नवादा: खेती में खर्च कम करने और लाभ बढ़ाने में मिट्टी जांच की भी अहम भूमिका है. जिले में मिट्टी जांच की पुख्ता व्यवस्था भी है. यहां मिट्टी की जांच के लिए न सिर्फ स्थाई लैब कार्य कर रहा है, बल्कि चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला भी काम कर रहा है. इसी क्रम में हिसुआ प्रखंड के सोनसा ग्राम में चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला से खेतों की मिट्टी जांच की गई.
पीएच के आधार पर मृदा का होता है वर्गीकरण
भूमि का पीएच मान यह बताता है कि भूमि क्षारीय है या अम्लीय. जांच के सहायक निदेशक राजीव रंजन यादव ने बताया जांच के दौरान किसानों को 12 पारा मीटर की जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि 12 पारा मीटर में पीएच, बोरोन, सलफर, ऑर्गेनिक कार्बन, पोटैसियम, फसफोराश, मैक्रोनुट्रियंश जिंक, एफइ, एमएन, कॉपर इत्यादि की जांच की गई.
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बीते दिनों में ऐसा देखा गया है कि किसानों के पास जानकारी नहीं होने के वजह से खादों का असंतुलित उपयोग हुआ है. इससे जमीन का बंजर होना भी बढ़ा है. ऐसे में अब स्वाइल टेस्टिंग के जरिए यह कोशिश की जा रही है कि किसी भी खाद का संतुलित उपयोग ही हो और किसानों की उपज को बेहतर किया जा सके.