नवादा: जिले के रोह प्रखंड अंतर्गत आनेवाली रजाईन पाइन आज बदहाल है. कभी इसके पानी से 52 गाँव में सिंचाई हुआ करती थी. किसान खुशहाली से जिंदगी व्यतीत करते थे. किसान इस रजाईन को जीवनदायनी की संज्ञा दे रखे थे. लेकिन यह रजाईन आजकल अपने उद्धारक की बाट जोह रहा है.
पानी की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है और किसान की फसल सिंचाई के आभाव में जल रही है. लेकिन, न इसपर सूबे के मुख्यंमत्री का ध्यान गया और न ही मंत्री या यहां के जनप्रतिनिधि का. केंद्र हो या राज्य की सरकार अपने आपको किसानों की बड़ी हितैषी समझती है. लेकिन किसान आज भी अपनी फसल के लिए एक-एक बूंद को तरस रहा है. कई बार इसके लिए अधिकारियों से आग्रह भी किया लेकिन किसानों को कोई सुननेवाले नहीं है.
ग्रामीणों का क्या कहना है
ग्रामीण साधु शरण सिंह बताते हैं की यह पाइन सकरी नदी से निकलती है और इसका निर्माण महेश्वरी नारायण देव करवाया था. इस पाइन से पहले 52 गांवों के किसानों को फायदा मिलता था. लेकिन अब रजाईन भर जाने के करण 2-4 गांवों में सिंचाई होना भी मुश्किल है. इसका सही से रखरखाव नहीं हो पाने के कारण अब 52 गांवों के किसान सिंचाई से वंचित हैं. पहले इसकी चौड़ाई 50-60 फिट थी लेकिन अब यह घटकर 15-20 फिट रह गई है.
2005 में दिल्ली में आहार पाइन बचाओ मेले का आयोजन किया गया था जिसमें SPWD के डायरेक्टर विजय सरदाना आए थे उन्होंने पाइन के बारे में जानने के लिए इस क्षेत्र का दौरा भी किया था और भरोसा दिया था कि जल्द इसपर काम किया जाएगा. लेकिन उसके बाद से आज तक फिर कोई इस ओर ध्यान नहीं दिया. वहीं, पंकज सिंह कहते हैं कि अगर सिंचाई की व्यवस्था हो जाती तो हमलोगों को ज्यादा दिक्कत नहीं होती.