नवादा: बुधवार को सुमंगलम मैरेज हॉल में विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कराये जाने के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के 2 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय सघन मिशन इन्द्रधनुष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा.
कार्यशाला में जिले के मेडिकल ऑफिसर, प्राईवेट संस्थाओं के चिकित्सकगण, बी.पी.एम., लैब टैक्निशियन, जिला आईईसी सलाहकार, आरबीएसके समन्वयक और डाटा मैनेजर मौजूद रहे.
जिले में होगा 100% टीकाकरण
कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने बताया कि ऐसे उप स्वास्थ्य केन्द्र जहां पर पूर्ण टीकाकरण 80% से कम है, वहां पर इन्द्रधनुष-2 मिशन के तहत बच्चों का शत प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण कराया जाएगा. केन्द्र पर बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल ऑफिसरों को विशेष निगरानी के लिए रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि बिहार के अन्य जिलों में इस टीकाकरण का प्रतिशत मात्र 84% है. जबकि नवादा में यह 88% प्रतिशत है. बावजूद इसके हम इसको 100% तक ले जाना चाहते है.
7 जानलेवा बीमारियों के लिए होगा टीकाकरण
सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने कहा कि इंद्रधनुष-2 मिशन के तहत 5 साल तक के बच्चों को 7 जानलेवा बीमारियों से लड़ने और बचाने के लिए ये टीके दिए जाएंगे. जिसमें खसरा, टिटेनस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस 'बी', विटामिन 'ए' और हिमोफिलिस इंफल्यूएंजा 'बी' के टीके शामिल हैं.
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ग्रामीण इलाके में दिए जाएंगे टीके
मिशन के तहत हर गांव स्तर पर घर-घर जाकर विभागों की संयुक्त टीमें सर्वे कार्य करेंगी. टीम में एएनएच, एमपीडब्ल्यू, आशा सहयोगिनी, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगी. जो 4 बिदुओं पर घरों का सर्वेक्षण कर मार्किंग करेंगी. टीमें 5 साल से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल और प्रबंधन करेंगी. ऐसे में मिशन में दूर-दराज के ग्रामीण इलाके जहां के लोग टीकाकरण के बारे में नहीं जानते, उन स्थानों पर क्षेत्र की आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिए 2 साल तक के बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराया जाएगा.