पटना: बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी को लेकर मतभेद उभर कर सामने आते रहे हैं. केंद्रीय कैबिनेट में जदयू का कोई नुमाइंदा अब तक शामिल नहीं है. उचित हिस्सेदारी मिलने की स्थिति में जदयू केंद्र में सरकार में शामिल हो सकती है. जानकारी के मुताबिक, जल्द ही कैबिनेट का विस्तार हो सकता है.
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कैबिनेट विस्तार पर प्रधानमंत्री का स्वविवेक
दरअसल, लंबे समय से केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार का मामला भी अधर में लटका है. कोरोना संकट और किसान आंदोलन के चलते कैबिनेट का विस्तार टल गया था. लेकिन मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस महीने कैबिनेट विस्तार हो सकता है और सहयोगी दलों को शामिल भी किया जा सकता है.
इस बार जदयू भी कैबिनेट का हिस्सा बनना चाहती है. लेकिन पार्टी उचित प्रतिनिधित्व की मांग करती आ रही है. पार्टी का मानना है कि जिस फार्मूले पर बिहार में मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी तय हुई, उसी फार्मूले पर केंद्र में भी तय होना चाहिए.
"जदयू को उचित हिस्सेदारी मिलेगी तो पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकती है."- आरसीपी सिंह, अध्यक्ष, जदयू
जदयू को उचित हिस्सेदारी की उम्मीद
"जदयू सहयोगी पार्टी है. जदयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहेगी तो जरूर स्वागत किया जाएगा. हालांकि इस पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री को करना है." नवल किशोर यादव, उपनेता, विधान परिषद्
मोदी कैबिनेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम में अभी उनके अलावा 21 कैबिनेट और 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 29 राज्य मंत्री हैं. बता दें कि मोदी की कैबिनेट में अभी 60 मंत्री हैं, जबकि संविधान के अनुसार इनकी संख्या 79 तक हो सकती है. इनमें से कई मंत्रियों के पास दो से तीन मंत्रालय है. जबकि जदयू की तरफ से इस मंत्रिमंडल में कोई शामिल नहीं है.