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नवादा जिला के इस प्रखंड मुख्यालय में नहीं है एक भी नेशनलाइज बैंक, व्यवसायी करते हैं परेशानियों का सामना - बैंक

रोह प्रखंड मुख्यालय में आज तक एक भी न ही बैंक नहीं खुली है और ना ही कोई एटीएम मशीन लगाई गई है. लोगों को पैसे के लिए 15 किमी दूर नवादा शहर जाना पड़ता है.

समस्या बताते स्थानीय दुकानदार
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Published : May 22, 2019, 6:34 AM IST

नवादा: एक ओर जहां मोदी सरकार देश को डिजिटल इंडिया और कैशलेस बनाने ले लिए जद्दोजहद में लगे हैं. वहीं, दूसरी ओर नवादा जिला का एक ऐसा प्रखंड मुख्यालय है. जहाँ आजतक कोई भी नेशनलाइज बैंक नहीं खुली है. अक्सर बैंक से संबंधित समस्या या फिर कैश की कमी होने पर लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, प्रखंड मुख्यालय से अलग कुछ गांवों में बैंक है पर प्रखंड मुख्यालय आये व्यक्ति के लिए कोई सुविधा नहीं है.

पैसे की जमा-निकासी के लिए जाना पड़ता है नवादा शहर

जिले के चौदह प्रखंड मुख्यालय में से एक रोह प्रखंड मुख्यालय है. जहां आज तक एक भी ना ही बैंक नहीं खुली है और ना ही किसी बैंक के कोई एटीएम मशीन लगाई गई है. लोगों को पैसे के लिए 15 किमी दूर नवादा शहर जाना पड़ता है. जहां कभी भीड़ की वजह से सारा दिन पैसे निकासी करने और आनेजाने में ही लग जाते हैं.

समस्या बताते स्थानीय दुकानदार

व्यापारियों में भय और डर

स्थानीय व्यवसायियों का कहना है कि बाजार में कई ऐसे दुकानदार हैं. जिसे प्रत्येक दिन में दो से चार बार बैंक जाने की जरूरत रहती है. लेकिन यहां बैंक नहीं होने से उन्हें पैसे जमा-निकासी करने में काफी दिक्कतें होती है. इन्हें या तो सुदूर गांव या फिर नवादा शहर की तरफ रुख करना पड़ता है. जिसके कारण इनके मन मे हमेशा भय और डर की चिंता सता रही होती है. वो सब काफी असहज महसूस करते हैं. हरवक्त किसी अप्रिय घटना की चिंता सताती रहती है. नेशनलाइज बैंक के होने से व्यपारियों को काफी सुविधा हो जाएगा.

महीनों से खराब है यहां का एकलौता एटीएम

गौरतलब है कि रोह बाजार में 'इंडिया एटीएम' एकलौता एटीएम है. जो यहां के लोगों के लिए लाइफलाइन बनी हुई थी. मगर वो भी पिछले डेढ़ महीनों से खराब चल रही है.

नवादा: एक ओर जहां मोदी सरकार देश को डिजिटल इंडिया और कैशलेस बनाने ले लिए जद्दोजहद में लगे हैं. वहीं, दूसरी ओर नवादा जिला का एक ऐसा प्रखंड मुख्यालय है. जहाँ आजतक कोई भी नेशनलाइज बैंक नहीं खुली है. अक्सर बैंक से संबंधित समस्या या फिर कैश की कमी होने पर लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, प्रखंड मुख्यालय से अलग कुछ गांवों में बैंक है पर प्रखंड मुख्यालय आये व्यक्ति के लिए कोई सुविधा नहीं है.

पैसे की जमा-निकासी के लिए जाना पड़ता है नवादा शहर

जिले के चौदह प्रखंड मुख्यालय में से एक रोह प्रखंड मुख्यालय है. जहां आज तक एक भी ना ही बैंक नहीं खुली है और ना ही किसी बैंक के कोई एटीएम मशीन लगाई गई है. लोगों को पैसे के लिए 15 किमी दूर नवादा शहर जाना पड़ता है. जहां कभी भीड़ की वजह से सारा दिन पैसे निकासी करने और आनेजाने में ही लग जाते हैं.

