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नवादा: चुनावी मैदान में दो बाहुबलियों की टक्कर

नवादा सीट इस बार राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के हिस्से चली गई है. इसी कारण मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह को भाजपा यहां से उम्मीदवार नहीं बना पाई.

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Published : Apr 10, 2019, 8:20 AM IST

लोजपा के चंदन सिंह और आरजेडी की विभा देवी मैदान में

नवादा: बिहार में नवादा लोकसभा सीट अबकी बार चर्चा में है. चर्चा की बड़ी वजह केंद्रीय मंत्री और इस सीट से मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह को यहां से टिकट न मिलना है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी महागठबंधन के बीच माना जा रहा है.

नवादा सीट इस बार राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के हिस्से चली गई है. इसी कारण मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह को भाजपा यहां से उम्मीदवार नहीं बना पाई. सिंह ने इसे लेकर काफी नाराजगी भी जताई थी.

लोजपा ने इस सीट से चंदन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं महागठबंधन की ओर से राजद ने विभा देवी पर दांव लगाया है. दरअसल यहां दो बाहुबलियों के बीच लड़ाई है. चंदन कुमार जहां बाहुबली सूरजभान सिंह के भाई हैं, वहीं विभा देवी विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं। राजबल्लभ एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे हैं.

जातीय समीकरण से तय होते हैं परिणाम
नवादा लोकसभा सीट के परिणाम यहां के जातीय समीकरण से तय होते रहे हैं. इसी कारण पार्टियां भी उम्मीदवार तय करने में जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखती हैं. पिछले 10 वर्षो से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. यह क्षेत्र किसी समय में मगध साम्राज्य का हिस्सा था.

नवादा : भूमिहार बहुल सीट
पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में भूमिहार बहुल इस सीट से भाजपा के गिरिराज सिंह विजयी हुए थे. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राजबल्लभ यादव को हराया था. गिरिराज सिंह को जहां 3,90,248 मत मिले थे, वहीं राजबल्लभ यादव को 2,50,091 मतों से संतोष करना पड़ा था। जद (यू) के कौशल यादव 1,68,217 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. इस बार नवादा संसदीय से कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधनों के बीच है.

हिसुआ, वारसलीगंज विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा
नवादा लोकसभा सीट के तहत आने वाली हिसुआ, वारसलीगंज विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि रजौली और नवादा पर राजद और गोविंदपुर व बरबीघा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.

नवादा के वरिष्ठ पत्रकार रमेश कुमार कहते हैं, "दोनों गठबंधनों के बीच मुकाबला फिलहाल बराबरी का है. भूमिहार और यादव का मत परिणाम को दिशा देने वाले तो है ही, पिछड़ों और अति पिछड़ों के मिश्रित वोट को जो गठबंधन अपनी ओर करने में सफल हुआ, परिणाम उसके पक्ष में होगा."

क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी जागरूक मतदाता
लेकिन नवादा के लोग क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी जागरूक नजर आ रहे हैं. गोविंदपुर के हेमंत कुमार कहते हैं, "आज भी यहां किसानों के खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है."

वह कहते हैं, "अपर सकरी जलाशय योजना को लेकर प्रत्येक चुनाव में मतदाताओं को दिवास्वप्न दिखाए जाते हैं, लेकिन अब तक यह योजना वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतर सकी है. इस योजना से न केवल नवादा को, बल्कि लखीसराय, जमुई, शेखपुरा सहित अन्य जिलों को भी लाभ मिलता."

मतदाता किसका साथ देगा यह भविष्य की गर्त में है. बिहार में लोकसभा के सभी सात चरणों में मतदान होना है. नवादा में पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को मतदान होगा.

नवादा: बिहार में नवादा लोकसभा सीट अबकी बार चर्चा में है. चर्चा की बड़ी वजह केंद्रीय मंत्री और इस सीट से मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह को यहां से टिकट न मिलना है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी महागठबंधन के बीच माना जा रहा है.

नवादा सीट इस बार राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के हिस्से चली गई है. इसी कारण मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह को भाजपा यहां से उम्मीदवार नहीं बना पाई. सिंह ने इसे लेकर काफी नाराजगी भी जताई थी.

लोजपा ने इस सीट से चंदन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं महागठबंधन की ओर से राजद ने विभा देवी पर दांव लगाया है. दरअसल यहां दो बाहुबलियों के बीच लड़ाई है. चंदन कुमार जहां बाहुबली सूरजभान सिंह के भाई हैं, वहीं विभा देवी विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं। राजबल्लभ एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे हैं.

जातीय समीकरण से तय होते हैं परिणाम
नवादा लोकसभा सीट के परिणाम यहां के जातीय समीकरण से तय होते रहे हैं. इसी कारण पार्टियां भी उम्मीदवार तय करने में जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखती हैं. पिछले 10 वर्षो से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. यह क्षेत्र किसी समय में मगध साम्राज्य का हिस्सा था.

