नवादा: बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर अनुबंधित पारा मेडिकल स्टाफों ने अनिश्चितमकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इस दौरान लंबित मांगों को लेकर धरना दिया जा रहा है. वही जिले में कामकाज प्रभावित हो रहा है.
सरकार कर रही है छंटनी
स्वास्थ्यकर्मियो का कहना है कि हमलोग अनुबंध पर पिछले 10 साल से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अब जब नियमित करने की बारी आई है तो छंटनी कर दी है. जबकि, हमलोग प्रतियोगिता परीक्षा, साक्षात्कार और मेधा सूची के आधार पर चयनित हुए थे. इस कोरोना महामारी काल में कोविड-19 से संबंधित जांच किया है. 24 घंटे दिन-रात लगकर काम किया है. फिर भी सरकार हमलोगों को नौकरी से छंटनी कर दिया है.
बाहर का सर्टिफिकेट का हवाला दिया
सरकार स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. हमें यह कहकर निकाला जा रहा है कि आपका सर्टिफिकेट बिहार का नहीं है. बिहार के सर्टिफिकेट वालों की नियुक्ति की जाएगी. राज्य में अच्छे इंस्टीट्यूटशन नहीं होने के कारण बाहर जाकर पढ़ाई करना पड़ा. इतना ही नहीं बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा विज्ञान विज्ञापन संख्या के आधार पर सफलतापूर्वक काउंसलिंग द्वारा चयन करने के उपरांत भी राज्य के बाहर से हासिल किए गए. अवैध डिग्रीधारी उम्मीदवारों को साक्षात्कार की सूची में शामिल नहीं किया गया है. हमलोग त्रुटिपूर्ण एवं अपूर्ण मेघा सूची को रद्द करते हुए साल 2019 के सेवा संवर्ग नियमावली के आधार पर नियुक्ति करने की मांग करते हैं.
स्वास्थ्यकर्मियों का यह भी कहना है कि, विभागीय निर्देशानुसार हमलोगों ने समय-समय पर अपने वैध डिग्री का सत्यापन भी करवाया, लेकिन अचानक सरकार हमलोगों की छंटनी करने में लगी है. सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो हमलोग यूं ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे.