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नवादा में प्रशासनिक लापरवाही की हद, सोनसा-सिहीन का डायवर्सन बहा, जोखिम में जान - nawada Taliya river diversion

नवादा के तिलैया नदी पर बना डायवर्सन (Taliya River Diversion) बुधवार रात को पानी के दबाव के कारण टूट गया है. इसकी वजह से 50 गांव के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. जान हथेली पर रख लोगों को नदी की तेज धार को पार करना पड़ रहा है. इन गांवों का हिसुआ और नवादा से संपर्क टूट गया है.

Taliya river diversion in nawada
Taliya river diversion in nawada
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Published : Jun 17, 2021, 6:21 PM IST

नवादा: बिहार की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि कहीं लोग बाढ़ से परेशान हैं तो कहीं सूखे का दंश झेलते हैं. बिहार के दक्षिण भाग में स्थित नवादा के लोग इन दिनों पानी से परेशान हैं. दरअसल लगातार हो रही बारिश के कारण सोनसा-सिहीन पथ (Sonsa Sihin Road) पर सोनसा ग्राम के समीप तिलैया नदी पर बना डायवर्सन टूट गया है. ऐसे में ग्रामीण एक-दूसरे का हाथ थामे नदी की तेज धार को पार करने को विवश हैं.

यह भी पढ़ें- कैमूर: 7 करोड़ रु. से बन रहा कारीराम ब्रिज क्षतिग्रस्त, चचरी पुल बनी लाइफ लाइन

खतरे में ग्रामीणों की जान
बुधवार की रात्रि डायवर्सन टूटकर बह गया. डायवर्सन टूट जाने से सिहीन, तरौणी, दोना, डफलपुरा, भोला विगहा, जेश्री विगहा, डिहुरी, मुरकटा, शचौल, खिरन बेलदारी सहित दर्जनों ग्राम का सम्पर्क हिसुआ और नवादा से भंग हो चुका है. ग्रामीण नदी को जान जोखिम में डालकर पार करने को मजबूर हैं.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- Flood In Bagaha: कहीं मचान बना आशियाना तो कहीं चौकी पर बन रहा खाना, देखें रिपोर्ट

2002 में बना था पुल
सोनसा-सिहीन को जोड़ने के लिए तिलैया नदी पर 2002 में पुल बनाया गया था. तात्कालीन सांसद डाॅ. संजय पासवान ने अपने सांसद मद से करीब 24.5 लाख की लागत से तिलैया नदी पर पुल बनवाया था. पुल बनने पर करीब 50 गांव का सम्पर्क हिसुआ एवं नवादा से जुड़ गया था.

Taliya river diversion in nawada
नदी पार करते लोग

यह भी पढ़ें- सीतामढ़ी: उफनती बागमती में 4 बच्चे डूबे, नहाने के दौरान हुआ हादसा

चौड़ीकरण के लिए तोड़ा गया था पुल
बजरा मोड़ से गोनर विगहा तक सड़क के चौड़ीकरण को लेकर इस पुल को तोड़ा गया था. सोनसा ग्राम के समीप कंक्रीट और 30 फीट चौड़े पुल का निर्माण करना था इसे लेकर तिलैया नदी पर बने पुल को तोड़ दिया गया था. और आवागमन को लेकर नदी में डायवर्सन का निर्माण कराया गया था.

Taliya river diversion in nawada
तिलैया नदी पर बना डायवर्सन बहा

डायवर्सन के निर्माण पर सवाल
अभिकर्ता के द्वारा डायवर्सन का निर्माण करवाया तो गया लेकिन यह ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाया. अच्छी तरह से नहीं बनाये जाने के कारण पानी का दबाव पड़ते ही डायवर्सन टूट गया.

50-60 किमी अधिक दूरी तय कर रहे ग्रामीण
गया जिले के रिउला, पाण्डे चक, महापुर चेया आदि दर्जन भर ग्राम का आना-जाना इसी पथ से होता था. एक सप्ताह से लगातार वर्षा होने से पानी के अधिक दबाव के कारण डायवर्सन टूट गया. डायवर्सन टूटने से उक्त सभी गांव के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बाजार आने के लिए उन्हें 50-60 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है.

समय और पैसे की बर्बादी
अधिक दूरी तय करने पर ग्रामीणों की परेशानी सातवें आसमान पर पहुंच गई है. समय की बर्बादी हो रही है सो अलग. ग्रामीणों का कहना है कि परेशानी तो सभी को है लेकिन शादी वाले परिवार को डायवर्सन टूटने से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है.

ग्रामीणों का कहना है...
ग्रामीणों का कहना है कि अभिकर्ता के द्वारा डायवर्सन को अच्छी तरह नहीं बनाये जाने के कारण पानी का दबाव पड़ते ही यह टूट गया. ग्रामीणों ने बताया कि यास चक्रवात में हुए वर्षा के कारण भी सोनसा नदी पर बना डायवर्सन पानी के तेज रफ्तार में बह गया था.

