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दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर नवादा में धरना का आयोजन, CAA वापस लेने की मांग

शाहीनबाग की तर्ज पर बुंदेलखंड में सीएए और एनआरसी का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शनकारियों कहा कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून धर्म पर आधारित है, जो संविधान की आर्टिकल 14 के खिलाफ है.

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Published : Jan 21, 2020, 7:25 PM IST

नवादा: दिल्ली के शाहीनबाग का विरोध का असर जिले में भी देखने को मिल रहा है. पिछले 9 दिनों से शहर के बुंदेलखंड में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. वहीं, लोगों का कहना है कि सरकार सीएए कानून को वापस ले और लोगों को रोजगार मुहैया कराए.

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धरना में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, नौजवान शामिल

'नागरिकता दे पर, धर्म के आधार पर नहीं'
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून धर्म पर आधारित है. जो संविधान के आर्टिकल 14 के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि हम यह नहीं कहते हैं कि आप नागरिकता नहीं दीजिए. आप नागरिकता दीजिए पर धर्म के आधार पर नहीं.

शाहीनबाग की तर्ज पर धरना का आयोज

अनिश्चितकालीन धरना का आयोजन
बता दें कि पिछले 9 दिनों से लगातार धरना पर महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, नौजवान बैठे हुए हैं. इनका कहना है कि जब तक सरकार सीएए कानून को वापस नहीं ले लेती है. तब तक यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.

नवादा: दिल्ली के शाहीनबाग का विरोध का असर जिले में भी देखने को मिल रहा है. पिछले 9 दिनों से शहर के बुंदेलखंड में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. वहीं, लोगों का कहना है कि सरकार सीएए कानून को वापस ले और लोगों को रोजगार मुहैया कराए.

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धरना में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, नौजवान शामिल

'नागरिकता दे पर, धर्म के आधार पर नहीं'
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून धर्म पर आधारित है. जो संविधान के आर्टिकल 14 के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि हम यह नहीं कहते हैं कि आप नागरिकता नहीं दीजिए. आप नागरिकता दीजिए पर धर्म के आधार पर नहीं.

शाहीनबाग की तर्ज पर धरना का आयोज

अनिश्चितकालीन धरना का आयोजन
बता दें कि पिछले 9 दिनों से लगातार धरना पर महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, नौजवान बैठे हुए हैं. इनका कहना है कि जब तक सरकार सीएए कानून को वापस नहीं ले लेती है. तब तक यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा.

Intro:समरी- अब नवादा में शाहीनबाग के तर्ज परसीएए,एनआरसी के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना चल रही है लोग पिछले 9 दिनों से बुंदेलखंड में धरना दे रहे हैं।

नवादा। दिल्ली के साइन बाग में चल रहे सीएए,एनआरसी के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना का असर अब नवादा में भी दिखने लगा है। यह धरना पिछले नौ दिनों से जिले के बुंदेलखंड में चल रहा है। लोगों का कहना है कि सीएए क़ानून वापिस ले और लोगों को रोजगार मुहैया कराए।

बाइट- मो. समद खान








Body:दांडी यात्रा कर धरनास्थल पर पहुंचे लोग

नवादा के बुंदेलखंड मोहल्ला के स्थित कब्रिस्तान परिसर में पिछले 9 दिनों से धरना दिया जा रहा है जिसमें मंगलवार को अकबरपुर प्रखड से कई लोगों दांडी यात्रा कर धरना स्थल पर पहुंचे। सीएए और एनआरसी के विरोध में जमकर नारे लगाए।

नागरिकता दे पर धर्म के आधार पर नहीं

लोगों का यह कहना है कि नागरिकता संशोधन क़ानून धर्म पर आधारित है जो संविधान की आर्टिकल 14 के ख़िलाफ़ है हम यह नहीं कहते हैं कि आप नागरिकता नहीं दीजिए। आप नागरिकता दीजिए पर धर्म के आधार पर नहीं।

कअब्दुल्ला आजम, प्रदेश सचिव, बिहार कांग्रेस

मांगे पूरी नहीं होने तक चलती रहेगा धरना

पिछले नौ दिनों से लगातार धरना पर महिलाएं, बच्चे, बूढ़े नौजवान बैठे हुए हैं इनका कहना है कि जब तक सरकार सीएए कानून को वापिस नहीं ले लेती तब तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगी। केंद्र सरकार का आ




Conclusion: धरना में पिछले 9 दिनों से महिलाएं, बच्चे, बूढ़े नौजवान शामिल हो रहे हैं इनका कहना है जब तक सरकार सीएए कानून को वापिस नहीं ले लेती तब तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगी।
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