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मौत सामने थी और खौफ सूदखोरों का था.. मरने से पहले क्या बोला नवादा का परिवार? - नवादा में सूदखोर के बनाए जाल

बिहार के नवादा में एक ही परिवार के 6 लोगों ने जहर पीकर खुदकुशी (Nawada Mass Suicide) कर ली. मौत से ठीक पहले परिवार का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें परिवार के सदस्यों को उनके कमरे से निकालकर अस्पताल ले जाया जा रहा है. उस समय भी इन सभी की चेहरे और जुबान पर सिर्फ महाजन की मनमानी का खौफ और बेबसी देखी जा सकती थी.

नवादा में सूदखोरों के जाल
नवादा में सूदखोरों के जाल
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Published : Nov 10, 2022, 6:45 PM IST

Updated : Nov 10, 2022, 7:20 PM IST

नवादा : बिहार के नवादा में सूदखोर के बनाए जाल में फंसकर एक ही परिवार के 6 लोगों ने जहर पीकर जान दे (Mass Suicide in Nawada ) दी. आदर्शनगर मोहल्ले में रहने वाले परिवार ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार 'समाज के दीमक' सूदखोरों को बताया है. इस परिवार के मुखिया ने 6 सूदखोरों से कर्ज लिया हुआ था. सूदखोर द्वारा दी जा रही जलालत का बोझ इनके ऊपर पड़े कर्ज के बोझ से कहीं ज्यादा था. इसीलिए परिवार ने मौत को गले लगाने के लिए जहर पी लिया. महाजन का आतंक इतना था कि उनकी दो-दो दुकानें थीं लेकिन इन महाजनों के खौफ के चलते महीनों से बंद पड़ीं थीं. दुकान नहीं खुलने से आर्थिक तंगी ने भी घेर लिया था. ऊपर से ब्याज और जलालत का बोझ बढ़ता ही जा रहा था. जहां तक भाग सकते थे तब तक भागे फिर हारकर मजबूरी में मौत को सभी ने गले लगा लिया.

ये भी पढ़ें- 'समाज के दीमक हैं महाजन, 3 गुणा ब्याज चुकाया फिर भी खत्म नहीं हुआ' : पढ़िए सुसाइड नोट

नवादा में सामूहिक आत्महत्या: वीडियो में दिख रहे कुछ लोग जहर पीने वाली लड़की को लेकर अस्पताल की ओर ले जा रहे थे. उससे जब जहर पीने की वजह पूछी तो लटपटाई जबान में उसने कहा कि 'सारे परिवार ने जहर पी रखा है'. जिस तरफ उसने इशारा किया उसी तरफ लोग परिवार को बचाने के लिए कमरे की तरफ तेजी से बढ़े. कमरे के अंदर का नजारा ऐसा था कि कोई भी देखकर हिल जाए. कमरे में कुल 5 लोग बेसुध होकर गिरे हुए थे. परिवार के पाचों लोग तड़प रहे थे. एक लड़की दरवाजे पर ही दूसरी लड़की के ऊपर गिरी बेसुध सी पड़ी थी. उससे थोड़ी ही दूर पर नीली शर्ट में एक लड़क कराह रहा था. उसी के बगल में परिवार के मुखिया केदार भी बेसुध थे. उन दोनों के नीचे एक महिला लगभग मर चुकी थी. ये मंजर देखकर हर कोई सिहर गया. फिर भी हिम्मत कर जवानों ने एक एक कर सभी लोगों को उठाया.

महाजन की गाली गलौज से परिवार था परेशान: पहले नीली शर्ट पहने हुए लड़के को पुलिस के जवानों ने बाहर निकाला. लड़का बाहर आया तो उससे लोगों ने पूछा कि ऐसा क्यों और किसने किया. उसने बेहोशी की हालत में ही जवाब दिया कि महाजन ने पूरे परिवार को परेशान कर रखा था. पूरे परिवार ने जहर पी रखा है. जब लोगों ने पूछा किससे कर्ज लिया तो उसने बताया कि एक सुसाइड नोट घर में छोड़ा गया है उसमें सभी ब्याजखोरों का नाम लिखा हुआ है. वो लोग उनके परिवार को काफी प्रताड़ित करते थे.

''हम लोग जहर पिए हुए हैं. हम लोगों को महाजन तंग करता था. हमारे परिवार ने कहा कि थोड़ा वक्त दे दो तो कर्ज चुका देंगे. सभी सूदखोरों का नाम मोबाइल के सुसाइड नोट में लिखा हुआ है.''- मौत से पहले केदार के बेटे का बयान

मौत से पहले क्या बोले केदार: फुल सफेद शर्ट में केदार गुप्ता भी बेहोश पड़े थे. उनको भी पुलिस की टीम उठाकर अस्पताल की ओर ले गई. जब उनसे जहर खाने की वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि महाजन से उन्होंने 10-12 लाख रुपए का कर्ज ले रखा था. दो गुना-तीन गुना ब्याज देने के बावजूद कर्ज खत्म नहीं हो रहा था. बार बार महाजन लोग दबाव बनाता था. गाली गलौज करता था. मेरे पास जहर खाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा था.

