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नवादाः 2 साल तक के बच्चों के टीकाकरण के लिए चलाया जाएगा इन्द्रधनुष-2 अभियान

इन्द्रधनुष-2 अभियान के जरिए दूर-दराज के ग्रामीण इलाके जहां के लोग टीकाकरण के बारे में नहीं जानते, उन स्थानों पर क्षेत्र की आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिए 2 साल तक के बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराया जाएगा.

इन्द्रधनुष-2 मिशन
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Published : Nov 14, 2019, 12:22 PM IST

नवादा: बुधवार को सुमंगलम मैरेज हॉल में विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कराये जाने के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के 2 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय सघन मिशन इन्द्रधनुष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा.


कार्यशाला में जिले के मेडिकल ऑफिसर, प्राईवेट संस्थाओं के चिकित्सकगण, बी.पी.एम., लैब टैक्निशियन, जिला आईईसी सलाहकार, आरबीएसके समन्वयक और डाटा मैनेजर मौजूद रहे.

जिले में होगा 100% टीकाकरण
कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने बताया कि ऐसे उप स्वास्थ्य केन्द्र जहां पर पूर्ण टीकाकरण 80% से कम है, वहां पर इन्द्रधनुष-2 मिशन के तहत बच्चों का शत प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण कराया जाएगा. केन्द्र पर बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल ऑफिसरों को विशेष निगरानी के लिए रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि बिहार के अन्य जिलों में इस टीकाकरण का प्रतिशत मात्र 84% है. जबकि नवादा में यह 88% प्रतिशत है. बावजूद इसके हम इसको 100% तक ले जाना चाहते है.

कार्यशाला में बताई गई इन्द्रधनुष-2 अभियान से संबंधित सारी बातें

7 जानलेवा बीमारियों के लिए होगा टीकाकरण
सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने कहा कि इंद्रधनुष-2 मिशन के तहत 5 साल तक के बच्चों को 7 जानलेवा बीमारियों से लड़ने और बचाने के लिए ये टीके दिए जाएंगे. जिसमें खसरा, टिटेनस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस 'बी', विटामिन 'ए' और हिमोफिलिस इंफल्यूएंजा 'बी' के टीके शामिल हैं.

यह भी पढ़ेः महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का PMCH में निधन

ग्रामीण इलाके में दिए जाएंगे टीके
मिशन के तहत हर गांव स्तर पर घर-घर जाकर विभागों की संयुक्त टीमें सर्वे कार्य करेंगी. टीम में एएनएच, एमपीडब्ल्यू, आशा सहयोगिनी, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगी. जो 4 बिदुओं पर घरों का सर्वेक्षण कर मार्किंग करेंगी. टीमें 5 साल से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल और प्रबंधन करेंगी. ऐसे में मिशन में दूर-दराज के ग्रामीण इलाके जहां के लोग टीकाकरण के बारे में नहीं जानते, उन स्थानों पर क्षेत्र की आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिए 2 साल तक के बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराया जाएगा.

नवादा: बुधवार को सुमंगलम मैरेज हॉल में विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कराये जाने के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें जिले के 2 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय सघन मिशन इन्द्रधनुष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा.


कार्यशाला में जिले के मेडिकल ऑफिसर, प्राईवेट संस्थाओं के चिकित्सकगण, बी.पी.एम., लैब टैक्निशियन, जिला आईईसी सलाहकार, आरबीएसके समन्वयक और डाटा मैनेजर मौजूद रहे.

जिले में होगा 100% टीकाकरण
कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने बताया कि ऐसे उप स्वास्थ्य केन्द्र जहां पर पूर्ण टीकाकरण 80% से कम है, वहां पर इन्द्रधनुष-2 मिशन के तहत बच्चों का शत प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण कराया जाएगा. केन्द्र पर बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल ऑफिसरों को विशेष निगरानी के लिए रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि बिहार के अन्य जिलों में इस टीकाकरण का प्रतिशत मात्र 84% है. जबकि नवादा में यह 88% प्रतिशत है. बावजूद इसके हम इसको 100% तक ले जाना चाहते है.