सिहीन दोना ग्राम के दर्जनों की संख्या में लोगों ने बताया कि अभिकर्ता को वर्षा ऋतु समाप्त होने पर पुल को तोड़ना चाहिए था. यदि पुल नहीं टूटता तो सभी ग्रामवासियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.

ईटीवी भारत के सवाल

  1. अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन?
  2. पुल को तोड़ने का क्या यह सही समय था?
  3. कैसे बनाया गया डायवर्सन जो पानी की धार के आगे टिक नहीं पाया?
  4. लोगों को हो रही परेशानी का कब निकाला जाएगा समाधान?
  5. अभिकर्ता ने क्यों नहीं दिया अब तक कोई जवाब?

नवादा: बिहार की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि कहीं लोग बाढ़ से परेशान हैं तो कहीं सूखे का दंश झेलते हैं. बिहार के दक्षिण भाग में स्थित नवादा के लोग इन दिनों पानी से परेशान हैं. दरअसल लगातार हो रही बारिश के कारण सोनसा-सिहीन पथ (Sonsa Sihin Road) पर सोनसा ग्राम के समीप तिलैया नदी पर बना डायवर्सन टूट गया है. ऐसे में ग्रामीण एक-दूसरे का हाथ थामे नदी की तेज धार को पार करने को विवश हैं.

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खतरे में ग्रामीणों की जान
बुधवार की रात्रि डायवर्सन टूटकर बह गया. डायवर्सन टूट जाने से सिहीन, तरौणी, दोना, डफलपुरा, भोला विगहा, जेश्री विगहा, डिहुरी, मुरकटा, शचौल, खिरन बेलदारी सहित दर्जनों ग्राम का सम्पर्क हिसुआ और नवादा से भंग हो चुका है. ग्रामीण नदी को जान जोखिम में डालकर पार करने को मजबूर हैं.

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2002 में बना था पुल
सोनसा-सिहीन को जोड़ने के लिए तिलैया नदी पर 2002 में पुल बनाया गया था. तात्कालीन सांसद डाॅ. संजय पासवान ने अपने सांसद मद से करीब 24.5 लाख की लागत से तिलैया नदी पर पुल बनवाया था. पुल बनने पर करीब 50 गांव का सम्पर्क हिसुआ एवं नवादा से जुड़ गया था.

Taliya river diversion in nawada
नदी पार करते लोग

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चौड़ीकरण के लिए तोड़ा गया था पुल
बजरा मोड़ से गोनर विगहा तक सड़क के चौड़ीकरण को लेकर इस पुल को तोड़ा गया था. सोनसा ग्राम के समीप कंक्रीट और 30 फीट चौड़े पुल का निर्माण करना था इसे लेकर तिलैया नदी पर बने पुल को तोड़ दिया गया था. और आवागमन को लेकर नदी में डायवर्सन का निर्माण कराया गया था.

Taliya river diversion in nawada
तिलैया नदी पर बना डायवर्सन बहा

डायवर्सन के निर्माण पर सवाल
अभिकर्ता के द्वारा डायवर्सन का निर्माण करवाया तो गया लेकिन यह ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाया. अच्छी तरह से नहीं बनाये जाने के कारण पानी का दबाव पड़ते ही डायवर्सन टूट गया.

50-60 किमी अधिक दूरी तय कर रहे ग्रामीण
गया जिले के रिउला, पाण्डे चक, महापुर चेया आदि दर्जन भर ग्राम का आना-जाना इसी पथ से होता था. एक सप्ताह से लगातार वर्षा होने से पानी के अधिक दबाव के कारण डायवर्सन टूट गया. डायवर्सन टूटने से उक्त सभी गांव के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बाजार आने के लिए उन्हें 50-60 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है.

समय और पैसे की बर्बादी
अधिक दूरी तय करने पर ग्रामीणों की परेशानी सातवें आसमान पर पहुंच गई है. समय की बर्बादी हो रही है सो अलग. ग्रामीणों का कहना है कि परेशानी तो सभी को है लेकिन शादी वाले परिवार को डायवर्सन टूटने से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है.

ग्रामीणों का कहना है...
ग्रामीणों का कहना है कि अभिकर्ता के द्वारा डायवर्सन को अच्छी तरह नहीं बनाये जाने के कारण पानी का दबाव पड़ते ही यह टूट गया. ग्रामीणों ने बताया कि यास चक्रवात में हुए वर्षा के कारण भी सोनसा नदी पर बना डायवर्सन पानी के तेज रफ्तार में बह गया था.

सिहीन दोना ग्राम के दर्जनों की संख्या में लोगों ने बताया कि अभिकर्ता को वर्षा ऋतु समाप्त होने पर पुल को तोड़ना चाहिए था. यदि पुल नहीं टूटता तो सभी ग्रामवासियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.

ईटीवी भारत के सवाल

  1. अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन?
  2. पुल को तोड़ने का क्या यह सही समय था?
  3. कैसे बनाया गया डायवर्सन जो पानी की धार के आगे टिक नहीं पाया?
  4. लोगों को हो रही परेशानी का कब निकाला जाएगा समाधान?
  5. अभिकर्ता ने क्यों नहीं दिया अब तक कोई जवाब?
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