नवादा : भूमिहार बहुल सीट
पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में भूमिहार बहुल इस सीट से भाजपा के गिरिराज सिंह विजयी हुए थे. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राजबल्लभ यादव को हराया था. गिरिराज सिंह को जहां 3,90,248 मत मिले थे, वहीं राजबल्लभ यादव को 2,50,091 मतों से संतोष करना पड़ा था। जद (यू) के कौशल यादव 1,68,217 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. इस बार नवादा संसदीय से कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधनों के बीच है.

हिसुआ, वारसलीगंज विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा
नवादा लोकसभा सीट के तहत आने वाली हिसुआ, वारसलीगंज विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि रजौली और नवादा पर राजद और गोविंदपुर व बरबीघा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.

नवादा के वरिष्ठ पत्रकार रमेश कुमार कहते हैं, "दोनों गठबंधनों के बीच मुकाबला फिलहाल बराबरी का है. भूमिहार और यादव का मत परिणाम को दिशा देने वाले तो है ही, पिछड़ों और अति पिछड़ों के मिश्रित वोट को जो गठबंधन अपनी ओर करने में सफल हुआ, परिणाम उसके पक्ष में होगा."

क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी जागरूक मतदाता
लेकिन नवादा के लोग क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी जागरूक नजर आ रहे हैं. गोविंदपुर के हेमंत कुमार कहते हैं, "आज भी यहां किसानों के खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है."

वह कहते हैं, "अपर सकरी जलाशय योजना को लेकर प्रत्येक चुनाव में मतदाताओं को दिवास्वप्न दिखाए जाते हैं, लेकिन अब तक यह योजना वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतर सकी है. इस योजना से न केवल नवादा को, बल्कि लखीसराय, जमुई, शेखपुरा सहित अन्य जिलों को भी लाभ मिलता."

मतदाता किसका साथ देगा यह भविष्य की गर्त में है. बिहार में लोकसभा के सभी सात चरणों में मतदान होना है. नवादा में पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को मतदान होगा.

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नवादा: बिहार में नवादा लोकसभा सीट अबकी बार चर्चा में है. चर्चा की बड़ी वजह केंद्रीय मंत्री और इस सीट से मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह को यहां से टिकट न मिलना है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी महागठबंधन के बीच माना जा रहा है.

नवादा सीट इस बार राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के हिस्से चली गई है. इसी कारण मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह को भाजपा यहां से उम्मीदवार नहीं बना पाई. सिंह ने इसे लेकर काफी नाराजगी भी जताई थी.

लोजपा ने इस सीट से चंदन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं महागठबंधन की ओर से राजद ने विभा देवी पर दांव लगाया है. दरअसल यहां दो बाहुबलियों के बीच लड़ाई है. चंदन कुमार जहां बाहुबली सूरजभान सिंह के भाई हैं, वहीं विभा देवी विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं। राजबल्लभ एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे हैं.

जातीय समीकरण से तय होते हैं परिणाम

नवादा लोकसभा सीट के परिणाम यहां के जातीय समीकरण से तय होते रहे हैं. इसी कारण पार्टियां भी उम्मीदवार तय करने में जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखती हैं. पिछले 10 वर्षो से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. यह क्षेत्र किसी समय में मगध साम्राज्य का हिस्सा था.

नवादा : भूमिहार बहुल सीट

पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में भूमिहार बहुल इस सीट से भाजपा के गिरिराज सिंह विजयी हुए थे. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राजबल्लभ यादव को हराया था. गिरिराज सिंह को जहां 3,90,248 मत मिले थे, वहीं राजबल्लभ यादव को 2,50,091 मतों से संतोष करना पड़ा था। जद (यू) के कौशल यादव 1,68,217 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. इस बार नवादा संसदीय से कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधनों के बीच है.

हिसुआ, वारसलीगंज विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा 

नवादा लोकसभा सीट के तहत आने वाली हिसुआ, वारसलीगंज विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि रजौली और नवादा पर राजद और गोविंदपुर व बरबीघा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.

नवादा के वरिष्ठ पत्रकार रमेश कुमार कहते हैं, "दोनों गठबंधनों के बीच मुकाबला फिलहाल बराबरी का है. भूमिहार और यादव का मत परिणाम को दिशा देने वाले तो है ही, पिछड़ों और अति पिछड़ों के मिश्रित वोट को जो गठबंधन अपनी ओर करने में सफल हुआ, परिणाम उसके पक्ष में होगा."

क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी जागरूक मतदाता

लेकिन नवादा के लोग क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी जागरूक नजर आ रहे हैं. गोविंदपुर के हेमंत कुमार कहते हैं, "आज भी यहां किसानों के खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है."

वह कहते हैं, "अपर सकरी जलाशय योजना को लेकर प्रत्येक चुनाव में मतदाताओं को दिवास्वप्न दिखाए जाते हैं, लेकिन अब तक यह योजना वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतर सकी है. इस योजना से न केवल नवादा को, बल्कि लखीसराय, जमुई, शेखपुरा सहित अन्य जिलों को भी लाभ मिलता."

मतदाता किसका साथ देगा यह भविष्य की गर्व में है. बिहार में लोकसभा के सभी सात चरणों में मतदान होना है. नवादा में पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को मतदान होगा.


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