कार्यशाला में बताई गई इन्द्रधनुष-2 अभियान से संबंधित सारी बातें

7 जानलेवा बीमारियों के लिए होगा टीकाकरण
सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ प्रसाद ने कहा कि इंद्रधनुष-2 मिशन के तहत 5 साल तक के बच्चों को 7 जानलेवा बीमारियों से लड़ने और बचाने के लिए ये टीके दिए जाएंगे. जिसमें खसरा, टिटेनस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस 'बी', विटामिन 'ए' और हिमोफिलिस इंफल्यूएंजा 'बी' के टीके शामिल हैं.

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ग्रामीण इलाके में दिए जाएंगे टीके
मिशन के तहत हर गांव स्तर पर घर-घर जाकर विभागों की संयुक्त टीमें सर्वे कार्य करेंगी. टीम में एएनएच, एमपीडब्ल्यू, आशा सहयोगिनी, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगी. जो 4 बिदुओं पर घरों का सर्वेक्षण कर मार्किंग करेंगी. टीमें 5 साल से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल और प्रबंधन करेंगी. ऐसे में मिशन में दूर-दराज के ग्रामीण इलाके जहां के लोग टीकाकरण के बारे में नहीं जानते, उन स्थानों पर क्षेत्र की आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिए 2 साल तक के बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराया जाएगा.

Intro:


नवादा : जिले में 0से 2 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण के लिए अभियान चलाया जाएगा । राष्ट्रीय सघन मिशन इन्द्रधनुष 2 टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत समस्त बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कराये जाने के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नवादा के सुमंगलम मैरेज हॉल में बुधवार क़ो आयोजित की गई। Body:कार्यशाला में सिविल सर्जन श्रीनाथ प्रसाद ने बताया कि इस अभियान के अन्तर्गत ऐसे उप स्वास्थ्य केन्द्र जहां पर पूर्ण टीकाकरण अस्सी प्रतिशत से कम हैं वहां पर राष्ट्रीय सघन टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत बच्चों के शत् प्रतिशत् टीकाकरण कराने हेतु स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल आफिसरों को विशेष निगरानी के साथ छूटे बच्चों का टीकाकरण कराया जाना सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा पुरे बिहार के अन्य जिलों में अभी इस टीकाकरण का प्रतिशत मात्र 84 प्रतिशत है जबकि नवादा में यह अभियान अभी 88 प्रतिशत है बावजूद हमें इस अभियान क़ो जिले में 99 या 100 प्रतिशत तक ले जाया जाएगा उन्होंने कहा कि इंद्रधनुष मिशन के तहत पांच साल तक के बच्चों को जानलेवा सात बीमारियों से बीमारियों में खसरा, टिटेनस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस 'बी', विटामिन 'ए' और हिमोफिलिस इंफल्यूएंजा 'बी' शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के तहत विकासखंड के दूर दराज के ग्रामीण इलाके, दूरदराज के मकान, घुमंतू परिवार, विस्थापित परिवार, निर्माणाधीन भवन के मजदूर, कच्ची बस्तियों, ईंट भट्टों, दुर्गम क्षेत्रों या ऐसे परिवार, जो टीकाकरण करवाने में आनाकानी करते हैं, उन स्थानों पर मिशन इंद्रधनुष 2 के तहत क्षेत्र की आशा अथवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से दो साल तक के बच्चों गर्भवती महिलाओं टीकाकरण से वंचित रहे बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा।
अभियान के तहत प्रत्येक गांव स्तर पर घर-घर जाकर विभागों की संयुक्त टीमें सर्वे कार्य करेंगी। टीम में एएनएच, एमपीडब्ल्यू, आशा सहयोगिनी, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगी, जो चार बिदुओं पर घरों का सर्वेक्षण कर मार्किंग करेंगी। टीमें 5 साल से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन करेगी। 6 माह से 5 साल उम्र तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन कर उपचार 9 माह से 5 साल तक के समस्त बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई जाएगी।इस अवसर पर जिला मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि चिकित्सकीय अमले को टीकाकरण अभियान में विशेष रूचि लेकर शत्-प्रतिशत् रिपोर्टिंग हेतु अपने अधीनस्थ एएनएम एवं सुपरवाईजरों के साथ बैठक आयोजित कर कार्य करना चाहिए। कार्यशाला में जिले के मेडिकल आफिसर प्राईवेट संस्थाओं के चिकित्सकगण, बी.पी.एम., लैब टैक्निशियन, सुपरवाईजर तथा जिला आईईसी सलाहकार , आरबीएसके समन्वयक , डाटा मैनेजर उपस्थित थे।Conclusion:
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