नवादा: पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में शराब पीने और पिलाने के मामले नहीं रुक रहे हैं. विभिन्न स्थानों पर पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम छापेमारी कर रही है ताकि शराब माफियाओं पर नकेल कसा जा सके और लोगों को शराब से दूर रखा जा सके. लेकिन इन तमाम प्रयासों को जनप्रतिनिधि ही नाकाम करते नजर आ रहे हैं. ताजा मामला नवादा से सामने आया है.
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शराब के नशे में अंधरवारी पंचायत के मुखिया: रजौली प्रखंड अन्तर्गत अंधरवारी पंचायत के मुखिया विनोद कुमार राम उर्फ भोला राम का वायरल वीडियो सामने आया है जिसमें वे बार बालाओं के साथ मंच पर सरेआम ठुमके लगा रहे हैं. वहीं अंधरवारी पंचायत के पंचायत समिति चंदन कुमार कुशवाहा भी कमर हिलाते दिख रहे हैं. मुखिया और पंचायत समिति सदस्य का यह डांस पूरे नवादा में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं बताया जा रहा है कि दोनों जनप्रतिनिधि शराब के नशे में थे और स्टेज पर चढ़कर बार बालाओं के साथ ठुमके लगाने लगे.
बार बालाओं संग लगाए ठुमके: वायरल वीडियो के बार में बताया जाता है कि अंधरवारी गांव में ही छठी का कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में बार बालाओं को बुलाया गया था. इसी कार्यक्रम में अंधरवारी पंचायत मुखिया और पंचायत समिति सदस्य ने शराब के नशे में खूब डांस किया.
'हमने डांस किया लेकिन शराब नहीं पी': हालांकि इस संबंध में मुखिया और पंचायत समिति सदस्य का कहना है कि हमारे पंचायत में छठी का कार्यक्रम था. हमलोग नवयुवक हैं. स्थानीय नवयुवकों के आग्रह पर हमलोग बार बालाओं के साथ डांस किये. लेकिन हमलोग शराब नहीं पिए थे. बहरहाल इस डांस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
"हमारे पंचायत में छठी का कार्यक्रम था. हमें आमंत्रित किया गया था. लोगों के आग्रह पर हमने डांस किया लेकिन शराब नहीं पी थी."-विनोद कुमार राम, मुखिया, अंधरवारी पंचायत
बिहार में शराबबंदी : बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून (Bihar Liquor Ban) लागू किया गया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था. लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2016 से दिसंबर 2021 तक शराबबंदी कानून के तहत करीब 2.03 लाख मामले सामने आए. इनमें 3 लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 1.08 लाख मामलों का ट्रायल शुरू किया गया. इनमें से 94 हजार 639 मामलों का ट्रायल पूरा हो चुका है. 1 हजार 19 मामलों में आरोपियों को सजा मिली. 610 मामलों में आरोपियों को बरी किया जा चुका है.