नवादा: दिल्ली के शाहीनबाग का विरोध का असर जिले में भी देखने को मिल रहा है. पिछले 9 दिनों से शहर के बुंदेलखंड में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. वहीं, लोगों का कहना है कि सरकार सीएए कानून को वापस ले और लोगों को रोजगार मुहैया कराए.
'नागरिकता दे पर, धर्म के आधार पर नहीं'
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून धर्म पर आधारित है. जो संविधान के आर्टिकल 14 के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि हम यह नहीं कहते हैं कि आप नागरिकता नहीं दीजिए. आप नागरिकता दीजिए पर धर्म के आधार पर नहीं.
अनिश्चितकालीन धरना का आयोजन
बता दें कि पिछले 9 दिनों से लगातार धरना पर महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, नौजवान बैठे हुए हैं. इनका कहना है कि जब तक सरकार सीएए कानून को वापस नहीं ले लेती है. तब तक यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.