नवादा : जिले के सदर अस्पताल में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रत्येक महीने के 9 तारीख को देखभाल के लिए विशेष कैंप लगाकर जांच की जाती है. गर्भवती महिलाएं हर महीने 9 तारीख को सुरक्षित प्रसव की उम्मीद में सदर अस्पताल पहुंचकर जांच करवाती हैं. इसी क्रम में सदर अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के अनुपालन के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग नियमों की अनदेखी सामने आई है.
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विशेषज्ञों द्वारा गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक खतरा बताया गया है. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल में कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है. जिस कारण सोशल डिस्टेंसिंग नियमों की धज्जियां उड़ रही है. जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंची गर्भवती महिलाएं कोरोना संक्रमण से इतनी बेपरवाह दिखीं कि उन्होंने मास्क का इस्तेमाल करना भी उचित नहीं समझा. वहीं अस्पताल में सैनिटाइजर की व्यवस्था भी नहीं की गई है.
जिला प्रशासन की लापरवाही चिंता का सबब
- डीएस मधु सिन्हा ने बताया कि सदर अस्पताल में सुरक्षा के दृष्टिकोण से 15 सुरक्षाकर्मी प्रतिनियुक्त किए गए हैं. जिसमें कुछ निजी कंपनी के गार्ड और बिहार पुलिस के जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है. वहीं, कोरोना महामारी को लेकर जिला प्रशासन की लापरवाही चिंता का सबब बना हुआ है.