नवादा: राष्ट्रीय लोक जनता दल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा शुक्रवार को कौआकोल के सोखोदेवरा गांव पहुंचे. यहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला (Upendra Kushwaha targeted Nitish) बोला. उन्होंने कहा कि यह विरासत बचाओ नमन यात्रा है. उस विरासत की बात करने आए हैं, जिस विरासत को आगे ले चलने का दायित्व बिहार भर के लोगों ने 2005 में बड़ी कुर्बानी देकर बड़ा संघर्ष करके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगे बढ़ाने का दायित्व सौंपा था.
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नीतीश कुमार सत्ता में आएः उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि साल 2005 से पहले बिहार को बदनाम और बर्बाद करने वाली ताकत राज्य में सक्रिय हो गई. उन्हीं का विरोध कर के नीतीश कुमार सत्ता में आए और फिर वापस उन्हीं से मेलजोल बढ़ा रहे हैं. बिहार को फिर बर्बाद करने की कगार पर लाकर खड़ा कर रहे हैं. यही कारण है कि सीएम नीतीश ने एक एक कार्यकर्ताओं के खून पसीने से सींची हुए पार्टी को बिहार में भ्रष्टाचार की जननी राजद के हाथों गिरवी रख दी है.
बिहार को बचाने निकले हैं: उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हम उस विरासत को ही बचाने के लिए निकले हैं. हम बिहार को बचाने के लिए निकले हैं, जो कि बिहार की जनता के सहयोग से ही संभव होगा. यहां हम जेपी का आशीर्वाद लेने आए हैं. जनता की ताकत बड़ी होती है, किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं. नीतीश कुमार ने खुद ही आरजेडी को हर चीज सौंपने की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि समाजवादी विचारधारा की जननायक कर्पूरी ठाकुर की जो विरासत थी, उस विरासत को बचाने के लिए ही 90 के दशक में लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन लालू प्रसाद ने अपनी ताकत का इस्तेमाल आम जनों के लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए किया. जिसकी दुर्गति वह भुगत रहे हैं.
नीतीश पर भरोसा जतायाः समाजवादी विचारों के कारण ही लालू प्रसाद के राजद शासनकाल के बाद लोगों ने नीतीश कुमार पर अपना भरोसा जताया. लेकिन राजनीति के अंतिम समय में नीतीश कुमार के निर्णय से लोग दहशत में है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का पहले का कार्यकाल काफी अच्छा रहा, लेकिन अंतिम समय में लिए गए फैसले से जनता भयभीत और दहशत में हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जब आरजेडी गठबंधन में है, तब बिहार में फिर से कानून व्यवस्था का भयावह मंजर दिखने लगा है. यह हाल तब क्या होगा, जब नीतीश कुमार सीएम नहीं रहेंगे. नीतीश के साथ रहने वालों का क्या हश्र होगा? मौके पर पूर्व विधायक रणवीर सिंह, रमेश कुशवाहा, इंद्रदेव कुशवाहा, विनय महतो, राजेन्द्र कुशवाहा, मुसाफिर कुशवाहा, अनिल कुमार सिंह, डॉ विपीन कुमार आदि मौजूद थे.
"90 के दशक में लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन लालू प्रसाद ने अपनी ताकत का इस्तेमाल आम जनों के लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए किया. समाजवादी विचारों के कारण ही लालू प्रसाद के बाद लोगों ने नीतीश कुमार पर अपना भरोसा जताया. लेकिन राजनीति के अंतिम समय में नीतीश कुमार के निर्णय से लोग दहशत में हैं"- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय लोक जनता दल