नवादा: शिशु विशेषज्ञ डाॅ. कफील खान पर लगे रसुका को हटाकर रिहा करने की मांग को लेकर भाकपा माले, आइसा, इनौस ने राज्यव्यापी विरोध दिवस के तहत प्रदर्शन किया. इस दौरान जिला कार्यालय में काॅ. भोलाराम, रजौली के हरदिया में काॅ. मेवालाल राजवंशी, आकोल पांडेय गंगौट में मंटु कुमार, पकरीवरावा के ढोढा में काॅ. अजीत कुमार मेहता, धरनी विगहा में काॅ. लटन रविदास और नवादा सदर के पछियांडीह में काॅ. सुदामा देवी के नेत्रृत्व में धरना देकर विरोध जताया गया.
रसुका जैसे काला कानून को वापस लेने की मांग
लाॅकडाउन के पालन करते हुए, फिजिकल डिस्टैंसिंग का भी पालन किया गया. साथ ही सरकार विरोधी नारे लगाए, जो क्रमशः शिशु विशेषज्ञ डाॅ. कफील खान को अविलंव रिहा करो. डाॅ. कफील पर से रसुका जैसे काला कानून वापस लो, आंदोलनकारी नेताओं पर से मुकदमा वापस लो, कोरोना जैसे महामारी में देश हित डाॅ. कफील को जेल से बाहर करो आदि मांग की गई.
डाॅ. कफील खान को रिहा करने की मांग
धरना को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि कोविड-19 महामारी में देश से दूसरे देश जाकर वायरस से मुकाबला कर रहे हैं और हमारे देश का काबिल डाॅ. कफील खान को जेल में बंद कर दिया है. आज सख्त जरूरत है कि डाॅ. कफील को रिहा नहीं करने से दूनियां मे गलत छवि का कृत्य सामने आया है. नेताओं ने सरकार से मांग किया कि दिल्ली दंगा का मास्टर माइंड कपील मिश्रा, अनुराग ठाकुर, पवन वर्मा को अविलंव गिरफ्तार करें और निर्दोष डाॅ. कफील खान को रिहा करें. वरना देश कभी माफ नहीं करेगा.