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नवादा: विश्व मानवाधिकार दिवस पर वकीलों ने निकाला कैंडल मार्च

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Published : Dec 11, 2019, 8:19 AM IST

10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसकी घोषणा की गई थी. हालांकि औपचारिक रूप से 1950 में 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा की गई.

Lawyers candle march in nawada
नवादा में वकीलों ने निकाला कैंडल मार्च

नवादा: विश्व मानवाधिकार दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से मंगलवार को कैंडल मार्च निकाला गया. ये मार्च व्यवहार न्यायालय नवादा से निकलकर शहीद भगत सिंह चौक, प्रसाद बिगहा होते हुए समाहरणालय तक पहुंचा. कैंडल मार्च का नेतृत्व जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने किया. उन्होंने कहा कि मनुष्य होने के नाते जो अधिकार आपको मिलने चाहिए, वो सभी अधिकार इसके जरिए मिलते हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की थी घोषणा
बता दें कि 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसकी घोषणा की गई थी. हालांकि औपचारिक रूप से 1950 में 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा की गई. इसके चार दशक बाद भारत में भी 28 सितंबर 1993 को मानवाधिकार कानून को अमल में लाया गया और 12 अक्टूबर को मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: प्रशांत किशोर के ट्वीट पर बोले श्रवण कुमार- पार्टी से बड़ा कोई नहीं

क्या है मानवाधिकार
किसी भी मनुष्य की जिंदगी में मिले वो सभी अधिकार जिस पर उसका अधिकार है. चाहे वो आर्थिक, सामाजिक, समानता, संस्कृति, शिक्षा की ही क्यों न हो, इंसान के इन तमाम अधिकारों को पहचान और अधिकार की लड़ाई को धार देने के लिए ही मानवाधिकार कानून बनाया गया है.

नवादा: विश्व मानवाधिकार दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से मंगलवार को कैंडल मार्च निकाला गया. ये मार्च व्यवहार न्यायालय नवादा से निकलकर शहीद भगत सिंह चौक, प्रसाद बिगहा होते हुए समाहरणालय तक पहुंचा. कैंडल मार्च का नेतृत्व जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने किया. उन्होंने कहा कि मनुष्य होने के नाते जो अधिकार आपको मिलने चाहिए, वो सभी अधिकार इसके जरिए मिलते हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की थी घोषणा
बता दें कि 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसकी घोषणा की गई थी. हालांकि औपचारिक रूप से 1950 में 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा की गई. इसके चार दशक बाद भारत में भी 28 सितंबर 1993 को मानवाधिकार कानून को अमल में लाया गया और 12 अक्टूबर को मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया.

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क्या है मानवाधिकार
किसी भी मनुष्य की जिंदगी में मिले वो सभी अधिकार जिस पर उसका अधिकार है. चाहे वो आर्थिक, सामाजिक, समानता, संस्कृति, शिक्षा की ही क्यों न हो, इंसान के इन तमाम अधिकारों को पहचान और अधिकार की लड़ाई को धार देने के लिए ही मानवाधिकार कानून बनाया गया है.

Intro:नवादा। विश्व मानवाधिकार दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने की ओर से नवादा शहर में मंगलवार को कैंडल मार्च निकाला गया। यह मार्च व्यवहार न्यायालय नवादा से निकलकर शहीद भगत सिंह चौक, प्रसाद बिगहा होते हुए समाहरणालय तक पहुंचा। कैंडल मार्च का नेतृत्व जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य होने के नाते जो अधिकार आपको मिलने चाहिए वो सभी अधिकार इसके जरिए मिलते हैं।

बाइट- प्रवीण कुमार सिंह, सचिव, डीएलएसए नवादा


Body:बता दें कि आज ही के दिन 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसकी घोषणा की गई थी हालांकि औपचारिक रूप से 1950 में हर साल 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा की। इसके चार दशक बाद भारत में भी 28 सितंबर 1993 को मानवाधिकार कानून को अमल लाया और 12 अक्टूबर को मानवाधिकार आयोग का गठन किया।

क्या है मानवाधिकार

किसी भी मनुष्य की जिंदगी में मिले वो सभी अधिकार जिसपर उसका अधिकार है चाहे वो आर्थिक, सामाजिक, समानता,संस्कृति, शिक्षा की ही क्यों न हो। इंसान के इन तमाम अधिकारों को पहचान और अधिकार की लड़ाई को धार देने के लिए ही मानवाधिकार क़ानून बनाया गया है।




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