''क्या करें साहब महाजन लोग बहुत परेशान करता था. मेरे ऊपर ज्यादा नहीं बस 10-12 लाख रुपए कर्ज था. बार बार परेशान करता था, सब गाली गलौज करता था.''- केदार, मरने से पहले का बयान

मां-मां कहकर चीख रही थी छोटी बेटी: सबसे दर्दनाक वाकया तब हुआ जब लाल टी शर्ट में पड़ी लड़की को रेस्कूय टीम ने उठाया और उसे लेकर हॉस्पिटल जाने लगी. लड़की मां- मां कहकर रोने लगी. वो कहने लगी मुझे अस्पताल नहीं मां के पास जाना है. मां पहले ही जहर खाने से मर चुकी थी. उसकी छोटी बहन भी दम तोड़ चुकी थी. जिंदा बचे लोगों में लड़की का पिता केदार, उसका भाई और बड़ी बहन ही मौत से लड़ रहे थे. अस्पताल पहुंचते पहुंचते सिर्फ केदार गुप्ता की बेटी साक्षी ही बची. उसका इलाज शुरू हुआ लेकिन उसकी सांसें भी चंद घंटे बाद छूट गईं. एक एक कर परिवार के सभी 6 सदस्यों की मौत हो (six family person Died in Nawada) गई.

"पापा पैसा कर्ज लिये थे. तीन-चार आदमी पापा को रोज तंग करते थे. पापा का दुकान तीन-चार महीने से बंद था. कल सब लोग आ गया था और पापा से बोला पैसा नहीं दोगे तो देखना कल क्या करेंगे. मनीष भैया पापा को तंग करते थे. इसलिए हमलोगों ने मिलकर जहर खा लिया." - साक्षी, मौत से पहले का बयान

दो सूदखोरों को पुलिस ने पकड़ा: इस बीच, पुलिस ने दो सूदखोर टुनटुन सिंह और रंजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी अन्य 4 की तलाश में पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है. जिस तरह से इस परिवार की तड़प तड़प कर मौत हुई है. वो बताया है कि किस कदर लोग महाजन के चुंगल में फंसकर पूरे समाज को लोग दीम की तरह चाट रहे हैं. मरने से पहले केदार गुप्ता ने अपने सुसाइड नोट में समाज के इन दीमकों पर कार्रवाई करने की मांग की है. देखतें हैं पुलिस कब तक इस दर्दनाक वाकये में शामिल महाजनों तक पहुंचकर उन्हें सलाखों के पीछे डालती है. ताकि फिर कोई दूसरा परिवार महाजन के चंगुल में फंसकर इस तरह अपनी जीवन लीला समाप्त न करे.

नवादा : बिहार के नवादा में सूदखोर के बनाए जाल में फंसकर एक ही परिवार के 6 लोगों ने जहर पीकर जान दे (Mass Suicide in Nawada ) दी. आदर्शनगर मोहल्ले में रहने वाले परिवार ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार 'समाज के दीमक' सूदखोरों को बताया है. इस परिवार के मुखिया ने 6 सूदखोरों से कर्ज लिया हुआ था. सूदखोर द्वारा दी जा रही जलालत का बोझ इनके ऊपर पड़े कर्ज के बोझ से कहीं ज्यादा था. इसीलिए परिवार ने मौत को गले लगाने के लिए जहर पी लिया. महाजन का आतंक इतना था कि उनकी दो-दो दुकानें थीं लेकिन इन महाजनों के खौफ के चलते महीनों से बंद पड़ीं थीं. दुकान नहीं खुलने से आर्थिक तंगी ने भी घेर लिया था. ऊपर से ब्याज और जलालत का बोझ बढ़ता ही जा रहा था. जहां तक भाग सकते थे तब तक भागे फिर हारकर मजबूरी में मौत को सभी ने गले लगा लिया.

ये भी पढ़ें- 'समाज के दीमक हैं महाजन, 3 गुणा ब्याज चुकाया फिर भी खत्म नहीं हुआ' : पढ़िए सुसाइड नोट

नवादा में सामूहिक आत्महत्या: वीडियो में दिख रहे कुछ लोग जहर पीने वाली लड़की को लेकर अस्पताल की ओर ले जा रहे थे. उससे जब जहर पीने की वजह पूछी तो लटपटाई जबान में उसने कहा कि 'सारे परिवार ने जहर पी रखा है'. जिस तरफ उसने इशारा किया उसी तरफ लोग परिवार को बचाने के लिए कमरे की तरफ तेजी से बढ़े. कमरे के अंदर का नजारा ऐसा था कि कोई भी देखकर हिल जाए. कमरे में कुल 5 लोग बेसुध होकर गिरे हुए थे. परिवार के पाचों लोग तड़प रहे थे. एक लड़की दरवाजे पर ही दूसरी लड़की के ऊपर गिरी बेसुध सी पड़ी थी. उससे थोड़ी ही दूर पर नीली शर्ट में एक लड़क कराह रहा था. उसी के बगल में परिवार के मुखिया केदार भी बेसुध थे. उन दोनों के नीचे एक महिला लगभग मर चुकी थी. ये मंजर देखकर हर कोई सिहर गया. फिर भी हिम्मत कर जवानों ने एक एक कर सभी लोगों को उठाया.