समस्या बताते स्थानीय दुकानदार

व्यापारियों में भय और डर

स्थानीय व्यवसायियों का कहना है कि बाजार में कई ऐसे दुकानदार हैं. जिसे प्रत्येक दिन में दो से चार बार बैंक जाने की जरूरत रहती है. लेकिन यहां बैंक नहीं होने से उन्हें पैसे जमा-निकासी करने में काफी दिक्कतें होती है. इन्हें या तो सुदूर गांव या फिर नवादा शहर की तरफ रुख करना पड़ता है. जिसके कारण इनके मन मे हमेशा भय और डर की चिंता सता रही होती है. वो सब काफी असहज महसूस करते हैं. हरवक्त किसी अप्रिय घटना की चिंता सताती रहती है. नेशनलाइज बैंक के होने से व्यपारियों को काफी सुविधा हो जाएगा.

महीनों से खराब है यहां का एकलौता एटीएम

गौरतलब है कि रोह बाजार में 'इंडिया एटीएम' एकलौता एटीएम है. जो यहां के लोगों के लिए लाइफलाइन बनी हुई थी. मगर वो भी पिछले डेढ़ महीनों से खराब चल रही है.

Intro:नवादा। जहां एक ओर मोदी सरकार देश को डिजिटल इंडिया और कैशलेस बनाने ले लिए जद्दोजहद में लगे हैं वहीं दूसरी ओर नवादा जिला का एक ऐसा प्रखंड मुख्यालय है जहाँ आजतक कोई भी नेशनलाइज बैंक नहीं खुल पाई है। अक़्सर बैंक से संबंधित समस्या या फिर कैश की कमी होने पर लोग कस्बाई बाजार जाने को सलाह देते हुए मिल जाते थे लेकिन रोह प्रखंड में इससे बिल्कुल उल्टा देखने को मिल रही है। दरअसल, जिले के चौदह प्रखंड मुख्यालय में से एक रोह प्रखंड मुख्यालय है जहां आज तक एक भी नेशनलाइज बैंक नहीं खुल पाई है और न ही उनके कोई एटीएम मशीन लग पाई है। हालांकि, प्रखंड मुख्यालय से इतर कुछ गांवों में बैंक है पर प्रखंड मुख्यालय आये व्यक्ति के लिए कोई सुविधा नहीं है।




Body:पैसे की जमा-निकासी के जाना पड़ता है नवादा शहर

प्रखंड मुख्यालय में कोई नेशनलाइज बैंक नहीं होने के कारण लोगों को 15 किमी दूर नवादा शहर जाना पड़ता है। जहां कभी भीड़ की वजह से सारे दिन पैसे निकासी और आनेजाने में ही लग जाते हैं।

व्यापारियों में भय और डर

रोह प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार में कई ऐसे व्यापारी हैं जिसे प्रत्येक दिन में दो से चार बार बैंक जाने की जरूरत रहती है लेकिन यहाँ एक भी नेशनलाइज बैंक नहीं होने के कारण उन्हें पैसे जमा-निकासी करने में काफी दिक्कतें होती है। इन्हें या तो सुदूर गांव या फिर नवादा शहर की तरफ़ रुख करना पड़ता है जिसके कारण इनके मन मे हमेशा भय और डर की चिंता सता रही होती है।

महीनों से ख़राब है यहाँ का एकलौता एटीएम

रोह बाजार में एकलौता एटीएम है 'इंडिया एटीएम' जो यहां के लोगों के लिए लाइफलाइन बनी हुई थी वो भी पिछले डेढ़ महीनों से खराब चल रही है।


क्या कहते हैं व्यापारी

नेशनलाइज बैंक नहीं होने के कारण नवादा शहर जाना पड़ता है हमलोगों को पैसे निकालने या जाम करने के लिए शहर जाना पड़ता है। काफी असहज महसूस करते हैं। हरवक्त किसी अप्रिय घटना की चिंता सताती रहती है नेशनलाइज बैंक के होने से व्यपारियों को काफी सुविधा हो जाएगा।


Conclusion:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न्यू इंडिया का सपना तो देख रहे हैं लेकिन कस्बाई शहर में बैंकों की हालत काफी खराब हो गई है लोगों के खाते में रखे स्वयं के पैसे उचित समय पर निकल नहीं पाते हैं ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कस्बाई शहर या बाजारों में व्यापार करनेवाले छोटे-छोटे व्यापारी समस्या को सुनेगा कौन?
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