावे तालाब के किनारे हजारों पौधे लगाये गए हैं और आगे भी हमलोग जल शक्ति अभियान के तहत काम करते रहेंगे।

क्या है जल शक्ति अभियान

देशभर में उत्पन्न हो रहे भीषण जल संकट के स्थायी समाधान के लिए सरकार की ओर से जल शक्ति अभियान की शुरुआत की गई है। जिसका मक़सद है जल संचनय,संरक्षण और सिंचाई की कुशलता को एक जन आंदोलन बनाना। इसके लिए मोदी सरकार ने वाकायदा अगल जल शक्ति मंत्रालय भी बनाया है जिसमें दो मंत्रलाय एक जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को एक किया गया है। पिछले 30 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में कही थी। जिसे सफल बनाने के लिए करीब अतिरिक्त व संयुक्त सचिव सहित 255 वरिष्ठ अधिकारी को इस अभियान के तहत लगाया गया है।

2024 तक हर घर जल पहुंचाने के लिए अहम

सरकार ने 2024 तक हर घर नल जल पहुंचने की घोषणा की है सवाल यह है जब जल ही नहीं रहेंगें तो हर घर जल कैसे पहुंचेगी। इसलिए यह अभियान केंद्र सरकार के लिए अहम हो जाता है क्योंकि इसी अभियान के जरिए जल संचयन और पर्यावरण को संरक्षित करना है ताकि ससमय बारिश हो और देश को जल की समस्या से निजात मिले।

बिना फण्ड का मंत्रालय है जल शक्ति मंत्रालय

जल शक्ति मंत्रालय एक ऐसा मंत्रालय है जिसके लिए सरकार ने कोई अतिरिक्त फण्ड की व्यवस्था नहीं की है इसके तहत भारत सरकार समस्त विभाग कार्य करेगी। जैसे, मनरेगा, ग्रामीण विकास विभाग, जल शक्ति एवं पर्यावरण मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय।





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