महाजन की गाली गलौज से परिवार था परेशान: पहले नीली शर्ट पहने हुए लड़के को पुलिस के जवानों ने बाहर निकाला. लड़का बाहर आया तो उससे लोगों ने पूछा कि ऐसा क्यों और किसने किया. उसने बेहोशी की हालत में ही जवाब दिया कि महाजन ने पूरे परिवार को परेशान कर रखा था. पूरे परिवार ने जहर पी रखा है. जब लोगों ने पूछा किससे कर्ज लिया तो उसने बताया कि एक सुसाइड नोट घर में छोड़ा गया है उसमें सभी ब्याजखोरों का नाम लिखा हुआ है. वो लोग उनके परिवार को काफी प्रताड़ित करते थे.

''हम लोग जहर पिए हुए हैं. हम लोगों को महाजन तंग करता था. हमारे परिवार ने कहा कि थोड़ा वक्त दे दो तो कर्ज चुका देंगे. सभी सूदखोरों का नाम मोबाइल के सुसाइड नोट में लिखा हुआ है.''- मौत से पहले केदार के बेटे का बयान

मौत से पहले क्या बोले केदार: फुल सफेद शर्ट में केदार गुप्ता भी बेहोश पड़े थे. उनको भी पुलिस की टीम उठाकर अस्पताल की ओर ले गई. जब उनसे जहर खाने की वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि महाजन से उन्होंने 10-12 लाख रुपए का कर्ज ले रखा था. दो गुना-तीन गुना ब्याज देने के बावजूद कर्ज खत्म नहीं हो रहा था. बार बार महाजन लोग दबाव बनाता था. गाली गलौज करता था. मेरे पास जहर खाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा था.

''क्या करें साहब महाजन लोग बहुत परेशान करता था. मेरे ऊपर ज्यादा नहीं बस 10-12 लाख रुपए कर्ज था. बार बार परेशान करता था, सब गाली गलौज करता था.''- केदार, मरने से पहले का बयान

मां-मां कहकर चीख रही थी छोटी बेटी: सबसे दर्दनाक वाकया तब हुआ जब लाल टी शर्ट में पड़ी लड़की को रेस्कूय टीम ने उठाया और उसे लेकर हॉस्पिटल जाने लगी. लड़की मां- मां कहकर रोने लगी. वो कहने लगी मुझे अस्पताल नहीं मां के पास जाना है. मां पहले ही जहर खाने से मर चुकी थी. उसकी छोटी बहन भी दम तोड़ चुकी थी. जिंदा बचे लोगों में लड़की का पिता केदार, उसका भाई और बड़ी बहन ही मौत से लड़ रहे थे. अस्पताल पहुंचते पहुंचते सिर्फ केदार गुप्ता की बेटी साक्षी ही बची. उसका इलाज शुरू हुआ लेकिन उसकी सांसें भी चंद घंटे बाद छूट गईं. एक एक कर परिवार के सभी 6 सदस्यों की मौत हो (six family person Died in Nawada) गई.

"पापा पैसा कर्ज लिये थे. तीन-चार आदमी पापा को रोज तंग करते थे. पापा का दुकान तीन-चार महीने से बंद था. कल सब लोग आ गया था और पापा से बोला पैसा नहीं दोगे तो देखना कल क्या करेंगे. मनीष भैया पापा को तंग करते थे. इसलिए हमलोगों ने मिलकर जहर खा लिया." - साक्षी, मौत से पहले का बयान

दो सूदखोरों को पुलिस ने पकड़ा: इस बीच, पुलिस ने दो सूदखोर टुनटुन सिंह और रंजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी अन्य 4 की तलाश में पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है. जिस तरह से इस परिवार की तड़प तड़प कर मौत हुई है. वो बताया है कि किस कदर लोग महाजन के चुंगल में फंसकर पूरे समाज को लोग दीम की तरह चाट रहे हैं. मरने से पहले केदार गुप्ता ने अपने सुसाइड नोट में समाज के इन दीमकों पर कार्रवाई करने की मांग की है. देखतें हैं पुलिस कब तक इस दर्दनाक वाकये में शामिल महाजनों तक पहुंचकर उन्हें सलाखों के पीछे डालती है. ताकि फिर कोई दूसरा परिवार महाजन के चंगुल में फंसकर इस तरह अपनी जीवन लीला समाप्त न करे.

Last Updated : Nov 10, 2022, 7:20 PM IST
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