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नवादा की इन बहनों ने किया कमाल, एक साथ बनीं बिहार पुलिस में दारोगा

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Published : Jul 15, 2022, 8:35 PM IST

अगर कुछ करने की इच्छा हो तो कोई भी मुश्किल आपकी राह में बाधा नहीं बन सकती है. कुछ ऐसा ही है नवादा की बेटी पूजा और प्रिया की कहानी. छोटे दुकानदार की दो बेटियों ने पूरे परिवार का नाम रोशन किया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Nawada Two Sisters
Nawada Two Sisters

नवादा : बिहार दारोगा बहाली के रिजल्ट (Bihar Daroga Result) में नवादा जिले की दो बहनों ने कमाल कर दिखाया है. जिले के एक छोटे दुकानदार की दो बेटियों ने एक साथ दारोगा बनकर अपने माता-पिता के साथ-साथ पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया. इस उपलब्धि से उनका परिवार फूले नहीं समा रहा है. पूरे इलाके में इस बात की चर्चा जोरों पर है. ऐसे में नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए दोनों बहनें प्रेरणा श्रोत बन गई हैं.

ये भी पढ़ें - BPSSC ने दारोगा और सार्जेंट पद के लिए परीक्षा का परिणाम किया जारी

पूजा और प्रिया बनी दारोगा : जिले के पकरीबरावां बाजार निवासी मदन साव एवं रेखा देवी की पुत्री पूजा कुमारी एवं प्रिया कुमारी ने दारोगा की परीक्षा में सफलता पाई. एक छोटी सी दुकान चलाने वाले मदन साव कहते हैं कि आज उनका सपना पूरा हो गया है. उनकी दो बेटियां सफलता का इतिहास रच अपने परिवार एवं गांव का नाम रोशन की है. पूजा ने प्रथम प्रयास में जबकि प्रिया ने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है.

दोनों बहनें कर रही थी तैयारी : छोटी सी दुकान चलाने वाले मदन साव की बेटी पूजा एवं प्रिया शुरू से ही बिहार पुलिस के लिए तैयारी कर रही थीं. उनका सपना था कि कम से कम सब इंस्पेक्टर बनें. दोनों बहने पढ़ाई के साथ फिजिकल तैयारी भी करती थीं. गुरुवार को बिहार दारोगा भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आया और इस परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई.

गांव में रहकर की प्रारंभिक शिक्षा : पूजा ने बताया कि उसको पहले जबकि उसकी बहन प्रिया को दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली. दोनों की शुरूआती पढ़ाई गांव पकरीबरावां से हुई. गांव के स्कूल से दसवीं बोर्ड पूरा करने के बाद दोनों बहनों ने कृषक महाविद्यालय धेवहा से प्लस 2 और डिग्री की पढ़ाई की. पिता ने कम आमदनी के बावजूद दोनों का भरपूर सहयोग किया. उनकी पढ़ाई और तैयारी में नानी घर के रिश्तेदारों ने भी मदद की. पूजा और प्रिया बताती हैं कि सेल्फ स्टडी और ग्रुप स्टडी से उन्हें काफी लाभ मिला.

निभा-चंदा ने भी बढ़ाया मान : भूमिहार टोला निवासी स्व.अरुण कुमार सिंह एवं राजकीय कन्या मध्य विद्यालय पकरीबरावां की शिक्षिका अमोला कुमारी की पुत्री निभा कुमारी भी दारोगा बनी हैं. इधर, धमौल पंचायत के तुर्कवन गांव की रहने वाली चंदा कुमारी ने भी सफलता पाई है. दारोगा बनकर उसने अपने गांव का नाम रोशन किया है. उसके पिता दिनेश पासवान पंचायत सचिव हैं.

नवादा : बिहार दारोगा बहाली के रिजल्ट (Bihar Daroga Result) में नवादा जिले की दो बहनों ने कमाल कर दिखाया है. जिले के एक छोटे दुकानदार की दो बेटियों ने एक साथ दारोगा बनकर अपने माता-पिता के साथ-साथ पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया. इस उपलब्धि से उनका परिवार फूले नहीं समा रहा है. पूरे इलाके में इस बात की चर्चा जोरों पर है. ऐसे में नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए दोनों बहनें प्रेरणा श्रोत बन गई हैं.

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पूजा और प्रिया बनी दारोगा : जिले के पकरीबरावां बाजार निवासी मदन साव एवं रेखा देवी की पुत्री पूजा कुमारी एवं प्रिया कुमारी ने दारोगा की परीक्षा में सफलता पाई. एक छोटी सी दुकान चलाने वाले मदन साव कहते हैं कि आज उनका सपना पूरा हो गया है. उनकी दो बेटियां सफलता का इतिहास रच अपने परिवार एवं गांव का नाम रोशन की है. पूजा ने प्रथम प्रयास में जबकि प्रिया ने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है.

दोनों बहनें कर रही थी तैयारी : छोटी सी दुकान चलाने वाले मदन साव की बेटी पूजा एवं प्रिया शुरू से ही बिहार पुलिस के लिए तैयारी कर रही थीं. उनका सपना था कि कम से कम सब इंस्पेक्टर बनें. दोनों बहने पढ़ाई के साथ फिजिकल तैयारी भी करती थीं. गुरुवार को बिहार दारोगा भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आया और इस परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई.

गांव में रहकर की प्रारंभिक शिक्षा : पूजा ने बताया कि उसको पहले जबकि उसकी बहन प्रिया को दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली. दोनों की शुरूआती पढ़ाई गांव पकरीबरावां से हुई. गांव के स्कूल से दसवीं बोर्ड पूरा करने के बाद दोनों बहनों ने कृषक महाविद्यालय धेवहा से प्लस 2 और डिग्री की पढ़ाई की. पिता ने कम आमदनी के बावजूद दोनों का भरपूर सहयोग किया. उनकी पढ़ाई और तैयारी में नानी घर के रिश्तेदारों ने भी मदद की. पूजा और प्रिया बताती हैं कि सेल्फ स्टडी और ग्रुप स्टडी से उन्हें काफी लाभ मिला.

निभा-चंदा ने भी बढ़ाया मान : भूमिहार टोला निवासी स्व.अरुण कुमार सिंह एवं राजकीय कन्या मध्य विद्यालय पकरीबरावां की शिक्षिका अमोला कुमारी की पुत्री निभा कुमारी भी दारोगा बनी हैं. इधर, धमौल पंचायत के तुर्कवन गांव की रहने वाली चंदा कुमारी ने भी सफलता पाई है. दारोगा बनकर उसने अपने गांव का नाम रोशन किया है. उसके पिता दिनेश पासवान पंचायत सचिव हैं.

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